

मोबाइल नंबर से चालान चेक करना कितना सुरक्षित है? ऐसे करें सही तरीके से वेरिफाई
- 1मोबाइल से चालान चेक तभी संभव है जब नंबर वाहन से लिंक हो
- 2चालान की स्थिति जांचने के लिए हमेशा आधिकारिक या भरोसेमंद वेबसाइट का ही इस्तेमाल करें
- 3नियमित जांच से चालान लंबित रहने पर लगने वाला जुर्माना और कानूनी परेशानियां टलती हैं
पिछले कुछ सालों में ट्रैफिक चालान चेक करना बेहद आसान हो गया है। अब कुछ राज्य पोर्टल आपको सिर्फ मोबाइल नंबर डालकर ही आपके लंबित चालानों की जानकारी दे देते हैं। इसमें आपका रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर आपकी गाड़ी के चालान हिस्ट्री से लिंक होता है। बस नंबर डालें, चालान देखें और ऑनलाइन पेमेंट कर दें।
हालांकि, यह सुविधा हर जगह एक जैसी काम नहीं करती। कई मामलों में यह बिल्कुल काम भी नहीं करती। इसका कारण राज्य-स्तरीय डेटा सिस्टम, प्राइवेसी पॉलिसी या आपके RC से मोबाइल नंबर का लिंक होना हो सकता है। इसके अलावा, जब इसमें थर्ड-पार्टी वेबसाइट्स शामिल होती हैं, तो डेटा सिक्योरिटी को लेकर भी सवाल उठते हैं।
आइए समझते हैं कि मोबाइल नंबर से चालान चेक वास्तव में कैसे काम करता है, किन राज्यों में यह संभव है और इसे सुरक्षित तरीके से कैसे इस्तेमाल करें।
मोबाइल नंबर से ट्रैफिक चालान चेक कैसे काम करता है?

कॉन्सेप्ट काफी सीधा है: अगर आपके वाहन का रजिस्ट्रेशन आपके मोबाइल नंबर से RTO डेटाबेस में लिंक है, तो कुछ पोर्टल्स और एप्लिकेशन इस जानकारी का उपयोग करके आपके लंबित चालान दिखा सकते हैं।
ऐसे पोर्टल्स जहां मोबाइल नंबर से चालान चेक किया जा सकता है:
- स्टेट ट्रैफिक पुलिस पोर्टल्स: महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे कुछ राज्यों में वाहन नंबर के साथ रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से भी चालान चेक किया जा सकता है।
- Parivahan और mParivahan: नेशनल पोर्टल आमतौर पर वाहन या लाइसेंस नंबर मांगते हैं। लेकिन अगर आपका मोबाइल नंबर DigiLocker या mParivahan अकाउंट से जुड़ा है, तो आप सीधे अपनी चालान लिस्ट देख सकते हैं।
- थर्ड-पार्टी ऐप्स: कुछ पेमेंट ऐप्स और एग्रीगेटर्स मोबाइल OTP वेरिफिकेशन के जरिए चालान चेक की सुविधा देते हैं। लेकिन इन्हें इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतनी चाहिए और केवल भरोसेमंद ऐप्स पर ही निर्भर रहना चाहिए।
यहां मोबाइल नंबर का काम केवल एक वेरिफाइड लॉगिन की की तरह होता है, जिससे सरकारी डेटाबेस से आपके वाहन की जानकारी निकाली जाती है।
क्या मोबाइल नंबर से ट्रैफिक चालान चेक करना सुरक्षित है?
- सुरक्षित है: अगर आप Parivahan, mParivahan ऐप या राज्य की आधिकारिक ट्रैफिक पुलिस वेबसाइट का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये सभी सरकारी पोर्टल हैं और इनमें डेटा सिक्योरिटी के कड़े नियम होते हैं।
- जोखिम है: जब आप अपना नंबर किसी अनऑफिशियल साइट या ऐप पर डालते हैं, जो “इंस्टेंट चालान चेक” का वादा करते हैं लेकिन सरकारी पोर्टल से जुड़े नहीं होते।
- सबसे अच्छा हालात: आपको स्पैम कॉल्स आने लगेंगी।
- सबसे बुरा हालात: आपकी जानकारी सेव होकर गलत तरीके से इस्तेमाल की जा सकती है।
thumb rule
अगर वेबसाइट का डोमेन .gov.in नहीं है या यह आपके राज्य की ऑफिशियल साइट से लिंक नहीं है, तो सावधानी से इस्तेमाल करें। भरोसेमंद न होने पर कभी भी अपनी जानकारी न डालें।
मोबाइल नंबर से ट्रैफिक चालान चेक करने के सुरक्षित स्टेप्स
मोबाइल नंबर की मदद से ट्रैफिक चालान चेक करने की प्रक्रिया आम तौर पर इस तरह से होती है:
1. mParivahan ऐप से
- आधिकारिक Play Store या App Store से mParivahan ऐप डाउनलोड करें।
- अपने मोबाइल नंबर से लॉगिन करें और OTP से वेरिफाई करें।
- गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर डालकर उसे लिंक करें।
