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BH नंबर प्लेट:भारत सीरीज नंबर प्लेट के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें ?
- 1BH नंबर प्लेट पूरे देश में वैध है हर राज्य में अलग से रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं है
- 2आप MoRTH की वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
- 3ये नंबर प्लेट सिर्फ नॉन-कमर्शियल और निजी वाहनों के लिए ही उपलब्ध है.
- BH सीरीज नंबर प्लेटें क्या हैं और इनकी जरूरत क्यों होती है.
- BH सीरीज नंबर प्लेट के फॉर्मेट की पूरी जानकारी
- भारत सीरीज रजिस्ट्रेशन नंबर का फायदा कौन-कौन ले सकता है?
- पात्रता के मानदंड (एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया): BH नंबर प्लेट
- BH सीरीज नंबर प्लेट के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
- BH सीरीज रजिस्ट्रेशन प्लेट के लिए जरूरी दस्तावेज
- BH नंबर प्लेट की लागत और वैधता अवधि
- BH सीरीज रजिस्ट्रेशन प्लेट की मुख्य सुविधाएं
- BH सीरीज नंबर प्लेट की खूबियां और कमियां
- BH सीरीज नंबर प्लेट: खास जानकारी
- अहम बात: आपको BH सीरीज नंबर प्लेट लेनी चाहिए या नहीं?
मुझे आज भी याद है जब मेरी पहली-पहली जॉब लगी थी और मैं जयपुर से मुम्बई गया था तब मैं अपनी बाइक भी अपने साथ ले गया। पर मुझे क्या पता था कि एक राज्य से दूसरे राज्य में अपना वाहन ले जाने पर बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। कई बार मुझे ट्रैफिक पुलिस ने रोक लिया और कागज मांगे। फिर मुझे पता चला कि मुझे मेरी बाइक को मुम्बई के RTO में दुबारा से रजिस्टर करवानी पड़ेगी फिर क्या था ऑफिस से छुट्टी लेकर पहले मुझे ये काम करवाना पड़ा। आम जनता की इसी असुविधा को देखते हुए भारत सरकार ने BH सीरीज के अर्न्तगत पूरे देश में समान रूप से वैध, वाहन रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू करी है, आइए आज उसी के बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं।
BH यानि भारत नम्बर प्लेट की शुरुआत साल 2021 में हुई थी, यह रजिस्ट्रेशन सीरीज उन लोगों की लाइफ को आसान बनाती है जिनको अपनी नौकरी की वजह से बार-बार अपना शहर बदलना पड़ता है या फिर जिनको अपने बिजनेस की वजह से, अपने निजी वाहन से पूरे भारत में भ्रमण करना पड़ता है। बस एक बार इस सीरीज का रजिस्ट्रेशन नम्बर लीजिए और पूरे भारत में चिंतामुक्त होकर अपना वाहन चलाइए, है ना ये दिलचस्प सुविधा।
इस लेख में हमने बीएच नम्बर के लिए आवेदन करने की पात्रता से लेकर प्रक्रिया तक, पूरी जानकारी विस्तार से साझा की है, तो देर किस बात की, चलिए शुरू करते हैं।
BH सीरीज नंबर प्लेटें क्या हैं और इनकी जरूरत क्यों होती है.
मोटर वाहन अधिनियम के मुताबिक, यात्री वाहन के मालिकों को किसी अन्य राज्य में शिफ्ट होने के 12 महीने के भीतर अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन भी ट्रांसफर करना होता है. इस कानून का पालन न करने पर आप पर जुर्माना लगाया जा सकता है और इसके अलावा पेनल्टी (जेल या कोई अन्य सजा) भी लग सकती है. लेकिन, किसी नए राज्य में अपने वाहन को फिर से रजिस्टर करवाना बेहद थकाने वाली और वक्त बर्बाद करने वाली प्रक्रिया साबित हो सकती है.
भारत (BH) नंबर प्लेट को एक यूनिफाइड नंबर प्लेट के तौर पर पेश किया गया था जिसकी वैधता पूरे देश में है. यह उन लोगों के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य में शिफ्ट होना आसान बना देती है जिनके नौकरी की वजह से बार-बार ट्रांसफर होते रहते हैं. BH नंबर प्लेट सितंबर 2021 में लागू हुई थीं.
