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इस राज्य में मिलती है सबसे सस्ती गाड़ी – जानें सबसे कम रोड टैक्स वाला राज्य
- 1इंश्योरेंस और RTO चार्ज समेत ऑन-रोड कीमत राज्य के अनुसार बदलती है
- 2इंजन क्षमता जैसी बातों के आधार पर राज्य सरकार रोड टैक्स लगाती है
- 3कुछ राज्यों में ज़्यादा रोड टैक्स की वजह से ऑन-रोड कीमत भी ज़्यादा होती है
जब भी हम कोई नई कार खरीदते हैं, तो सबसे पहले उसकी एक्स-शोरूम कीमत देखते हैं — लेकिन हकीकत ये है कि हमें जो कीमत चुकानी पड़ती है, वो होती है ऑन-रोड प्राइस। और यही वो जगह है जहां चीज़ें थोड़ी जटिल हो जाती हैं। एक्स-शोरूम कीमत में सिर्फ कार की बेसिक कीमत होती है, जबकि ऑन-रोड कीमत में कई और चार्ज भी जुड़ते हैं — जैसे इंश्योरेंस, RTO फीस, रोड टैक्स और दूसरे जरूरी रजिस्ट्रेशन शुल्क।
ये सभी शुल्क हर राज्य में अलग-अलग होते हैं, और इसीलिए एक ही कार की ऑन-रोड कीमत दिल्ली, मुंबई, चेन्नई या किसी छोटे शहर में अलग हो सकती है। इनमें सबसे बड़ा हिस्सा होता है रोड टैक्स, जिसे राज्य सरकारें तय करती हैं। इसकी गणना कार की इंजन क्षमता, वजन, कीमत, सीटिंग कैपेसिटी और आपके नाम पर पहले से कितनी गाड़ियाँ रजिस्टर्ड हैं — इन सबके आधार पर होती है।
अगर आप भी अपनी अगली कार खरीदने की सोच रहे हैं और जानना चाहते हैं कि रजिस्ट्रेशन के समय कौन-कौन से RTO चार्ज देने होते हैं, किन दस्तावेज़ों की ज़रूरत होती है, और BH सीरीज़ जैसे विकल्पों में कितना खर्च आता है — तो यह लेख आपके लिए एकदम सही है।
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कार रजिस्ट्रेशन के लिए RTO चार्ज क्या होते हैं?
हर नई गाड़ी को भारत में इस्तेमाल करने से पहले क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) में रजिस्टर कराना होता है। RTO शुल्क हर राज्य में अलग-अलग होते हैं, लेकिन इनमें कुछ सामान्य प्रकार के चार्ज शामिल होते हैं:
शुल्क का प्रकार | राशि |
रजिस्ट्रेशन चार्ज | ₹600 |
हाइपोथेकेशन चार्ज (लोन पर खरीदी गई कार के लिए) | ₹1,500 |
नंबर प्लेट चार्ज (HSRP) | ₹400 |
पार्किंग शुल्क/स्टेट डेवलपमेंट चार्ज (कुछ राज्यों में लागू) | ₹2,000 (₹4 लाख तक की कार के लिए), ₹4,000 (₹4 लाख से ऊपर की कार के लिए) |
टेम्पररी रजिस्ट्रेशन | ₹1,500 – ₹2,500 (1 महीने के लिए) |
रोड टैक्स | हर राज्य में अलग |
फास्टैग चार्ज | ₹500 – ₹600 |
भारत के विभिन्न राज्यों में रोड टैक्स कितना लगता है?

रोड टैक्स RTO शुल्क का सबसे बड़ा हिस्सा होता है और हर राज्य में इसकी दर अलग-अलग होती है। नीचे दिए गए टेबल से आप जान सकते हैं कि किस राज्य में कितनी रोड टैक्स देना पड़ता है:
राज्य | वाहन की कीमत | रोड टैक्स (निजी वाहन) | रोड टैक्स (कंपनी वाहन) | MCD पार्किंग शुल्क |
दिल्ली | ₹6 लाख तक | पेट्रोल – 4% डीज़ल – 5% | पेट्रोल – 5% डीज़ल – 6.25% | ₹2,000 (₹4 लाख तक), ₹4,000 (अन्य वाहन) |
उत्तर प्रदेश | ₹10 लाख तक | 8% | N/A | ₹1,500 अतिरिक्त अस्थायी शुल्क (गाज़ियाबाद, नोएडा, आदि के लिए) |
हरियाणा | ₹6 लाख तक | 5% | N/A | N/A |
महाराष्ट्र | ₹10 लाख तक | CNG – 7% पेट्रोल – 11% डीज़ल – 13% | ऊपर की दरों से दुगुना | N/A |
आंध्र प्रदेश | ₹10 लाख तक | 12% | 14% | दूसरे वाहन पर 2% अतिरिक्त टैक्स |
तेलंगाना | ₹10 लाख तक | 12% | 14% | N/A |
केरल | ₹5 लाख तक | 6% | N/A | N/A |
कर्नाटक | ₹5 लाख तक – 13% ₹5-10 लाख – 14% ₹10-20 लाख – 17% ₹20 लाख से अधिक – 18% | N/A | N/A | |
ओडिशा | ₹5 लाख तक | 6% | N/A | N/A |
तमिलनाडु | ₹10 लाख तक | 10% | N/A | N/A |
पश्चिम बंगाल | इंजन क्षमता या फिक्स रेट | 5 वर्षों के लिए एकमुश्त टैक्स | 15 वर्षों के लिए एकमुश्त टैक्स | N/A |
चंडीगढ़ | ₹20 लाख तक | 6% | 0% (विकलांग और NGO कर्मियों के लिए) | N/A |
