

वाहन मालिकाना हक ट्रांसफर क्यों ज़रूरी है और इसे कैसे करें? पूरी जानकारी यहां!
- 1गाड़ी का ट्रांसफर पुराने और नए मालिक—दोनों को कानूनी सुरक्षा देता है
- 2RC ट्रांसफर थोड़ी विस्तृत प्रक्रिया है, पर सही जानकारी से सरल बन जाता है
- 3CARS24 खरीदार और विक्रेता दोनों के लिए ट्रांसफर प्रक्रिया सरल बनाता है
कल्पना कीजिए कि आपने अपनी कार बेच दी और कुछ महीनों बाद उस पर चालान आ गया। या इससे भी बुरा, वह किसी दुर्घटना में शामिल हो गई और आपको इसका ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है। डरावना लगता है, है ना? यही वजह है कि वाहन स्वामित्व ट्रांसफर — जिसे आरसी ट्रांसफर (RC Transfer) भी कहते हैं — बेहद महत्वपूर्ण है। इसे ऐसे समझिए जैसे रिले रेस में एक बैटन को अगले व्यक्ति को सौंपना, लेकिन इसमें सरकार की भी सहमति शामिल होती है। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि वाहन आधिकारिक रूप से खरीदार का हो चुका है और आपको भविष्य में उससे संबंधित किसी भी जिम्मेदारी से मुक्ति मिल जाती है।
हालाँकि आरसी ट्रांसफर सुनने में थोड़ा भारी लगता है, लेकिन यह प्रक्रिया उतनी जटिल नहीं है जितनी लगती है। सही जानकारी, थोड़ी तैयारी और कुछ धैर्य के साथ यह प्रक्रिया काफी आसान हो जाती है। यदि आप अपनी पुरानी कार बेचकर नई लेने का सोच रहे हैं, तो CARS24 इस प्रक्रिया को तेज, पारदर्शी और परेशानी-मुक्त बनाता है, साथ ही आरसी ट्रांसफर भी समय पर पूरा करता है। इस गाइड में हम बताएंगे कि आरसी ट्रांसफर क्यों ज़रूरी है, इसमें क्या-क्या कदम शामिल हैं और इसे आसान बनाने के कुछ टिप्स।
वाहन स्वामित्व ट्रांसफर क्यों ज़रूरी है?

आरसी ट्रांसफर केवल कागज़ी कार्रवाई नहीं है; यह खरीदार और विक्रेता दोनों के लिए एक सुरक्षा कवच है। जानिए क्यों इसे कभी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए:
1. विक्रेता के लिए कानूनी सुरक्षा
जब तक आरसी ट्रांसफर पूरा नहीं होता, कार की रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) पर आपका नाम ही रहेगा। यदि नया मालिक ट्रैफिक नियम तोड़ता है, अपराध करता है या दुर्घटना में शामिल होता है, तो आप कानूनी रूप से ज़िम्मेदार माने जाएंगे।
2. खरीदार के अधिकार सुनिश्चित करना
अगर आरसी पुराने मालिक के नाम पर ही रहती है, तो खरीदार के लिए यह कानूनी रूप से परेशानी खड़ी कर सकती है, जैसे इंश्योरेंस रिन्यूअल या रोड टैक्स भरने में।
3. भारतीय मोटर कानूनों का पालन
भारतीय कानून स्पष्ट रूप से कहते हैं कि आरसी पर मौजूदा मालिक का नाम होना चाहिए। अगर वाहन चला रहे व्यक्ति का नाम मेल नहीं खाता, तो कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
4. इंश्योरेंस कवरेज और क्लेम
अगर आरसी ट्रांसफर नहीं हुआ है, तो खरीदार को बीमा क्लेम करने में परेशानी होगी या वह बीमा ही नहीं करा पाएगा।
5. आर्थिक विवादों से बचाव
ट्रांसफर सही तरीके से हो, तो न तो खरीदार को पुराने चालान, ऋण या टैक्स की चिंता होती है और न ही विक्रेता को बाद में किसी देनदारी से जूझना पड़ता है।
वाहन स्वामित्व कैसे ट्रांसफर करें?
अब जबकि आप इसके महत्व को समझ चुके हैं, आइए जानते हैं इस प्रक्रिया को कैसे पूरा करें:
स्टेप 1: ज़रूरी दस्तावेज़ इकट्ठा करें
आपको नीचे दिए गए दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी:
- मूल आरसी (Registration Certificate)
- फॉर्म 29: विक्रेता और खरीदार दोनों द्वारा साइन किया हुआ
- फॉर्म 30: स्वामित्व ट्रांसफर की पुष्टि करता है
- फॉर्म 28 (NOC): यदि वाहन दूसरे राज्य में ट्रांसफर हो रहा है
- फॉर्म 35: यदि वाहन लोन पर लिया गया था तो आवश्यक
- खरीदार का एड्रेस प्रूफ (आधार कार्ड, पासपोर्ट आदि)
- कार का वैध बीमा सर्टिफिकेट
- पीयूसी (PUC) प्रमाणपत्र
स्टेप 2: ट्रांसफर प्रक्रिया शुरू करें