BH सीरीज नंबर प्लेट के फॉर्मेट की पूरी जानकारी
BH सीरीज नंबर प्लेट स्पष्ट और साफ समझ आने वाली है. यह प्लेट इन चार हिस्सों में बंटी होती हैः "YY BH #### AA".
- पार्ट 1: "YY" रजिस्ट्रेशन का साल दिखाता है.
- पार्ट 2: "BH" भारत सीरीज का छोटा रूप है और इसमें अंग्रेजी में भारत शब्द के शुरुआती दो अक्षर होते हैं.
- पार्ट 3: "####" रेंडम तरीके से चुने गई चार अंकों की संख्या होती है.
- पार्ट 4: "AA" यह अंग्रेजी के A से Z तक के अक्षरों के बीच से आपके वाहन को मिली रैंडम अक्षरों से बनी जोड़ी को दर्शाता है.
BH नंबर प्लेट, आम नंबर प्लेटों से अलग होती हैं, क्योंकि इन पर किसी राज्य या जिले के रजिस्ट्रेशन की जानकारी नहीं होती. उदाहरण के लिए, 2024 में खरीदे गए वाहन को महाराष्ट्र में रजिस्टर करने पर उसका नंबर होगा "MH 02 RS 3535". हालांकि, BH नंबर प्लेट के मामले में यह रजिस्ट्रेशन नंबर "24 BH 2525 AC" होगा.
भारत सीरीज रजिस्ट्रेशन नंबर का फायदा कौन-कौन ले सकता है?
शुरू में BH सीरीज नंबर प्लेटें सिर्फ ऐसे सरकारी या निजी क्षेत्र में काम करने वाले के कर्मचारियों के लिए उपलब्ध थीं जिनके दफ्तर चार या उससे ज्यादा राज्य या केंद्र शासित प्रदेशों में हों. साथ ही, सिर्फ नए वाहन ही भारत नंबर प्लेट सीरीज के तहत रजिस्टर किए जा सकते हैं. हालांकि, नियम में हाल ही में हुए संशोधन के बाद सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने इस स्कीम का विस्तार किया है जिसके बाद अब सामान्य नंबर प्लेट को BH सीरीज की नंबर प्लेट में बदला जा सकता है. हालांकि, इसके लिए वाहन मालिक को जरूरी टैक्स देने होंगे और जरूरी शर्तें पूरी करनी होंगी.
पात्रता के मानदंड (एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया): BH नंबर प्लेट
भारत सीरीज फिलहाल गैर-कमर्शियल वाहनों के लिए ही उपलब्ध है और यह सिर्फ भारत के नागरिकों के लिए ही है. BH नंबर प्लेट लेने के लिए आपका इन ग्रुप में से किसी एक में से शामिल होना जरूरी है:
- राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारी
- रक्षा क्षेत्र में काम करने वाले लोग
- बैंक और प्रशासनिक सेवा वाले कर्मचारी
- निजी सेक्टर के कर्मचारी जिनकी कंपनी के दफ्तर चार या उससे ज्यादा राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में हों.
इन मानदंडों को पूरा करने के अलावा आवेदन करने वालों को यह पक्का करना जरूरी है कि वाहन का रोड टैक्स चुकाया गया हो. साथ ही, उनके पास एक वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (PUC) होना चाहिए. अगर आवेदन करने वाले इन शर्तों को पूरा नहीं करते हैं, तो हो सकता है कि उनको BH सीरीज नंबर प्लेट की सुविधा न मिल पाए.
BH सीरीज नंबर प्लेट के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
BH सीरीज नंबर प्लेट के लिए आवेदन करना आसान है. BH नंबर प्लेट सीरीज के लिए आप ऑनलाइन या डीलर के जरिये आवेदन कर सकते हैं. यहां एक क्विक गाइड दी गई है:
ऑनलाइन आवेदन:
- ऑनलाइन पोर्टल पर जाएं: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की परिवहन वेबसाइट पर जाएं
- वाहन रजिस्ट्रेशन: होमपेज पर जाकर "Vehicle Registration" पर क्लिक करें और "Bharat Series" को चुनें
- जानकारी डालें: आपके वाहन के रजिस्ट्रेशन की जानकारी डालें
- दस्तावेज अपलोड करें: पात्रता और पते से की पुष्टि करने वाले दस्तावेज अपलोड करें (दस्तावेजों की सूची अगले आर्टिकल में दी गई हैं.)
