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RTO Forms 28, 29, 30, and 35
RTO Forms 28, 29, 30, and 35

RTO फाॅर्म 28, 29, 30, और 35 - जल्दी और आसानी से पुरानी कार खरीदने का तरीका जानें

26 Aug 2025
Key highlights
  • 1
    कार के मालिकाना हक के कानूनी ट्रांसफर के लिए RTO फाॅर्म 28, 29 और 30 जरूरी हैं
  • 2
    फाॅर्म 35 लीज या लोन खत्म होने पर कार ग्रहणाधिकार (लीन)/दावा हटाने में मदद करता है
  • 3
    कार का मालिकाना हक आसानी से ट्रांसफर करने के लिए जरूरी सभी फाॅर्म ऑनलाइन उपलब्ध हैं
आउटलाइन

अगर आप पुरानी कार खरीदना या बेचना चाहते हैं, तो आपको RTO फाॅर्म 28, 29, 30 और 35 के बारे में पता होना चाहिए, क्योंकि वे इस प्रक्रिया के लिए जरूरी होते हैं. आपको यह प्रक्रिया बहुत कठिन लग सकती है. लेकिन परेशान न हों, हमने आपके लिए दस्तावेजों की एक आसान चेकलिस्ट बनाई है. साथ ही, इस बारे में बताया है कि आपको सभी फाॅर्म की जरूरत क्यों पड़ती है. इसके अलावा, पुरानी कार खरीदने या बेचने के लिए जरूरी सभी जानकारी दी गई है, ताकि आपको कोई परेशान न हो.

 

पुरानी कार बेचने के लिए RTO कौन-से फाॅर्म जारी करता है?

 

सरकार को सड़क पर कारों की संख्या, उनके मालिक की जानकारी और इस बात पर नजर रखनी पड़ती है कि क्या कार के मालिक ने सभी जरूरी टैक्स का भुगतान किया है. इसका मतलब यह है कि विभागों को यह पक्का करना होता है कि कार का मालिक अपनी कारों के मालिकाना हक और उन्हें चलाने की जिम्मेदारी ले रहे हैं या नहीं. उन्हें यह भी पक्का करना होगा कि अगर कोई दुर्घटना होती है, तो उसमें शामिल लोग उत्तरदायित्वों या देनदारियों से सुरक्षित रहें. जब आप अपनी कार को RTO में रजिस्टर करते हैं, तो इससे सरकार वाहन का रिकॉर्ड रखती है और अगर आप कार बेचना चाहते हैं, तो विक्रेता द्वारा जरूरी फाॅर्म भरकर नए मालिक की जानकारी को सरकारी रिकॉर्ड में अपडेट किया जाता है.

 

फाॅर्म 29 और 30 मुख्य फाॅर्म हैं जिन्हें पुरानी कार बेचते समय भरकर RTO में जमा किया जाता है. इसके अलावा, कई अलग-अलग वजहों से कार के मालिक को फाॅर्म 24, 28 और 35 भरकर RTO में जमा करना पड़ सकता है. आइए, सभी फाॅर्म के बारे में विस्तार से जानें:

 

RTO फाॅर्म 28: वाहन के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC)

 

Form 28

 

  • यह क्या होता है?

 फाॅर्म 28 के जरिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) के लिए आवेदन किया जाता है.

 

  • यह कब चाहिए होता है?

 अगर कार का रजिस्ट्रेशन, मूल रजिस्ट्रेशन वाले राज्य के अलावा किसी अन्य राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में कराना हो.

 

  • यह क्यों चाहिए? 

क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में कार के मालिकाना हक के नियम अलग-अलग होते हैं. अगर कार का मालिकाना हक किसी अलग क्षेत्र में ट्रांसफर हो रहा है, तो वह किसी भी बकाया राशि या कानूनी अपराध से मुक्त होनी चाहिए. 

 

  • यह किसके लिए है?

 विक्रेता को मूल RTO से NOC के लिए आवेदन करना होगा.

 

  • इसके लिए क्या दस्तावेज चाहिए?