सभी दस्तावेज़ लेकर अपने आरटीओ जाएं। यदि राज्य बदल रहा है, तो पहले वर्तमान आरटीओ से एनओसी लें। आप यह प्रक्रिया Parivahan पोर्टल से ऑनलाइन भी कर सकते हैं।
स्टेप 3: ट्रांसफर शुल्क का भुगतान करें
आरटीओ एक छोटा सा शुल्क लेता है। यदि आप एजेंट की सहायता लेते हैं, तो वे अतिरिक्त शुल्क ले सकते हैं।
स्टेप 4: दस्तावेज़ सत्यापन और वाहन निरीक्षण
कभी-कभी आरटीओ खरीदार से वाहन दिखाने को कहता है। यह पुष्टि करने के लिए कि सब कुछ वैध है।
स्टेप 5: अपडेटेड आरसी प्राप्त करें
सभी कागज़ी कार्रवाई पूरी होने के बाद, आरटीओ खरीदार के नाम से नई आरसी जारी करेगा।
CARS24 पर आपको सिर्फ बेहतरीन डील ही नहीं मिलती, बल्कि स्वामित्व ट्रांसफर की पूरी सहायता और ‘Kavach’ नामक सेलर प्रोटेक्शन पॉलिसी मिलती है जो जब तक आरसी ट्रांसफर नहीं होती, आपकी पूरी सुरक्षा करती है।
प्रक्रिया में कितना समय लगता है?
भले ही कुछ आरटीओ 7 दिन में ट्रांसफर का दावा करें, लेकिन आम तौर पर यह प्रक्रिया 21 से 30 कार्य दिवस ले सकती है। आप CARS24 पर अपनी आरसी ट्रांसफर की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं।
स्वामित्व ट्रांसफर को आसान बनाने के टिप्स

- सभी बकाया क्लियर करें: चालान, टैक्स या लोन न बचे हों।
- दस्तावेज़ों को दो बार जांचें: ग़लत दस्तावेज़ देरी का कारण बनते हैं।
- Parivahan पोर्टल का उपयोग करें: इससे समय की बचत होती है।
- इंश्योरेंस ट्रांसफर करें: आरसी ट्रांसफर शुरू होते ही बीमा भी ट्रांसफर करें।
- एजेंट की मदद लें (यदि ज़रूरी हो): भारी दस्तावेज़ी कार्य से बचने के लिए।
- CARS24 की विशेषज्ञ टीम के साथ यूज़्ड कार खरीदना और बेचना बेहद आसान हो जाता है। यहां आपको आपकी कार का सबसे अच्छा दाम मिलता है, प्रोसेस तेज़ रहता है और पूरा कागज़ी काम CARS24 खुद संभालता है। इसके अलावा, ‘कवच’ नाम की विशेष सेलर प्रोटेक्शन पॉलिसी के तहत गाड़ी नए मालिक के नाम ट्रांसफर होने तक आपको किसी भी अनचाहे चालान या कानूनी ज़िम्मेदारी से सुरक्षित रखा जाता है।
स्वामित्व ट्रांसफर न करने के परिणाम

- कानूनी जोखिम: कार बेचने के बाद भी अपराध या दुर्घटना की ज़िम्मेदारी आपकी मानी जा सकती है।
- इंश्योरेंस में परेशानी: खरीदार बीमा नहीं करवा पाएगा या क्लेम नहीं ले सकेगा।
- स्वामित्व विवाद: अस्पष्ट स्थिति से विवाद बढ़ सकते हैं।
- आर्थिक बोझ: चालान, टैक्स या बकाया लोन दोबारा विक्रेता या खरीदार के सर पर आ सकते हैं।
निष्कर्ष

वाहन स्वामित्व ट्रांसफर केवल औपचारिकता नहीं है, यह भविष्य की परेशानियों से सुरक्षा का तरीका है। चाहे आप RTO जाकर प्रक्रिया करें या Parivahan पोर्टल से ऑनलाइन, यह प्रक्रिया दस्तावेज़ पूरे होने पर बेहद सरल है। यदि आप CARS24 के माध्यम से वाहन बेचते हैं, तो आपको तेज़, सुरक्षित और भरोसेमंद अनुभव मिलता है जिसमें पूरी RC ट्रांसफर प्रक्रिया शामिल होती है। इसके अलावा अगर आपको एक राज्य से दूसरे राज्य में गाड़ी का रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर करवाना हो तो लिंक पर क्लिक करके सम्पूर्ण जानकारी पढ़ें।
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