- शुल्क चुकाएं: रजिस्ट्रेशन के लिए शुल्क चुकाने की प्रक्रिया पूरी करें.
- रजिस्ट्रेशन की रसीद पाएंः रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद आपको एक खास नंबर के साथ रसीद मिलेगी जो रजिस्ट्रेशन की पुष्टि करेगी.
- वेरिफिकेशन: आपके दस्तावेजों की पुष्टि हो जाने के बाद आपकी नंबर प्लेट जारी कर दी जाएगी.
डीलर के जरिए आवेदन करना:
- डीलर की सहायता: आप परिवहन वेबसाइट पर Form 20 भरने के लिए डीलर की सहायता ले सकते हैं.
- BH सीरीज चुनें: आवेदन की प्रक्रिया के दौरान "BH" सीरीज चुनें.
- पुष्टि: इसके बाद, राज्य के संबंधित अधिकारी आपकी पात्रता की पुष्टि करते हैं.
- दस्तावेज जमा करें: जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराएं (इन दस्तावेजों की लिस्ट अगले सेक्शन में दी गई है)
- शुल्क जमा करें: RTO की मंजूरी मिलने के बाद, मोटर वाहन टैक्स से जुड़ा जरूरी शुल्क ऑनलाइन जमा करें.
आप जो भी तरीका अपनाएं, इन स्टेप को पूरा करने के बाद पोर्टल आपका BH सीरीज रजिस्ट्रेशन नंबर जनरेट करेगा जिससे आप पूरे देश में कहीं भी बिना किसी परेशानी के यात्रा कर पाते हैं.
BH सीरीज रजिस्ट्रेशन प्लेट के लिए जरूरी दस्तावेज
BH सीरीज नंबर प्लेट के लिए आवेदन करने के लिए जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट
- आधार कार्ड
- PAN कार्ड
- फॉर्म 60 (निजी सेक्टर के कर्मचारियों के लिए)
- आधिकारिक आईडी कार्ड (PSU या आपकी नौकरी के हिसाब से सरकारी कर्मचारी का आईडी कार्ड)
कंपनी का GST नेटवर्क
ये सारे दस्तावेज तैयार रखने से यह पक्का होता है कि BH सीरीज नंबर प्लेट के लिए आवेदन की प्रक्रिया आसानी से पूरी हो जाए.
BH नंबर प्लेट की लागत और वैधता अवधि
BH सीरीज नंबर प्लेट वाले वाहनों के लिए मोटर वाहन टैक्स या रोड टैक्स शुरुआत में दो साल के लिए लिया जाता है. इसके बाद यह 14 साल तक हर दो साल में चुकाना होता है. एक बार वाहन 14 साल की इस सीमा को पार कर लेता है, तो टैक्स पिछली दरों के मुकाबले आधी दर पर हर साल लिया जाता है.
कारों की इनवॉइस कीमत के हिसाब से लगने वाले रोड टैक्स को विस्तार से बताया गया है:
जानकारी | |
BH सीरीज वाले वाहनों पर लगने वाले रोड टैक्स की अवधि | - 2 सालों के लिए शुल्क लिया जाएगा, जिसे दो के गुणक में बढ़ाया जा सकता है (4, 6, और 8 साल)
- ऑनलाइन पेमेंट का विकल्प उपलब्ध है
- वैधता: 14 साल, इसके बाद हर साल पैसे चुकाना जरूरी है |
BH सीरीज नंबर प्लेट के खर्च की जानकारी | |
वाहन की कीमत 10 लाख से कम होने पर | 8% |
वाहन की कीमत 10 से 20 लाख के बीच होने पर | 10% |
वाहन की कीमत 20 लाख से ज्यादा होने पर | 12% |
अतिरिक्त शुल्क | |
डीजल वाहनों के लिए 2% सरचार्ज | |
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 2% कटौती | |
रोड टैक्स चुकाने की अवधि | निजी वाहन मालिक हर दो साल में टैक्स दें या दो के गुणक में जैसे कि 4, 6 और 8 |
यह ध्यान रखें कि वाहनों पर लगने वाले रोड टैक्स के मामले में डीजल वाहनों को 2% अतिरिक्त टैक्स देना होता है वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 2% की बचत होती है.