 विक्रेता को सही तरीके से भरे हुए फाॅर्म 28 के साथ ये दस्तावेज जमा करने होंगे:

  1. वाहन का असली रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट
  2. प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट (PUC)
  3. बीमा पॉलिसी का सर्टिफिकेट
  4. रजिस्टर्ड मालिक के पते का प्रमाण (एड्रेस प्रूफ)
  5. अगर कार लीज पर है या किराए पर लेकर किस्तों में खरीदारी वाली (हायर-परचेज) है, तो डीलरशिप से NOC
  6. अगर कार का कोई लोन चल रहा है या उसका कोलेट्रल एग्रीमेंट है, तो बैंक या वित्तीय संस्थान से NOC

 

RTO फाॅर्म 29: वाहन का मालिकाना हक ट्रांसफर करने के लिए

 

form 29

 

  • यह क्या होता है?

फाॅर्म 29 मोटर वाहन के मालिकाना हक के ट्रासंफर का नोटिस होता है.

 

  • यह कब चाहिए होता है? 

 इसकी जरूरत पुरानी कार की बिक्री प्रक्रिया की शुरुआत में होती है.  

 

  • यह क्यों चाहिए?

 यह फार्म RTO को बताता है कि कार का मालिक अपनी कार बेचना चाहता है. इस फॉर्म की मदद से थर्ड पार्टी के विक्रेता/डीलर को दिखाने/अपने यहां रखने के लिए असली मालिक से कार ले पाते हैं.

 

  • यह किसके लिए है?

 विक्रेता को, अपने और खरीदार दोनों द्वारा साइन किया का फाॅर्म 29 पूरा भरके उस RTO में जमा कराना होगा जहां कार रजिस्टर है.

 

  • इसके लिए क्या दस्तावेज चाहिए?

 विक्रेता को सही तरीके से भरे हुए फाॅर्म 29 के साथ ये दस्तावेज जमा कराने होंगे:

  1. वाहन का असली रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट
  2. प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट (PUC)
  3. बीमा पॉलिसी का सर्टिफिकेट
  4. रजिस्टर्ड मालिक के पते का प्रमाण (एड्रेस प्रूफ)
  5. खरीदार के पते का प्रमाण (एड्रेस प्रूफ)
  6. अगर कार लीज पर है या किराए पर लेकर किस्तों में खरीदारी वाली (हायर-परचेज) है, तो डीलरशिप से NOC
  7. अगर कार का कोई लोन चल रहा है या उसका कोलेट्रल एग्रीमेंट है, तो बैंक या वित्तीय संस्थान से NOC

     

RTO फाॅर्म 30: मोटर वाहन के मालिकाना हक के ट्रांसफर की रिपोर्ट

 

form 30

 

  • यह क्या होता है? 

फाॅर्म 30 मोटर वाहन के मालिकाना हक के ट्रांसफर की सूचना व ट्रांसफर के लिए एक आवेदन फॉर्म है.

 

  • यह कब चाहिए होता है?

 पुरानी कार खरीदने की प्रक्रिया पूरी करते समय.  

 

  • यह क्यों चाहिए? 

इससे RTO को पुरानी कार खरीदने वाले के बारे में जानकारी मिल जाती है. किसी पुरानी कार के मालिकाना हक का ट्रांसफर कानूनी रूप से नए मालिक को करने के लिए यह फॉर्म जरूरी होता है.

 

  • यह किसके लिए है?

 खरीदार को उस RTO में विक्रेता और खरीदार दोनों द्वारा साइन किया गया फाॅर्म 30 सबमिट करना होगा, जिसके अधिकार क्षेत्र में वे कार को रजिस्टर कराना चाहते हैं.

 

  • इसके लिए क्या दस्तावेज चाहिए? 

विक्रेता को सही तरीके से भरे हुए फाॅर्म 30 के साथ ये दस्तावेज सबमिट करने होंगे:

  1. उस RTO से फाॅर्म 29 की अटेस्ट की गई काॅपी जहां कार फिलहाल रजिस्टर है
  2. वाहन का असली रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट
  3. प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट (PUC)
  4. बीमा पॉलिसी का सर्टिफिकेट
  5. खरीदार के पते का प्रमाण (एड्रेस प्रूफ)

     

RTO फाॅर्म 35: किराया-खरीद (हायर-परचेज)/लीज/कोलेट्रल के एग्रीमेंट की समाप्ति का नोटिस

 

Form 35

 

  • यह क्या होता है?

