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Road safety signs in India
Road safety signs in India

हर ड्राइवर को जानना ज़रूरी - ट्रैफिक सिग्नल और साइन का मतलब

12 Aug 2025
Key highlights
  • 1
    सड़क नियमों को सही ढंग से लागू करने में ट्रैफिक साइन अहम भूमिका अदा करते हैं
  • 2
    सड़क संकेत इस तरह डिज़ाइन होते हैं कि तुरंत समझ आ सकें
  • 3
    सभी संकेत पाँच प्रमुख कैटेगरी में बाँटे गए हैं, हर एक का खास उद्देश्य है
आउटलाइन

समाज की बदलती ज़रूरतों के साथ जैसे-जैसे नए ट्रैफिक नियम लागू होते हैं, वैसे-वैसे ट्रैफिक संकेतों की अहमियत और भी बढ़ जाती है। भारत में ट्रैफिक साइन न सिर्फ ड्राइवरों के लिए, बल्कि पैदल चलने वालों, साइकिल चालकों और यात्रियों के लिए भी बेहद ज़रूरी होते हैं। ये संकेत सड़क पर अनुशासन बनाए रखते हैं और दुर्घटनाओं की संभावनाओं को कम करते हैं। ट्रैफिक सिग्नल और साइन व सामान्य रोड चिन्हों के बारे में जागरूक होना जरूरी है ताकि आप भारतीय सड़कों पर सुरक्षित और आत्मविश्वास के साथ सफर कर सकें। यदि आपने हाल ही में कोई ट्रैफिक चालान प्राप्त किया है, तो आप ऑनलाइन चालान जांच और भुगतान कर सकते हैं।

 

भारत में सड़क सुरक्षा साइन और प्रतीकों को कैसे डिज़ाइन किया जाता है?

 

सड़क सुरक्षा साइन और प्रतीकों का डिज़ाइन विज्ञान और कला का मेल होता है। इनका मुख्य उद्देश्य होता है — जटिल जानकारी को तेजी और स्पष्टता से व्यक्त करना।

 

डिज़ाइन में ध्यान दिया जाता है:

 

  • तेज़ी से दिखने वाले रंग (जैसे लाल, पीला, नीला)
  • आकर्षक आकृतियाँ (जैसे वृत्त, त्रिकोण, आयत)
  • और यूनिवर्सल चिन्ह जो भाषा की बाधा के बिना जानकारी दे सकें
     

ये संकेत सड़क पर अनुशासन बनाए रखते हैं और तेज़ गति से यात्रा कर रहे वाहन चालकों को भी एक नज़र में जानकारी प्रदान करते हैं — ठीक वैसे ही जैसे ट्रैफिक सिग्नल का लाल-पीला-हरा रंग।

 

भारत में साइन बोर्ड के प्रकार

 

Types of Traffic Signs or Road Safety Signs

 

डिज़ाइन और इस्तेमाल के लिहाज से भारत में दो प्रमुख प्रकार के ट्रैफिक साइन बोर्ड होते हैं:

 

1. रिफ्लेक्टिव साइन बोर्ड

 

  • ये सबसे आम ट्रैफिक बोर्ड होते हैं
  • इनमें एल्यूमिनियम प्लेट पर रिफ्लेक्टिव शीट लगी होती है
  • ये रात में या कम रोशनी में वाहनों की हेडलाइट से चमकते हैं
  • ज़्यादातर हाईवे पर उपयोग होते हैं
     

2. आंतरिक रूप से रोशन (इंटर्नली इल्युमिनेटेड) साइन बोर्ड

 

  • इनका इस्तेमाल शहरी क्षेत्रों में होता है
  • LED या फ्लोरोसेंट लाइट से चमकते हैं
  • किसी भी बाहरी रोशनी की परवाह किए बिना साफ और लगातार दृश्यता प्रदान करते हैं
     

भारत में रोड सेफ्टी साइन का स्टैंडर्ड साइज क्या होता है?

