

2025 में ई-चालान स्कैम से कैसे बचें? फर्जी मैसेज और लिंक से सावधान!
- 1साइबर ठग फर्जी मैसेज भेजकर आपकी पर्सनल और बैंक डिटेल्स चुरा रहे हैं
- 2ई-मेल, व्हाट्सएप और SMS पर आए फर्जी मैसेज असली लगने के लिए डिजाइन किए जाते हैं
- 3अनजान नंबर से और संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें, अलर्ट रहें
अगर आपके फोन पर अचानक कोई ई-चालान मैसेज आता है, तो घबराने की ज़रूरत नहीं है — लेकिन उस पर क्लिक करने की भी बिल्कुल ज़रूरत नहीं है। साल 2025 में ट्रैफिक चालान स्कैम के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं, और देशभर के वाहन मालिक अब इनका निशाना बन रहे हैं। धोखेबाज़ अब व्हाट्सएप मैसेज, फर्जी वेबसाइट लिंक और ईमेल भेज रहे हैं जो सरकारी पोर्टल जैसे दिखते हैं लेकिन असल में लोगों से पैसे ठगने और उनकी निजी जानकारी चुराने के लिए बनाए गए हैं।
इन स्कैम्स को हल्के में लेना बड़ी गलती हो सकती है। फर्जी ई-चालान मैसेज सरकारी लोगो और भाषा की हूबहू नकल करते हैं और ‘तुरंत कार्रवाई’ जैसे शब्दों से लोगों में डर या जल्दीबाज़ी पैदा करते हैं। नतीजा यह होता है कि लोग बिना सोचे समझे लिंक पर क्लिक कर देते हैं और लाखों रुपये गंवा बैठते हैं। जैसे-जैसे आप आगे पढ़ते जाएंगे, आपको पता चलेगा कि ट्रैफिक चालान स्कैम 2025 कैसे होता है, इसे कैसे पहचानें और कैसे ऑनलाइन ट्रैफिक चालान चेक करें — ताकि समय रहते आप धोखाधड़ी से बच सकें।
ट्रैफिक चालान स्कैम 2025 में ठगी के आम तरीके
धोखेबाज़ इस घोटाले को असली दिखाने के लिए कई तरीके अपनाते हैं। नीचे कुछ सबसे आम तरीकों का ज़िक्र किया गया है:
1. फर्जी लिंक भेजना
ऐसे मैसेज में नकली वेबसाइट लिंक दिए जाते हैं जो Parivahan Sewa या अन्य सरकारी पोर्टलों जैसी दिखती हैं। जैसे ही आप इन पर क्लिक कर अपनी बैंक डिटेल्स, कार्ड नंबर या OTP डालते हैं, आपकी जानकारी हैकर्स के पास चली जाती है।
2. ईमेल और एसएमएस
धोखेबाज़ ऐसे ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर इस्तेमाल करते हैं जो सरकारी विभागों के असली दिखते हैं। इनसे भेजे गए मैसेज असली चालान की तरह लगते हैं।
3. व्हाट्सएप मैसेज
इन दिनों व्हाट्सएप पर ई-चालान के फर्जी मैसेज भेजे जा रहे हैं जिनमें पेमेंट लिंक या QR कोड होते हैं। साथ में यह धमकी भी दी जाती है कि अगर तुरंत जुर्माना नहीं भरा गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
4. फर्जी कॉल्स
कई मामलों में स्कैमर्स खुद को ट्रैफिक पुलिस बताकर कॉल करते हैं। वे बताते हैं कि आपने ट्रैफिक नियम तोड़ा है और तुरंत जुर्माना भरने का दबाव डालते हैं। वे आपको एक मैसेज लिंक भेजते हैं और उसे खोलने को कहते हैं।
5. मालवेयर (Malware)
कुछ स्कैम ईमेल में चालान की फाइल अटैचमेंट के रूप में भेजते हैं। जैसे ही आप उस पर क्लिक करते हैं, आपका फोन या कंप्यूटर वायरस से संक्रमित हो जाता है और आपकी निजी जानकारी, पासवर्ड और बैंक डिटेल्स हैक हो जाती हैं।
ट्रैफिक चालान स्कैम 2025 के असली मामले
वडोदरा: एक व्यापारी ने व्हाट्सएप पर आए “RTO e-challan.apk” ऐप को इंस्टॉल किया और ₹34.75 लाख का नुकसान झेलना पड़ा। यह ऐप उसके बैंक डिटेल्स चुरा कर अकाउंट से पैसे निकालने लगा।
नाशिक: एक व्यक्ति को फर्जी आरटीओ चालान एसएमएस मिला और उसके बैंक अकाउंट से ₹6 लाख गायब हो गए। यह धोखाधड़ी भी एक मालवेयर एपीके फाइल से की गई थी।
कोयंबटूर: यहां कई लोगों को फर्जी ई-चालान व्हाट्सएप मैसेज मिले जिनमें फर्जी ऐप डाउनलोड करने को कहा गया। एक व्यक्ति ने ₹2.96 लाख गंवा दिए।
राजकोट: एक दुकानदार ने ट्रैफिक चालान ऐप डाउनलोड किया जो असली नहीं था और उसने ₹10.81 लाख खो दिए। यह ऐप उसके बैंक डिटेल्स चुरा रहा था।
कोच्चि: दो लोगों को फर्जी “Parivahan” ऐप फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। वे टेलीग्राम बॉट के ज़रिए गाड़ियों की जानकारी इकट्ठा करते और लोगों के बैंक रिकॉर्ड चुराते थे।
ट्रैफिक चालान स्कैम 2025 से खुद को कैसे सुरक्षित रखें