पंजाब | N/A | 8% + 1% सामाजिक सुरक्षा कर | N/A | N/A |
गुजरात | सभी वाहन | 6% | 12% + 5% VAT | N/A |
राजस्थान | इंजन साइज पर आधारित | पेट्रोल – 6%, डीज़ल – 8% | N/A | N/A |
बिहार | ₹8 लाख तक | 7% | 13% | N/A |
झारखंड | ₹15 लाख तक | 6% | N/A | दूसरे वाहन पर 3% अतिरिक्त टैक्स |
उत्तराखंड | ₹5 लाख तक | 8% | N/A | N/A |
हिमाचल प्रदेश | 1,000cc से कम – 2.5% 1,000cc से अधिक – 3% | N/A | N/A | |
अरुणाचल प्रदेश | ₹3-5 लाख – 2.7% ₹5-10 लाख – 3% ₹10-15 लाख – 3.5% ₹15-18 लाख – 4% ₹18-20 लाख – 4.5% ₹20 लाख से ऊपर – 6.5% | N/A | N/A | |
असम | ₹3-15 लाख – 4% ₹15-20 लाख – 5% ₹20 लाख से ऊपर – 7% | N/A | N/A | |
पुडुचेरी | ₹5 लाख तक | ₹8,000 | N/A | N/A |
दमन और दीव | ₹10 लाख तक – 2.5% ₹10 लाख से ऊपर – 3% | N/A | N/A |
निष्कर्ष:
ऊपर दिए गए आंकड़ों से साफ है कि हिमाचल प्रदेश में रोड टैक्स सबसे कम है, जिसकी वजह से वहां नई कारों की ऑन-रोड कीमत भी सबसे कम आती है। वहीं, कर्नाटक में रोड टैक्स सबसे ज़्यादा है, जिसकी वजह से कारें वहां सबसे महंगी पड़ती हैं।
नई कार के रजिस्ट्रेशन के लिए कौन-कौन से डॉक्युमेंट्स लगते हैं?
अक्सर डीलरशिप खुद ही आपकी कार को RTO में रजिस्टर कराने की जिम्मेदारी उठाती है। लेकिन अगर आप खुद से रजिस्ट्रेशन करवाना चाहते हैं तो नीचे दिए गए दस्तावेज़ जरूरी होंगे:
- इनवॉयस: रिटेल इनवॉयस और निर्माता की इनवॉयस जिसमें चेसिस नंबर हो
- बिक्री प्रमाण पत्र (फॉर्म 21): वाहन के मॉडल, निर्माण तिथि, कीमत आदि की जानकारी
- रोड वर्थीनेस सर्टिफिकेट (फॉर्म 22): जो यह साबित करता है कि वाहन सुरक्षित और मानकों के अनुसार है
- बीमा प्रमाणपत्र: वैध इंश्योरेंस पॉलिसी की कॉपी (आवश्यक)
- हाइपोथेकेशन (फॉर्म 34): अगर गाड़ी लोन पर ली गई हो
- रजिस्ट्रेशन फॉर्म (फॉर्म 20): साथ में टेम्पररी रजिस्ट्रेशन फॉर्म की कॉपी (30 दिन तक वैध)
- ID और एड्रेस प्रूफ: आधार, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेज़
- चेसिस इम्प्रिंट: पेंसिल से प्लेन पेपर पर लिया गया चेसिस नंबर
- अतिरिक्त दस्तावेज़: अगर आप दूसरे राज्य से गाड़ी ला रहे हैं, तो IGST बिल भी देना होगा
भारत सीरीज़ (BH Series) व्हीकल रजिस्ट्रेशन के लिए कितना शुल्क देना होता है?
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आज के समय में कई प्रोफेशनल्स को काम के सिलसिले में अलग-अलग राज्यों में ट्रांसफर होना आम बात है। ऐसे में हर बार वाहन रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर कराना परेशानी भरा हो सकता है। इस समस्या का हल है – भारत सीरीज़ (BH Series) रजिस्ट्रेशन।
यह खास रजिस्ट्रेशन सीरीज़ केवल नॉन-ट्रांसपोर्ट वाहनों के लिए उपलब्ध है और इसमें वही लोग आवेदन कर सकते हैं जो:
- केंद्र या राज्य सरकार के कर्मचारी हों
- पब्लिक सेक्टर यूनिट्स (PSU) में काम करते हों
- ऐसे प्राइवेट सेक्टर कर्मचारी हों जिनकी कंपनी के कम से कम चार राज्यों में ऑफिस हों
भारत सीरीज़ रजिस्ट्रेशन के लिए रोड टैक्स फीस:
वाहन प्रकार | एक्स-शोरूम कीमत | रोड टैक्स (BH सीरीज़) |
पेट्रोल या CNG कार | ₹10 लाख से कम | 8% |
₹10 लाख से ₹20 लाख | 10% | |
₹20 लाख से अधिक | 12% | |
इलेक्ट्रिक वाहन (EV) | ₹10 लाख से कम | 6% |
₹10 लाख से ₹20 लाख | 8% | |
₹20 लाख से अधिक | 10% | |
डीज़ल कार | ₹10 लाख से कम | 10% |
₹10 लाख से ₹20 लाख | 12% | |
₹20 लाख से अधिक | 14% |
अतिरिक्त शुल्क:
नगर निगम शुल्क और स्टेट डेवलपमेंट सेस – राज्य के अनुसार लागू होंगे
अगर आप जानना चाहते हैं कि बॉलीवुड के फिल्मी सितारे अपनी लग्जरी कारों के लिए कितना रोड टैक्स देते हैं तो अभी हमारा आर्टिकल महाराष्ट्र रोड टैक्स से जुड़ी पूरी गाइड पढ़िए।
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