 

भारत में ट्रैफिक साइन की साइज और डिजाइन को "Order on Traffic Signs, Partition Lines, and Road Markings" के अंतर्गत निर्धारित किया गया है। यह Ministry of Road Transport and Highways द्वारा अनुशंसित दिशा-निर्देशों पर आधारित होता है।

 

क्लियरेंस (ऊंचाई):

सड़क से साइन बोर्ड के निचले हिस्से तक की ऊंचाई स्थान, स्पीड लिमिट और साइन के प्रकार के अनुसार अलग-अलग हो सकती है।

 

भारत में रोड सेफ्टी साइन के प्रमुख प्रकार और उनके आकार

 

1. अनिवार्य (Mandatory) संकेत

 

स्पीड लिमिटसाइन का व्यासबॉर्डर चौड़ाई
81–120 किमी/घंटा1200 मिमी100 मिमी
121–150 किमी/घंटा1500 मिमी125 मिमी

 

2. चेतावनी (Cautionary/Warning) संकेत

 

स्पीड लिमिटसाइन का व्यासबॉर्डर चौड़ाई
81–120 किमी/घंटा1200 मिमी90 मिमी
121–150 किमी/घंटा1500 मिमी110 मिमी

 

3. सूचनात्मक (Informatory/Instruction) संकेत

 

ये दो प्रकार में बांटे जाते हैं:

 

  • ओवरहेड डायरेक्शन साइन
  • फ्लैग टाइप डायरेक्शन साइन
     
स्पीड लिमिटओवरहेड लोअर केसओवरहेड अपर केसफ्लैग टाइप लोअर केसफ्लैग टाइप अपर केसटेक्स्ट मोटाई
101–120 किमी/घंटा330 मिमी460 मिमी245 मिमी345 मिमी50 मिमी
121–150 किमी/घंटा380 मिमी530 मिमी270 मिमी380 मिमी60 मिमी

इन साइजों का निर्धारण साइन की दृश्यता और जानकारी की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए किया गया है।

 

भारत में रोड ट्रैफिक साइन या सड़क सुरक्षा चिन्हों के प्रकार

 

भारत में कार्यक्षमता के आधार पर ट्रैफिक संकेतों को पांच प्रमुख श्रेणियों में बाँटा गया है:

  1. अनिवार्य संकेत (Mandatory Signs)
  2. चेतावनी संकेत (Cautionary Signs)
  3. सूचनात्मक संकेत (Informatory Signs) 
  4. मार्गदर्शक संकेत (Guide Signs) 
  5. सहायक संकेत (Auxiliary Signs)
     

इनमें से पहली तीन श्रेणियाँ मुख्य ट्रैफिक संकेत मानी जाती हैं, जबकि शेष दो को सहायक या पूरक श्रेणियों के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

 

1. अनिवार्य ट्रैफिक संकेत (Mandatory Road Traffic Signs)

 

  • इन्हें रेग्युलेटरी साइन भी कहा जाता है 
  • इनका पालन कानूनी रूप से अनिवार्य होता है — उल्लंघन करने पर चालान या दंड लग सकता है 
  • आमतौर पर सफेद पृष्ठभूमि पर लाल बॉर्डर और गोल आकार में होते हैं
     

प्रमुख संकेतों के उदाहरण:

 

  • Stop (रुकें) 
  • No Entry (प्रवेश वर्जित) 
  • Give Way (रास्ता दें) 
  • Horn Prohibited (हॉर्न निषेध) 
  • Speed Limit (गति सीमा) 
  • No U-turn (यू-टर्न वर्जित) 
  • No Parking (पार्किंग निषेध)

 

2. चेतावनी संकेत (Cautionary or Warning Signs)

 

  • इन्हें वार्निंग साइन भी कहा जाता है 
  • ये सड़क पर मौजूद संभावित खतरे या जोखिमों से सावधान करते हैं 
  • आमतौर पर त्रिकोणीय आकार में होते हैं, जिनके किनारों पर लाल बॉर्डर होता है
     

प्रमुख संकेतों के उदाहरण:

 

  • Sharp Curve Ahead (तीव्र मोड़ आगे) 
  • Narrow Bridge (संकरी पुल) 
  • Hairpin Bends (हेयरपिन मोड़)
  • Steep Descent/Ascent (ढलान/चढ़ाई) 
  • Slippery Road (फिसलन भरा रास्ता)
     

3. सूचनात्मक संकेत (Informatory Signs)

