

सेकंड हैंड XUV500 खरीदने से पहले जानिए इसके फायदे, नुकसान और आम परेशानियाँ
- 1XUV500 अपने दमदार लुक, बड़ी केबिन स्पेस और ताकतवर डीज़ल इंजन के लिए मशहूर है
- 2XUV500 की आम दिक्कतें - क्लच घिसना, इलेक्ट्रिकल गड़बड़ियां और सस्पेंशन से आवाज़
- 3अच्छी सर्विस हिस्ट्री वाले W8 या W10 वेरिएंट सबसे बेहतर वैल्यू देते हैं
Mahindra XUV500 भारत की पहली घरेलू कंपनी की मोनोकॉक SUV थी, जिसने मिड-साइज़ SUV सेगमेंट में लोगों की अपेक्षाएँ पूरी तरह बदल दीं। इसका आक्रामक डिज़ाइन, विशाल केबिन और दमदार रोड प्रेजेंस आज भी SUV प्रेमियों के बीच इसे लोकप्रिय बनाए हुए है। यही कारण है कि सेकेंड हैंड गाड़ियों के बाज़ार में आज भी इस्तेमाल की हुई XUV500 एक भरोसेमंद विकल्प मानी जाती है।
लेकिन सेकंड हैंड XUV500 लेने से पहले कुछ ज़रूरी बातें जान लेना फायदेमंद होता है। इस लेख में हम जानेंगे इसके फ़ायदे, कमियाँ और वो बातें जो शायद आपके लिए ‘डील ब्रेकर’ भी बन सकती हैं।
आखिर क्या है Mahindra XUV500 की लोकप्रियता का कारण?

1. दमदार रोड प्रेजेंस
XUV500 की सबसे बड़ी पहचान है इसका दबदबा वाला लुक। इसकी चौड़ी ग्रिल, चौड़ा शरीर और भारी-भरकम डिज़ाइन इसे "मिनी Fortuner" जैसा फील देता है। यहां तक कि इसके पुराने मॉडल भी आज के समय में खास दिखते हैं।
2. बड़ा केबिन, मतलब खुशहाल परिवार
लंबी यात्राओं या बड़े परिवार के साथ शहर में घूमने के लिए, XUV500 का विशाल इंटीरियर और तीसरी पंक्ति की सीट इसे बहुत व्यावहारिक बनाती है। तीसरी पंक्ति बच्चों या कभी-कभी उपयोग के लिए बेहतर है, लेकिन पहली और दूसरी पंक्ति में टांग और सिर के लिए भरपूर जगह मिलती है।
3. पुराने मॉडल में भी खूब सारे फ़ीचर्स
W8 और W10 जैसे वेरिएंट्स में आपको टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट, क्रूज़ कंट्रोल, सनरूफ, रियर एसी वेंट्स और पुश बटन स्टार्ट जैसे फ़ीचर्स मिलते हैं। सेकेंड हैंड मार्केट में इस दाम पर इतने फीचर्स वाकई आकर्षक हैं।
4. दमदार डीज़ल इंजन
2.2L का mHawk डीज़ल इंजन अच्छा टॉर्क देता है और किफायती भी है। यह शहर और हाइवे दोनों के लिए उपयुक्त है। अगर आपको सेकेंड हैंड बाज़ार में AWD (ऑल व्हील ड्राइव) मॉडल मिल जाए, तो ऑफ-रोडिंग का भी मज़ा ले सकते हैं।
Mahindra XUV500 खरीदने के नुकसान
1. भारी गाड़ी, सबके बस की बात नहीं
XUV500 चलाने में मज़ा ज़रूर आता है, लेकिन यह एक बड़ी और भारी SUV है। यदि आप आमतौर पर छोटी गाड़ी चलाते हैं, तो आपको इसे तंग सड़कों या पार्किंग में संभालना थोड़ा मुश्किल लग सकता है। इसका टर्निंग रेडियस भी बड़ा है।
2. इंटीरियर की क्वालिटी बस ठीक-ठाक है
Mahindra ने इसमें खूब फ़ीचर्स भरे हैं, लेकिन अंदर के प्लास्टिक और ट्रिम्स की क्वालिटी उतनी प्रीमियम नहीं लगती। 70,000 किमी से ज़्यादा चली गाड़ियों में इसके ट्रिम्स घिसे हुए या पुराने दिख सकते हैं।
3. कम गति पर सस्पेंशन थोड़ा सख्त लगता है
XUV500 का सस्पेंशन हाइवे के लिए अच्छा है, लेकिन शहर की टूटी-फूटी सड़कों पर कम गति पर यह थोड़ा उछाल भरा या सख्त महसूस होता है।
इस्तेमाल की हुई XUV500 में आने वाली आम समस्याएं (और कैसे जांचें)