BH सीरीज रजिस्ट्रेशन प्लेट की मुख्य सुविधाएं
BH सीरीज नंबर प्लेटें को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है और उन्हें आसानी से पहचान लिया जाता है. इस तरह की नंबर प्लेटों से समय बचता है, कम मेहनत करनी पड़ती है और कागजी कार्रवाई भी कम हो जाती है. नीचे कुछ अलग-अलग सुविधाओं के बारे में बताया गया है और इनकी वजह से ये नंबर प्लेटें सामान्य प्लेटों से अलग होती हैं.
- सुरक्षित एवं छेड़छाड़-रहित: BH नंबर प्लेट बेहद सुरक्षित होती है और इसके साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती. सुरक्षा सुविधाओं में लेजर से लिखा नंबर, होलोग्राम और खास बारकोड शामिल हैं.
- BH सीरीज की रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेटें सिर्फ निजी इस्तेमाल के लिए होती हैं, न कि व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए. इसका मतलब है कि निजी वाहनों के मालिक फिलहाल इस सुविधा का फायदा ले सकते हैं.
- देशभर में वैधता: BH सीरीज प्लेट के इस्तेमाल से, देश के अलग-अलग राज्यों में जाने पर, हर राज्य में वाहन का फिर से रजिस्ट्रेशन करवाने की समस्या बचा जा सकता है क्योंकि BH सीरीज की नंबर प्लेट पूरे देश में मान्य होती हैं. इसके अलावा, इन प्लेटों के लिए रोड टैक्स देश में कहीं से भी ऑनलाइन चुकाया जा सकता है.
- खास फॉर्मेट के साथ एक समान डिजाइन: BH नंबर प्लेट की डिजाइन एक समान होती है जो इसे सामान्य नंबर प्लेट से अलग बनाती है.
- वाहन फिर से बेचने में आसानी: BH सीरीज नंबर प्लेटें किसी वाहन के लिए नहीं बल्कि किसी व्यक्ति के लिए रजिस्टर होती हैं, इसलिए BH नंबर प्लेट से जुड़े वाहनों को BH सीरीज के पात्र और अपात्र दोनों तरह के खरीदारों को बेचा जा सकता है. हालांकि, अपात्र खरीदारों के लिए, नए मालिकों को BH सीरीज नंबर प्लेट वाला वाहन खरीदने के बाद उस वाहन को स्थानीय RTO में रजिस्टर करवाना होता है और राज्य का रजिस्ट्रेशन नंबर लेना होता है. राज्य के नियमों के मुताबिक रजिस्ट्रेशन के लिए लगने वाला शुल्क और टैक्स भी कार मालिक को चुकाने होंगे.
BH सीरीज नंबर प्लेट की खूबियां और कमियां
अगर आप अपने वाहन के लिए एक BH नंबर प्लेट लेना चाहते हैं, तो यहां इस प्लेट के फायदों और नुकसान दोनों की जानकारी दी गई है, ताकि आप एक सही फैसला ले सकें:
फायदे: BH सीरीज नंबर प्लेट
- वाहन की सुरक्षा: हाई लेवल के सुरक्षा फीचर और छेड़छाड़ रहित होने जैसे सुविधा के साथ BH सीरीज वाहन चोरी रोकने में फायदेमंद साबित हो सकती है.
- वाहन का आसानी से रजिस्ट्रेशन: BH नंबर प्लेट, वाहन के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आसान हो जाती है. अगर आपको अक्सर काम की वजह से अलग-अलग शहरों में शिफ्ट होना पड़ता है तो आपको यह पता होगा कि हर राज्य में वाहन को फिर से रजिस्टर करवाना कितना परेशानी भरा होता है. इस नंबर प्लेट की वजह से आप अनचाही कागजी कार्रवाई से बचने के साथ-साथ अपना समय भी बचा सकते हैं.
- देशभर में वैधता: BH नंबर प्लेट से आपका वाहन देश के किसी भी राज्य में जा सकता है और इसके लिए आपको किसी भी तरह की अतिरिक्त अनुमति या रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होती.
- खर्च में बचत: फिर से रजिस्ट्रेशन करवाने में इसमें लगने वाला टैक्स और अतिरिक्त दस्तावेजों के लिए शुल्क चुकाने होते हैं. इसलिए, BH सीरीज की नंबर प्लेट लेकर बार-बार रजिस्ट्रेशन करवाने की परेशानी और खर्चों से बचा जा सकता है. यह नंबर प्लेट एक अच्छा निवेश साबित हो सकती है.