 

  • इन्हें इंस्ट्रक्शन साइन भी कहा जाता है 
  • ये किसी स्थान या सेवा के बारे में जानकारी देते हैं — खासकर नए या बाहरी ड्राइवरों के लिए उपयोगी 
  • ये नीले रंग के होते हैं और आमतौर पर आयताकार होते हैं
     

प्रमुख संकेतों के उदाहरण:

 

  • पेट्रोल पंप 
  • अस्पताल 
  • थरौफेयर (मुख्य सड़क) 
  • पार्किंग 
  • फर्स्ट एड पोस्ट

 

4. मार्गदर्शक संकेत (Guide Signs)

 

  • ये संकेत सूचनात्मक संकेतों के उपवर्ग के रूप में माने जाते हैं 
  • लंबे रूट या हाईवे पर नेविगेशन सहायता प्रदान करते हैं
     

प्रमुख संकेतों के उदाहरण:

 

  • Route Markers (मार्ग चिह्न) 
  • Destination Signs (गंतव्य संकेत) 
  • Mileposts (मील पत्थर संकेत) 
  • Toll Booth Signs (टोल बूथ संकेत)
     

5. सहायक संकेत (Auxiliary Signs)

 

  • ये संकेत चेतावनी संकेतों के पूरक होते हैं 
  • ये मुख्य साइन के साथ-साथ अतिरिक्त जानकारी या चेतावनी देते हैं
     

प्रमुख संकेतों के उदाहरण:

 

  • Detours (विकल्पीय मार्ग) 
  • Road Closed (सड़क बंद) 
  • Men at Work (कार्य प्रगति पर है)
     

अनिवार्य ट्रैफिक संकेत: वे भारतीय सड़क संकेत जो हर ड्राइवर को जानना चाहिए

 

Mandatory Traffic Signs_ Indian Road Signs You Must Follow

 

भारत में ट्रैफिक नियमों के पालन में Mandatory Road Signs यानी अनिवार्य ट्रैफिक संकेत की सबसे बड़ी भूमिका होती है। ये संकेत कानूनन पालन करना अनिवार्य होते हैं, और इनकी अनदेखी पर कानूनी कार्रवाई व जुर्माना हो सकता है।

 

नीचे भारत में सबसे सामान्य और ज़रूरी अनिवार्य ट्रैफिक संकेतों की सूची उनके अर्थ सहित दी गई है:

 

Stop (रुकें)

 

  • आकार: अष्टकोणीय (Octagonal), रंग: लाल 
  • वाहन चालक को पूरी तरह रुकने का निर्देश देता है 
  • चौराहों और पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए बेहद अहम
     

No Entry (प्रवेश निषेध)

 

  • यह संकेत किसी क्षेत्र में वाहन प्रवेश वर्जित करता है 
  • इसका उल्लंघन करने पर जुर्माना और दुर्घटना का खतरा दोनों बढ़ जाते हैं
     

Give Way (रास्ता दें)

 

  • सामने से आ रहे ट्रैफिक को पहले निकलने देना होता है 
  • संघर्ष और टकराव से बचने के लिए ज़रूरी संकेत

 

Pedestrian Prohibited (पैदल यात्री निषेध)

 

  • दर्शाता है कि यह क्षेत्र पैदल चलने वालों के लिए सुरक्षित नहीं है 
  • पैदल यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग अपनाना चाहिए
     

No Parking (पार्किंग निषेध)

 

  • इस क्षेत्र में वाहन पार्क करना प्रतिबंधित है
  • अवैध पार्किंग से ट्रैफिक जाम को रोकने के लिए ज़रूरी

 

Horn Prohibited (हॉर्न निषेध)

 

  • हॉर्न बजाना इस क्षेत्र में मना है
  • अस्पताल, स्कूल और आवासीय क्षेत्र के पास यह आम होता है

 

No Stopping or Standing (रुकना या खड़ा होना मना है)

 

  • गैर-निर्धारित स्थानों पर वाहन रोकना या खड़ा करना वर्जित 
  • ट्रैफिक जाम रोकने में मदद करता है

 

Speed Limit (गति सीमा)

 