1. क्लच और गियरबॉक्स की दिक्कतें
कुछ यूज़र्स ने बताया है कि मैनुअल मॉडल्स में क्लच जल्दी खराब हो जाता है। यदि क्लच बहुत सख्त लगे या गियर बदलते समय झटका आए, तो ऐसे मॉडल से बचें — क्योंकि बाद में क्लच रिप्लेसमेंट काफ़ी महँगा पड़ सकता है। 2015 से पहले के मॉडल्स में गियर शिफ्ट भी कड़ा महसूस हो सकता है।
2. इलेक्ट्रॉनिक समस्याएं
XUV500 तकनीकी तौर पर उन्नत है, लेकिन सभी सिस्टम लंबे समय तक सही नहीं चलते। आम दिक्कतों में शामिल हैं:
- टचस्क्रीन हैंग होना
- ऑटो वाइपर या हेडलाइट का काम न करना
- कीलेस एंट्री या स्टार्ट सिस्टम में गड़बड़ी
खरीद से पहले सभी इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम की जांच ज़रूर करें।
3. सस्पेंशन में घिसावट
अगर स्पीड ब्रेकर पर से गुजरते समय चटखने या थपकी जैसी आवाज़ आए, तो समझ लीजिए सस्पेंशन के पार्ट्स (बुशिंग, बॉल जॉइंट, शॉकर) घिस चुके हैं — खासतौर पर 80,000 किमी से ज़्यादा चली गाड़ियों में।
4. टर्बो और EGR सिस्टम की गड़बड़ी
कुछ सेकेंड हैंड XUV500 में टर्बो लैग या काला धुआं निकलने की शिकायत मिली है। यह टर्बोचार्जर या EGR वाल्व की खराबी का संकेत हो सकता है — और इसकी मरम्मत सस्ती नहीं होती।
5. पुराने मॉडल में ज़ंग लगना
2012–2014 के मॉडल्स में डोरफ्रेम या अंडरबॉडी पर ज़ंग लगने की समस्या देखी गई है, खासकर नम इलाकों में। खरीद से पहले मैकेनिक से गाड़ी की नीचे से जांच ज़रूर करवा लें।
कौन-सा XUV500 वेरिएंट खरीदना चाहिए?
यदि आप इस्तेमाल की हुई XUV500 खरीदने का मन बना रहे हैं, तो कोशिश करें कि 2015 के बाद के मॉडल्स ही चुनें। इन वेरिएंट्स में पहले की समस्याएं दूर की जा चुकी हैं और बेहतर रिफाइनमेंट मिलता है। W8 और W10 वेरिएंट फ़ीचर और क़ीमत के संतुलन के लिहाज़ से सबसे बेहतरीन हैं — इनमें ABS, EBD, 6 एयरबैग और ESP जैसे सुरक्षा फ़ीचर्स भी मिलते हैं।
अगर आप मैनुअल गियर से बचना चाहते हैं, तो बाद में आए ऑटोमैटिक वेरिएंट भी उपलब्ध हैं — ये बहुत तेज़ शिफ्ट नहीं करते, लेकिन आरामदायक और परेशानी-रहित ड्राइविंग के लिए उपयुक्त हैं।
क्या आपको इस्तेमाल की हुई XUV500 लेनी चाहिए?
अगर आपको सही हालत में XUV500 मिलती है, तो ज़रूर लेनी चाहिए। सेकेंड हैंड SUV सेगमेंट में यह काफ़ी दमदार विकल्प है।
आपको मिड-साइज़ SUV, मज़बूत डीज़ल इंजन, ढेर सारे फ़ीचर्स और हाइवे पर बढ़िया परफॉर्मेंस — सब कुछ उस क़ीमत में मिल रहा है, जिसमें नई छोटी SUV आती है।
लेकिन जल्दीबाज़ी में निर्णय न लें। गाड़ी की पूरी जांच करें, सर्विस रिकॉर्ड ज़रूर देखें, मैकेनिक से जांच करवाएँ और उस वेरिएंट को चुनें जो आपकी ज़रूरतों से मेल खाता हो। रीपेंट की गई या ठीक से सर्विस न हुई गाड़ियों से दूरी रखें।
सारांश
इस्तेमाल की हुई Mahindra XUV500 में काफ़ी मूल्य है — इसकी दमदार बनावट, विशाल इंटीरियर और फ़ीचर पैक्ड नेचर इसे सेकेंड हैंड बाज़ार में लोकप्रिय बनाते हैं। हालांकि, इसका हैंडलिंग थोड़ा भारी लग सकता है और अंदरूनी क्वालिटी औसत है। खरीद से पहले यह ज़रूर जांचें:
- क्लच और गियरबॉक्स की स्थिति
- इलेक्ट्रॉनिक्स की कार्यक्षमता
- सस्पेंशन की आवाज़
- ज़ंग की मौजूदगी
- 2015 से पहले के मॉडल में विशेष सतर्कता बरतें
बेहतर अनुभव के लिए 2015 के बाद के W8 या W10 वेरिएंट को ही प्राथमिकता दें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
सभी को बड़ा करें