- एक बार लिंक हो जाने पर, डैशबोर्ड पर सीधे आपके वाहन से जुड़े सभी चालान दिखेंगे।
2. राज्य ट्रैफिक पुलिस पोर्टल्स से
- अपने राज्य की आधिकारिक ट्रैफिक पुलिस वेबसाइट पर जाएँ।
- Challan Status या E-Challan सेक्शन खोजें।
- अगर विकल्प मौजूद है तो मोबाइल नंबर चुनें।
- रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर डालें और OTP वेरिफिकेशन पूरा करें।
- लंबित चालानों की पूरी लिस्ट स्क्रीन पर आ जाएगी।
3. DigiLocker से
- अपने मोबाइल-लिंक्ड DigiLocker अकाउंट से लॉगिन करें।
- अगर RC लिंक नहीं है तो RC डिटेल्स फेच करें।
- ट्रांसपोर्ट सर्विस सेक्शन में जाकर चालान डिटेल्स देखें।
4. थर्ड-पार्टी ऐप्स से
- भरोसेमंद थर्ड-पार्टी पेमेंट ऐप्स या CARS24 पोर्टल का उपयोग करें, जो आपका डेटा सुरक्षित रखते हैं।
- गाड़ी का नंबर डालें और चालान डिटेल्स देखें।
- कुछ पोर्टल्स मोबाइल नंबर डालकर भी यह सुविधा देते हैं।
मोबाइल नंबर से चालान चेक करने के फायदे और नुकसान
मोबाइल नंबर से चालान चेक करना सुविधाजनक है, लेकिन इसके अपने फायदे और नुकसान हैं।
फायदे
- हर बार गाड़ी का नंबर या लाइसेंस नंबर याद रखने की ज़रूरत नहीं।
- अगर आपके पास एक ही नंबर से कई गाड़ियाँ रजिस्टर्ड हैं, तो सबके चालान एक साथ देख सकते हैं।
- OTP लॉगिन की वजह से डेटा रैंडम एक्सेस से सुरक्षित रहता है।
नुकसान
- हर राज्य में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है।
- अगर आपका मोबाइल नंबर RTO रिकॉर्ड में अपडेट नहीं है तो रिजल्ट नहीं आएगा।
- कम-ज्ञात या अनऑफिशियल साइट्स पर इस्तेमाल करने से प्राइवेसी रिस्क बढ़ जाता है।
अपने मोबाइल नंबर को वाहन रिकॉर्ड से कैसे लिंक करें
अगर आपको मोबाइल नंबर से चालान चेक करने पर रिजल्ट नहीं मिल रहा है, तो इसका मतलब है कि आपका मोबाइल नंबर RTO रिकॉर्ड में अपडेट नहीं है। इसे ठीक करने के लिए ये कदम उठाएँ:
- अपने स्थानीय RTO जाएँ और साथ में RC (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट), ID प्रूफ और मोबाइल नंबर अपडेट करने का रिक्वेस्ट ले जाएँ।
- मोबाइल नंबर अपडेट करने का फॉर्म भरें (कुछ राज्यों में यह प्रक्रिया Parivahan पोर्टल से ऑनलाइन भी संभव है)।
- एक बार अपडेट हो जाने के बाद, आपका मोबाइल नंबर सेंट्रल डेटाबेस से लिंक हो जाएगा और भविष्य में मोबाइल नंबर से चालान चेक करना आसान होगा।
सारांश
मोबाइल नंबर से ट्रैफिक चालान चेक करना सिर्फ बकाया भुगतान करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आपको बड़े झंझटों से पहले ही सतर्क कर देता है। आज राज्य पोर्टल्स, Parivahan और mParivahan सेंट्रल डेटाबेस से लिंक हो चुके हैं। इसका मतलब है कि आपकी हर गलती—जैसे ओवरस्पीडिंग या गलत लेन में पार्किंग—पहले से कहीं तेज़ रिकॉर्ड होती है।
अगर आप चालान इग्नोर करते हैं, तो सिर्फ लेट फीस ही नहीं, बल्कि आपको लाइसेंस रिन्यूअल ब्लॉक, इंश्योरेंस क्लेम में दिक्कत या यहां तक कि गाड़ी का रजिस्ट्रेशन होल्ड जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
सबसे सुरक्षित तरीका है कि आप सिर्फ ऑफिशियल पोर्टल्स और ऐप्स का इस्तेमाल करें, अपने मोबाइल नंबर को RTO रिकॉर्ड से अपडेट रखें और हर 1-2 महीने में एक बार चालान स्टेटस चेक करना आदत बना लें। अगर कभी थर्ड-पार्टी टूल का इस्तेमाल करें, तो सुनिश्चित करें कि वह भरोसेमंद हो और आपकी जानकारी सुरक्षित रखे। आखिरकार, दो मिनट का यह चेक आपको हफ्तों की परेशानी और भारी-भरकम जुर्माने से बचा सकता है।
इसके अलावा कई बार ऐसा होता है कि गलती से चालान जारी हो जाता है। तो ऑनलाइन चालान भरते समय दो बार क्रॉस चैक करिए कि चालान वाकई में सही है कि नहीं। अगर आपको ऐसा लगता है कि कोई चालान गलती से जारी हुआ है तो आप उस गलत चालान की शिकायत भी कर सकते हैं।