  • उस क्षेत्र की अधिकतम गति सीमा दर्शाता है
  • ओवरस्पीडिंग रोककर दुर्घटनाओं को टालने में मदद करता है
     

Roundabout Ahead (राउंडअबाउट आगे)

 

  • सामने एक गोल चौराहा होने की चेतावनी
  • ड्राइवर को गोलचक्कर के नियमों का पालन करते हुए धीमी गति से चलना चाहिए
     

ये सभी अनिवार्य संकेत हर भारतीय ड्राइवर के लिए जानना और पालन करना आवश्यक हैं, ताकि सड़क पर सभी की सुरक्षा और अनुशासन बना रहे।

 

चेतावनी (Cautionary) ट्रैफिक संकेत: आगे क्या खतरा है, ये बताते हैं

 

Cautionary Road Signs_ Warning Signs Of What Is Up Ahead

 

Cautionary या Warning Signs सड़क पर संभावित खतरों की जानकारी देने के लिए होते हैं। इनका आकार आमतौर पर त्रिकोणीय होता है, और इनमें लाल किनारे होते हैं।

 

यहाँ कुछ सामान्य चेतावनी संकेत और उनके अर्थ दिए गए हैं:

 

Right-hand curve / Left-hand curve

 

  • दाहिने/बाएं तीव्र मोड़ की चेतावनी
  • धीमी गति और सावधानी से मोड़ पार करें

 

Right/Left hairpin bend

 

  • एकदम तीखा दाहिना/बायां मोड़
  • स्पीड कम रखें, हादसों से बचाव करें
     

Right/Left reverse bend

 

  • ज़िगज़ैग मोड़ की सूचना (सीधा फिर तुरंत उल्टा मोड़)
  • ड्राइवर को सतर्क और दूरी बनाए रखने की सलाह
     

Steep Ascent / Descent

 

  • तीव्र चढ़ाई या ढलान
  • गियर बदलें, तेज़ गति न करें

 

Narrow Road / Road Widens

 

  • आगे सड़क संकरी या चौड़ी होने वाली है
  • अनियंत्रित वाहन संचालन से बचें
     

Narrow Bridge

 

  • संकरा पुल पार करने की चेतावनी
  • धीमी गति और एक वाहन की दिशा में पार करें

 

Slippery Road

 

  • सड़क पर फिसलन हो सकती है (रेत, मिट्टी आदि)
  • स्किड से बचने के लिए धीमा चलें

 

Cycle Crossing

 

  • साइकिल के लिए निर्धारित क्रॉसिंग
  • साइकिल सवार को प्राथमिकता दें

 

Pedestrian Crossing

 

  • पैदल यात्रियों के लिए ज़ेब्रा क्रॉसिंग
  • ड्राइवर को रुककर पहले पैदल यात्री को रास्ता देना चाहिए
     

School Ahead

 

  • स्कूल का क्षेत्र
  • बच्चों की सुरक्षा के लिए विशेष सतर्कता आवश्यक

 

Men at Work

 

  • सड़क पर मरम्मत या निर्माण कार्य चल रहा है 
  • गति धीमी करें और ट्रैफिक कर्मियों के निर्देशों का पालन करें

 

Cattle Crossing

 

  • सड़क पर पशु होने की संभावना 
  • गाय/भैंस को रास्ता दें, गति कम रखें

 

Falling Rocks

 

  • पहाड़ी क्षेत्र में चट्टानों के गिरने का खतरा
  • खासकर घाट और संकरे मोड़ पर सतर्क रहें

 

इन चेतावनी संकेतों की समझ और पालन, न केवल आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए भी जोखिम कम करती है।

 

सूचनात्मक ट्रैफिक संकेत: आसपास की सुविधाओं की जानकारी देने वाले संकेत

 

Informatory Road Signs_ Signs Of Nearby Conveniences

 

सूचनात्मक रोड साइन अनिवार्य नहीं होते, लेकिन ये आपकी यात्रा को आसान, सुरक्षित और तनावमुक्त बनाने में बेहद अहम भूमिका निभाते हैं। ये संकेत वाहन चालकों को रास्ते में मौजूद आवश्यक सेवाओं के बारे में जानकारी देते हैं।

 