 फाॅर्म 35 किराया-खरीद/लीज/कोलेट्रल के एग्रीमेंट की समाप्ति का नोटिस

 

  • यह कब चाहिए होता है?

 जब लोन चुकता हो जाए या किराया-खरीद/लीज डील समाप्त हो गया हो, तो कार रजिस्टरेशन सर्टिफिकेट (RC) अपडेट करने के लिए.

 

  • यह क्यों चाहिए?

 इससे RTO को पता चलता है कि कार अब कोलेट्रल नहीं है क्योंकि किसी भी लोन/लीज/किराया-खरीद एग्रीमेंट का भुगतान किया जा चुका है. 

 

  • यह किसके लिए है?

 विक्रेता को फाॅर्म 35 भरकर उस RTO में जमा कराना होगा जहां मूल रूप से कार का रजिस्ट्रेशन हुआ है.

 

  • इसके लिए क्या दस्तावेज चाहिए? 

विक्रेता को सही तरीके से भरे हुए फाॅर्म 35 के साथ ये दस्तावेज सबमिट करने होंगे:

  1. वाहन का असली रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट
  2. बीमा पॉलिसी का सर्टिफिकेट
  3. विक्रेता को लोन पूरा चुकाने का प्रमाण देना होगा, जैसे बैंक या फाइनेंसर से क्लोजर लेटर या किराया-खरीदारी या लीज डील की समाप्त का पत्र.

     

पुरानी कार का मालिकाना हक ट्रांसफर करने के दस्तावेजों की चेकलिस्ट

 

इन दस्तावेजों को तैयार रखा जाना चाहिए या RTO फाॅर्म 28, 29, 30 और 35 के साथ अटैच किया जाना चाहिए:

 

  • रजिस्ट्रेशन का सर्टिफिकेट (RC)
  • बीमा का सर्टिफिकेट
  • प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC)
  • विक्रेता और खरीदार दोनों के पैन कार्ड की काॅपी
  • अगर खरीदार के पास पैन कार्ड नहीं है, तो फार्म 60 (वर्किंग सर्टिफिकेट)
  • चेसिस नंबर का पेंसिल प्रिंट
  • इंजन नंबर का पेंसिल प्रिंट
  • खरीदार की जन्मतिथि का प्रमाण
  • विक्रेता और खरीदार दोनों के पते का प्रमाण (एड्रेस प्रूफ)
  • विक्रेता और खरीदार दोनों का अंडरटेकिंग सर्टिफिकेट
  • विक्रेता और खरीदार दोनों की पासपोर्ट साइज की फोटो

 

निष्कर्ष

 

ऊपर दी गई जानकारी, चेकलिस्ट और सुझाव पुरानी कार बेचने और खरीदने के आपके अनुभव को आसान बना देंगे. अतिरिक्त सुविधा के लिए, आप अपनी कार CARS24 पर बेच सकते हैं - कम-से-कम कागजी काम, कम झंझट वाली प्रक्रिया, सही कीमत और तुरंत भुगतान!

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

सभी को बड़ा करें
सवाल: क्या NOC और फाॅर्म 28 समान ही हैं?
सवाल: क्या ड्राइविंग लाइसेंस का आवेदन फाॅर्म जमा कराने के बाद उसमें बदलाव किया जा सकता है?
सवाल: क्या फाॅर्म 30C जमा करना जरूरी है?
सवाल: फाॅर्म 35 किसे देना पड़ता है?
सवाल: क्या NOC और फाॅर्म 35 समान ही हैं?
सवाल: क्या फाॅर्म 30 ऑनलाइन जमा किया जा सकता है?
सवाल: मुझे फाॅर्म 29 की जरूरत कब होगी और यह महत्वपूर्ण क्यों है?
सवाल: मैं RTO फाॅर्म 28 कैसे भरूं?
सवाल: RTO फाॅर्म 30 कब जमा कराना चाहिए?
सवाल: फाॅर्म 30 पर कौन-सी जानकारी जरूरी है?
सवाल: मैं RTO फाॅर्म 35 कैसे भरूं?
सवाल: फाॅर्म 35 सबमिट करने के बाद क्या होता है?
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