आज के समय में फर्जी ई-चालान मैसेज और ऐप्स के ज़रिए ठगी तेजी से बढ़ रही है। लेकिन थोड़ी सी समझदारी और सतर्कता आपको इन साइबर अपराधियों से बचा सकती है। नीचे दिए गए आसान और व्यावहारिक उपायों को अपनाकर आप अपने पैसे और डेटा दोनों को सुरक्षित रख सकते हैं।
हमेशा ऑफिशियल पोर्टल पर ही चालान चेक करें
कभी भी किसी मैसेज या ईमेल में आए लिंक पर क्लिक न करें। ई-चालान चेक करने का सबसे सुरक्षित तरीका है Parivahan Sewa पोर्टल या अपने राज्य के RTO की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर जांच करना। ये वेबसाइट्स सुरक्षित होती हैं और आपको असली चालान की जानकारी देती हैं।
‘तुरंत भुगतान करें’ जैसे संदेशों पर ध्यान न दें
असली चालान कभी भी तुरंत भुगतान करने का दबाव नहीं डालते। अगर किसी मैसेज में लिखा है कि “अभी चालान भरें वरना वाहन जब्त होगा”, तो वह निश्चित रूप से फर्जी है। ऐसे मैसेज को नज़रअंदाज़ करें और पहले उसकी सत्यता जांचें।
व्हाट्सएप या टेलीग्राम से ऐप डाउनलोड न करें
अगर कोई आपको “Traffic Challan App” नाम का APK डाउनलोड करने को कहता है, तो ऐसा बिल्कुल न करें। ऐसे ऐप्स मालवेयर होते हैं जो आपके बैंक और पर्सनल डेटा को चुरा सकते हैं। हमेशा केवल Google Play Store या Apple App Store से ही ऑफिशियल ऐप डाउनलोड करें और डाउनलोड करने से पहले उसकी रेटिंग ज़रूर देखें।
संदिग्ध मैसेज तुरंत रिपोर्ट करें
अगर आपको कोई संदिग्ध ई-चालान मैसेज, लिंक या ऐप दिखे, तो उसे तुरंत Cyber Crime Portal पर रिपोर्ट करें। जितनी जल्दी ऐसे स्कैम रिपोर्ट होंगे, उतनी जल्दी अधिकारियों को कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।
जागरूकता फैलाएं
अपने दोस्तों, परिवार और सहकर्मियों को इस स्कैम के बारे में बताएं। एक चेतावनी किसी और को हजारों या लाखों रुपये के नुकसान से बचा सकती है।
स्टेप-बाय-स्टेप सुरक्षा गाइड
खुद को सुरक्षित रखने के लिए यह छोटा सा रूटीन अपनाएं:
हर हफ्ते एक बार Parivahan या RTO साइट पर जाकर अपना चालान स्टेटस चेक करें।
किसी भी ई-चालान मैसेज को पेमेंट करने से पहले आधिकारिक वेबसाइट पर क्रॉस-चेक करें।
अपने बैंक अकाउंट पर SMS और ईमेल अलर्ट हमेशा चालू रखें ताकि किसी भी अनजान ट्रांजेक्शन की जानकारी तुरंत मिल सके।
अपने फोन को अपडेट रखें और एक भरोसेमंद एंटीवायरस सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करें।
अपने परिवार और ऑफिस के लोगों को फर्जी मैसेज और ऐप्स के बारे में जागरूक करें।
त्वरित सुरक्षा चेकलिस्ट
इन कुछ बातों का पालन हमेशा करें ताकि आप और आपका परिवार ट्रैफिक चालान स्कैम 2025 से सुरक्षित रहें:
- सिर्फ सरकारी वेबसाइट्स पर ही चालान चेक करें।
- व्हाट्सएप या अंजान लिंक से ऐप डाउनलोड कभी न करें।
- “अभी भुगतान करें” जैसे संदेशों को नज़रअंदाज़ करें।
- किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत अधिकारियों को रिपोर्ट करें।
- दोस्तों और परिवार को इसके बारे में जागरूक करें।
निष्कर्ष
चाहे फर्जी व्हाट्सएप मैसेज हों या नकली ऐप्स, साइबर ठग हर दिन नए तरीके ईजाद कर रहे हैं ताकि आपकी निजी जानकारी और बैंक डिटेल्स चुरा सकें। इनकी सबसे बड़ी चाल होती है — असली दिखना, जल्दीबाज़ी पैदा करना और डर का फायदा उठाना।
लेकिन सच्चाई यह है कि इनसे बचना बहुत आसान है। अगर आप हमेशा सरकारी पोर्टल पर ही चालान चेक करते हैं, अंजान लिंक पर क्लिक नहीं करते, और रैंडम ऐप्स डाउनलोड नहीं करते, तो आप पहले से ही इन स्कैमर्स से बहुत आगे हैं।
हमेशा याद रखें — जल्दबाज़ी में लिंक पर क्लिक न करें, और हर चीज़ को पहले सत्यापित करें। अपने परिवार और दोस्तों को भी सतर्क करें ताकि वे भी सुरक्षित रहें और आप निश्चिंत होकर डिजिटल ट्रैफिक सेवाओं का लाभ उठा सकें।
और एक बात कई बार आपकी गाड़ी का चालान तो वास्तव में कटा होता है पर मानवीय या तकनीकी गलती की वजह से गलत चालान कट जाता है, यानि आपकी गलती नहीं थी फिर भी चालान जारी हो गया। ऐसी स्थिति में आपको क्या करना है ये जानने के लिए हमारा आर्टिकल गलती से जारी किए गए ट्रैफिक चालान के खिलाफ शिकायत कैसे दर्ज करें जरूर पढ़ें।
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