यहाँ भारत में सामान्यतः पाए जाने वाले कुछ सूचनात्मक ट्रैफिक संकेत और उनके अर्थ दिए गए हैं:

 

सार्वजनिक टेलीफोन

 

  • आसपास पब्लिक टेलीफोन की उपलब्धता दर्शाता है 
  • मोबाइल न होने की स्थिति में आपात कॉल करने में सहायक

 

पेट्रोल पंप

 

  • निकटतम पेट्रोल स्टेशन की ओर निर्देश देता है
  • जब फ्यूल गेज कम हो तो अत्यंत उपयोगी

 

अस्पताल

 

  • पास में अस्पताल की मौजूदगी दिखाता है 
  • आपातकालीन स्थिति में दिशा जानने में सहायक

 

फर्स्ट एड पोस्ट

 

  • पास में प्राथमिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है
  • सामान्य चोटों या परेशानी में मददगार
     

भोजनालय

 

  • नज़दीकी रेस्टोरेंट या कैफ़े की ओर इशारा करता है
  • सफर के दौरान भोजन के लिए उपयोगी

 

विश्राम स्थल

 

  • नजदीकी रेस्ट एरिया की जानकारी
  • लंबे सफर में ब्रेक लेने के लिए उपयुक्त स्थान
     

नो थरू रोड (सड़क आगे बंद है)

 

  • यह सड़क कहीं नहीं जाती, आगे से बंद है 
  • वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह

 

नो थरू साइड रोड

 

  • साइड रोड भी पूरा नहीं है या समाप्त हो जाता है
  • आगे बढ़ने पर फंसने की संभावना
     

पार्किंग (इस ओर)

 

  • इस दिशा में पार्किंग की अनुमति है
  • उचित पार्किंग स्थान चुनने में मदद करता है

 

टू-व्हीलर पार्किंग

 

  • स्कूटर और मोटरसाइकिल के लिए पार्किंग क्षेत्र दर्शाता है
     

साइकिल पार्किंग

 

  • साइकिल चालकों के लिए निर्धारित पार्किंग

 

कार पार्किंग

 

  • चारपहिया वाहनों के लिए पार्किंग स्थल की जानकारी
     

इन संकेतों को पहचानने और समझने से न केवल आपकी यात्रा सुविधाजनक होती है, बल्कि यह अनजान रास्तों पर भी आपके लिए मददगार साबित होते हैं।

 

बच्चों के लिए ट्रैफिक संकेत जानना क्यों ज़रूरी है?

 

Why is it  Crucial for Kids to Know Traffic Signs

 

सड़क सुरक्षा केवल ड्राइवरों के लिए नहीं, बच्चों और छात्रों के लिए भी उतनी ही जरूरी है — खासकर क्योंकि वे पैदल यात्री होते हैं। ट्रैफिक साइन समझकर बच्चे सड़क पर और ज़्यादा सतर्क और सुरक्षित रह सकते हैं।

 

यहाँ कुछ ज़रूरी ट्रैफिक संकेत हैं जिन्हें बच्चों को ज़रूर जानना चाहिए:

 

STOP संकेत (रुकें)

 

  • लाल रंगअष्टकोणीय आकार 
  • ड्राइवर को पूरी तरह रुकने का निर्देश देता है
     

बच्चों के लिए महत्व:
बच्चों को इस संकेत को पहचानना आना चाहिए और यह आदत डालनी चाहिए कि सड़क पार करने से पहले बाएँ, दाएँ और फिर बाएँ देखकर ही आगे बढ़ें।

 

स्कूल क्रॉसिंग संकेत

 

  • पीला-हरा रंगहीरे जैसा आकार
  • स्कूल के पास बच्चों के ज़ेब्रा क्रॉसिंग को दर्शाता है
     

बच्चों के लिए महत्व:
इस संकेत से बच्चे जान सकते हैं कि आसपास स्कूल है और उन्हें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

 

पैदल यात्री क्रॉसिंग संकेत (Pedestrian Crossing)

 

  • त्रिकोणीय आकार, सफेद बोर्ड पर लाल किनारा
  • ड्राइवर को धीरे चलने और पैदल यात्रियों को रास्ता देने का संकेत देता है
     