नुकसान: BH सीरीज नंबर प्लेट
- सीमित पात्रता: BH नंबर प्लेट की सबसे बड़ी कमी यह है कि इसकी पात्रता सीमित है. इसका फायदा कमर्शियल वाहनों के मालिक नहीं ले सकते. हालांकि, सरकार इस सुविधा को अन्य वाहन मालिकों के लिए भी बढ़ाने की तैयारी में है. फिलहाल, यह सीरीज कुछ चुनिंदा समूहों के लिए ही उपलब्ध है.
इस नंबर प्लेट के लिए पात्र समूहों में सरकारी कर्मचारी, रक्षा अधिकारी, बैंक और प्रशासनिक सेवा कर्मचारी और ऐसी निजी कंपनियों के कर्मचारी शामिल हैं जिनके दफ्तर कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हैं. इसका मतलब है कि BH सीरीज नंबर प्लेट सभी वाहन मालिकों को नहीं मिल सकती.
- जनरेट किए रैंडम नंबर: BH सीरीज नंबर प्लेट में मौजूद तीसरे नंबर की यूनिट होती है चार अंकों वाला नंबर. इस रैंडम नंबर को सिस्टम से जनरेट किया जाता है. इसका मतलब है कि वाहन मालिक स्पेशल नंबर प्लेट की तरह अपनी पसंद का नंबर नहीं चुन सकते.
- तय समय में टैक्स का भुगतान: BH सीरीज के लिए रोड टैक्स का भुगतान हर दो साल में किया जाता है. हालांकि, यह उन लोगों के लिए अतिरिक्त बोझ की तरह हो सकता है जिन्हें हर बार एक नए शहर में शिफ्ट होने का खर्च उठाना पड़ता है.
BH सीरीज नंबर प्लेट: खास जानकारी
मार्क का नाम | भारत सीरीज मार्क (BH सीरीज) |
संबंधित मंत्रालय | सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) |
अधिनियम | मोटर वाहन अधिनियम |
नियम | केंद्रीय मोटर वाहन (बीसवां संशोधन) नियम |
किस साल आया | 2021 |
उद्देश्य | नए राज्य में शिफ्ट होने वाले वाहनों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को सरल बनाना |
मुख्य सुरक्षा फीचर | छेड़छाड़ रहित, लेजर से नंबरिंग, होलोग्राम और खास बारकोड |
लागू | देशभर में (सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश) |
रजिस्ट्रेशन का तरीका | ऑनलाइन (स्वयं या RTO अधिकारी के जरिए) |
आधिकारिक पोर्टल | morth.nic.in |
पात्रता | सिर्फ गैर-व्यावसायिक वाहन ही पात्र: यह सिर्फ राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारियों, प्रशासनिक सेवा, बैंक, निजी सेक्टर के उन कर्मचारियों के लिए है जिनकी दफ्तर चार से ज्यादा राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में हों. |
अहम बात: आपको BH सीरीज नंबर प्लेट लेनी चाहिए या नहीं?
आसान शब्दों में, BH सीरीज रजिस्ट्रेशन प्लेटें बार-बार कहीं आने जाने वाले लोगों के लिए वाहन चलाना आसान बनाती है और खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद साबित होती हैं जिनका अक्सर ट्रांसफर होता रहता है. ये नंबर प्लेटें पूरे देश में यात्रा करने की आजादी देती हैं. साथ ही, बार-बार रजिस्ट्रेशन करवाने की जरूरत नहीं होती जिससे कि पैसे की बचत होती है.
लेकिन BH सीरीज प्लेटों की सुविधा सिर्फ कागजी कार्रवाई से कहीं आगे तक है. ये प्लेटें फिर से रजिस्ट्रेशन करवाने की परेशानी से बचाती हैं और सड़क पर बेफिक्र होकर यात्रा करने में मददगार साबित होती हैं. इसलिए, अगर आप पात्रता शर्तें पूरी करते हैं तो फिर वाहन के मालिकाना हक को आसान बनाने की सुविधा का फायदा क्यों न लें?
अगर आपको लगता है कि आपको अपने वाहन को बार-बार एक राज्य से दूसरे राज्य में नहीं ले जाना पड़ेगा तो आप उस वाहन का रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर संबन्धित राज्य में करा लें। रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर की अधिक जानकारी के लिए हमारा आर्टिकल एक राज्य से दूसरे राज्य में गाड़ी का रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर कैसे करें जरूर पढ़ें।
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