बच्चों के लिए महत्व:
यह ट्रैफिक साइन बच्चों को सबसे पहले सिखाया जाता है — ज़ेब्रा क्रॉसिंग से सुरक्षित तरीके से सड़क पार करने के लिए बेहद जरूरी।

 

भारत में सड़क सुरक्षा संकेत और चिन्ह: महत्व और कार्य

 

भारतीय सड़कों पर सुरक्षित और कुशल यात्रा सुनिश्चित करने के लिए ट्रैफिक संकेतों की भूमिका बेहद अहम होती है। ये संकेत वाहन चालकों को न केवल दिशा निर्देश देते हैं, बल्कि गति सीमा, लेन उपयोग, संभावित खतरे और सड़क अनुशासन बनाए रखने में भी मदद करते हैं।

यहाँ सड़क सुरक्षा संकेतों के प्रमुख कार्यों को विस्तार से समझाया गया है:

 

सड़क संकेतों का महत्व और कार्य:

 

1. सुचारू ट्रैफिक प्रवाह सुनिश्चित करना

 

  • ट्रैफिक संकेत ट्रैफिक को व्यवस्थित ढंग से आगे बढ़ने में मदद करते हैं
  • व्यस्त सड़कों पर जाम और अराजकता को कम करते हैं
     

2. सड़क सुरक्षा बढ़ाना

 

  • संभावित खतरों की पूर्व चेतावनी देते हैं
  • दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करते हैं और जान बचाते हैं
     

3. आवश्यक जानकारी देना

 

  • आगे की सड़क, पार्किंग स्थल, अस्पताल, पेट्रोल पंप जैसी सुविधाओं की जानकारी देते हैं
  • दिशा, गति सीमा और अन्य ज़रूरी सूचनाएँ बताते हैं
     

4. सड़क अनुशासन को बढ़ावा देना

 

  • ट्रैफिक नियमों के पालन में मदद करते हैं
  • ड्राइवर को अनुशासित तरीके से वाहन चलाने की दिशा देते हैं
     

5. नेविगेशन में सहायता

 

  • नए ड्राइवरों और यात्रियों को रास्ता पहचानने और गंतव्य तक पहुँचने में मदद करते हैं

 

भारत में ट्रैफिक संकेत प्रणाली कैसे अद्यतन होती है?

 

भारत सरकार समय-समय पर ट्रैफिक संकेतों की व्यवस्था को अपडेट करती है ताकि देश में एक संगठित और प्रभावी ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम बना रहे।


ट्रैफिक सिग्नल्स में शामिल हैं:

 

  • ट्रैफिक पुलिस के हैंड सिग्नल्स
  • सड़क पर बनाए गए मार्किंग (लेन लाइनें, ज़ेब्रा क्रॉसिंग आदि)
  • ट्रैफिक लाइट सिग्नल्स
     

नई मोटर व्हीकल अधिनियम 2019 के तहत, ट्रैफिक उल्लंघन पर कड़े जुर्माने लगाए जाते हैं — जो यह दर्शाते हैं कि ट्रैफिक साइन का पालन अब केवल विकल्प नहीं बल्कि कानूनी आवश्यकता है।

 

भारत में अतिरिक्त सड़क सुरक्षा संकेत

 

फिक्स्ड बोर्ड्स के अलावा, भारत में कुछ अतिरिक्त ट्रैफिक संकेत और मार्किंग्स का भी उपयोग किया जाता है, जो सड़क पर अनुशासन बनाए रखने और ट्रैफिक को आसान बनाने में मदद करते हैं।

 

ट्रैफिक पुलिस द्वारा हैंड सिग्नल्स

 

चौराहों और दुर्घटना स्थलों पर ट्रैफिक नियंत्रित करने के लिए पुलिस द्वारा हाथ के संकेत बेहद उपयोगी होते हैं। ये संकेत तुरंत दृश्य संकेत देते हैं — जिससे ट्रैफिक बहाव बनाए रखने में मदद मिलती है।

 

प्रमुख हैंड सिग्नल्स:

 

  1. दायां हाथ सामने फैला हुआ, हथेली आगे की ओर + दूसरा हाथ लहराते हुए:
     
    • एक दिशा के वाहनों को रुकने और दूसरी दिशा को चलने की अनुमति
       
  2. दायां हाथ ऊपर उठा हुआ, हथेली सामने की ओर:
     
    • सामने से आ रहे वाहनों को रुकने का संकेत
       
  3. बायां हाथ पीछे की ओर फैला हुआ, हथेली पीछे:
     
    • पीछे से आ रहे वाहनों को रुकने का संकेत
       
  4. दायां हाथ सामने उठा हुआ + बायां हाथ पीछे की ओर फैला हुआ:
     
    • आगे और पीछे दोनों दिशा के वाहनों को रुकने का संकेत
       
  5. दोनों हाथ बाएँ और दाएँ फैलाकर हथेली साइड की ओर:
     
    • बाएँ और दाएँ दिशा से आ रहे वाहनों को एक साथ रुकने का संकेत
       
  6. दायां हाथ सामने, हथेली आगे की ओर + बायां हाथ छाती के सामने मुड़ा हुआ और धीरे-धीरे अंदर-बाहर हिलता हुआ:
     
    • बाएँ से आ रहे वाहनों को चलने की अनुमति (दाएँ दिशा के लिए उल्टा)
       
  7. दोनों हाथ कंधे की ऊँचाई तक उठाकर, सिर की ओर आधे मोड़े हुए (डायमंड आकार में):
     
    • ट्रैफिक दिशा बदलने का संकेत
       

ड्राइवरों द्वारा हाथ के संकेत (Hand Signals by Drivers)

 

ड्राइवर भी हाथ के संकेतों का उपयोग करते हैं, खासकर जब गाड़ी का इंडिकेटर काम नहीं कर रहा हो।

 

मुख्य संकेत:

 

  1. दायाँ मोड़ (Right Turn):
     
    • दायाँ हाथ बाहर की ओर, हथेली सामने की ओर
       
  2. बायाँ मोड़ (Left Turn):
     
    • दायाँ हाथ कोहनी से मोड़ा हुआ, ऊपर की ओर इशारा करता हुआ
       
  3. रुकने का संकेत (Stop):
     
    • दायाँ हाथ पूरी तरह से ऊपर उठा हुआ
       
  4. धीरे करने का संकेत (Slow Down):
     
    • दायाँ हाथ ऊपर-नीचे धीरे-धीरे झुलाते हुए
       
  5. लेन बदलने का संकेत (Lane Change):
     
    • दायाँ हाथ बाहर निकालकर, दाईं लेन के लिए घड़ी की दिशा में और बाईं के लिए उल्टी दिशा में घुमाना
       

भारत में रोड मार्किंग और सड़क सुरक्षा संकेत

 

Road Marking or Pavement Marking Signs in India

 

रोड मार्किंग (पेवमेंट मार्किंग) क्या है?

 

सड़क सुरक्षा संकेतों के अलावा, रोड मार्किंग भी ट्रैफिक मैनेजमेंट का एक अहम हिस्सा है। ये दृश्य संकेत वाहन चालकों को लेन में दिशा निर्देश देने, खतरे की चेतावनी देने और जटिल चौराहों से सुरक्षित निकलने में मदद करते हैं।

 

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी कुछ सामान्य रोड मार्किंग्स:

 

➤ सेंटर लाइन

 

  • सफेद रंग की टूटी हुई रेखा होती है जो सड़क को दो विपरीत दिशाओं में विभाजित करती है
  • केवल तभी पार कर सकते हैं जब सामने से वाहन न आ रहा हो

 

➤ सॉलिड सफेद/पीली लाइन

 

  • दो सॉलिड लाइनें दो लेन को विभाजित करती हैं
  • इन्हें पार करना या ओवरटेक करना सख्त वर्जित है

 

➤ स्लो डाउन लाइन (White signs)

 

  • स्कूल, कॉलेज या अस्पताल के पास दिखाई देती हैं
  • ड्राइवर को धीमा करने का संकेत देती हैं — अक्सर स्पीड ब्रेकर के साथ होती हैं

 

➤ छोटी टूटी सफेद रेखाएँ

 

  • लेन की पहचान के लिए होती हैं (बायां, मध्य और दायां लेन)

 

➤ पार्किंग निषेध लाइन

 

  • दो प्रकार की होती हैं:

     

    • सिंगल लाइन: पार्किंग नहीं, लेकिन रुकने की अनुमति है
    • डबल लाइन: पार्किंग और रुकना दोनों मना है

 

➤ स्टॉप लाइन

 

  • चौराहों पर एक ठोस ट्रांसवर्स लाइन होती है
  • रेड सिग्नल पर ड्राइवर को इस लाइन से पहले रुकना होता है

 

➤ ज़ेब्रा क्रॉसिंग

 

  • काले-सफेद मोटे पट्टियों की रेखा होती है
  • पैदल यात्रियों को पार करने की अनुमति देने से पहले वाहन रोकना अनिवार्य है
     

➤ बॉक्स जंक्शन

 

  • पीले रंग की क्रॉस डायगोनल रेखाओं वाला आयताकार बॉक्स
  • ड्राइवर को निर्देश देता है कि इस बॉक्स के अंदर गाड़ी रोकना मना है
     

भारत में रोड रेज की समस्या

 

Road Rage in India

 

रोड रेज क्या है?

 

रोड रेज यानी गुस्से, अधीरता या तनाव में आकर सड़कों पर आक्रामक और लापरवाह तरीके से गाड़ी चलाना। यह समस्या भारत में तेजी से बढ़ रही है।

 

आंकड़े बताते हैं:

 

  • 2019: 1.55 लाख घटनाएँ
  • 2020: 1.83 लाख
  • 2021: 2.15 लाख
     

इन बढ़ते मामलों से यह साफ है कि सड़क पर अनुशासन और धैर्य की कमी दुर्घटनाओं का बड़ा कारण बन रही है।

 

ट्रैफिक संकेत: रोड रेज रोकने में सहायक

 

  • ट्रैफिक संकेत अनुशासन लागू करते हैं
  • ड्राइवर को स्पीड लिमिट, लेन बदलने के नियम, ज़ेब्रा क्रॉसिंग आदि का पालन करने की याद दिलाते हैं
  • संकेतों के नियमित उपयोग से भावनात्मक ट्रिगर और गुस्से में लिए गए निर्णय कम होते हैं
  • इससे एक शांत, सुरक्षित और जिम्मेदार ट्रैफिक संस्कृति बनती है

 

निष्कर्ष

 

भारत में ट्रैफिक संकेत केवल संकेत नहीं — बल्कि आपकी सुरक्षा का आधार हैं। चाहे वह स्टॉप साइन हो, स्पीड लिमिट या हाथ से दिए गए संकेत, हर चिन्ह सड़क पर अनुशासन, समझ और संयम बढ़ाने में मदद करता है।

 

हर संकेत:

 

  • संभावित टकराव को रोकता है
  • दूसरों के प्रति सम्मान और जिम्मेदारी की भावना विकसित करता है
  • ट्रैफिक को व्यवस्थित और सुलभ बनाता है
     

इसलिए, ट्रैफिक संकेतों का पालन न केवल नियमों का सम्मान है, बल्कि यह एक सुरक्षित भारत की ओर कदम है। अगर आप को इन सब ट्रैफिक सिग्नल और साइन के बारे में जानकारी होगी तो आप जाने-अनजाने में ट्रैफिक नियम टोड़ने से बच जायेंगे। आजकल ट्रैफिक नियम टोड़ने पर भारी चालान का प्रावधान है। इसलिए ट्रैफिक नियमों और चालान की जानकारी होना भी जरूरी है। चालान के बारे में सम्पूर्ण जानकारी के लिए हमारा आर्टिकल ट्रैफिक के उल्लंघन और जुर्मानों की सूची पढ़ें। 

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

सभी को बड़ा करें
Q. अनिवार्य ट्रैफिक संकेत क्या होते हैं?
Q. भारत में ट्रैफिक संकेतों की तीन प्रमुख श्रेणियाँ कौन-सी हैं?
Q. ड्राइविंग में POM का क्या मतलब है?
Q. ड्राइविंग में MSM का क्या अर्थ है?
Q. PSL का क्या मतलब है?
Q. भारत में किस दिशा से ओवरटेक करना वैध है?
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