

SUV, MPV और MUV में क्या फर्क है? जानें फुल फॉर्म, उपयोग और खासियतें
- 1MPV और MUV के मुकाबले SUV को सबसे अच्छा ऑफ-रोड वाहन माना जाता है
- 2MPV खासतौर पर तीनों रो में यात्रियों की सुविधा और स्पेस के लिए जानी जाती हैं
- 3MUV से आपको यात्रियों के लिए सुविधा और सामान रखने के लिए अच्छा स्पेस मिल जाता है
2025 में कार खरीदना पहले जितना आसान नहीं रह गया है। इसकी एक बड़ी वजह है कि भारतीय बाज़ार में अब कारों के इतने अलग-अलग बॉडी स्टाइल मौजूद हैं। SUV सबसे ज़्यादा सुर्खियाँ बटोरती हैं क्योंकि कार कंपनियाँ इसे बेचने के लिए मुख्य मार्केटिंग टर्म की तरह इस्तेमाल करती हैं। लेकिन MPV और MUV भी अब अपनी मल्टीपर्पज़ खूबियों के चलते लोकप्रिय हो रही हैं।
ऐसे में आपके लिए, बतौर कार खरीदने वाले, यह समझना ज़रूरी है कि हर बॉडी टाइप की ताक़त और कमज़ोरी क्या है, ताकि आप सही चुनाव कर सकें।
SUV vs MPV vs MUV: फुल फॉर्म
SUV, MPV और MUV जैसे शॉर्ट फॉर्म लंबे समय से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का हिस्सा रहे हैं। ये सिर्फ आकर्षक मार्केटिंग शब्द नहीं हैं, बल्कि इन्हें खास तरह की गाड़ियों के मकसद को दर्शाने के लिए बनाया गया है। दुनिया भर के ज़्यादातर बाज़ारों में, जिनमें भारत भी शामिल है, इनका मतलब लगभग एक जैसा ही है।
SUV फुल फॉर्म

SUV का फुल फॉर्म है स्पोर्टस् यूटिलिटी व्हीकल। यानी ऐसी गाड़ियाँ जो स्पोर्ट्स जैसी चुनौतियों के लिए बनाई गई हैं—जैसे ऑफ-रोड ड्राइविंग करना या कठिन रास्तों पर चलना। SUV का दूसरा पहलू है इसका यूटिलिटी वैल्यू—यानी यह गाड़ियाँ उन जगहों पर भी सामान ले जा सकती हैं जहाँ आम गाड़ियाँ नहीं पहुँच पातीं। इसके अलावा, SUVs को टोइंग (खींचने) के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। ये आसानी से ट्रेलर या दूसरी गाड़ियों को खींच सकती हैं क्योंकि इनका ढांचा मज़बूत और इंजन ताक़तवर होता है।
SUV की मुख्य खूबियाँ
बनावट (Design)
SUV का डिज़ाइन आम तौर पर दो हिस्सों वाला (Two-Box Design) होता है—पहला हिस्सा इंजन कम्पार्टमेंट और दूसरा बड़ा हिस्सा पैसेंजर कम्पार्टमेंट। यही डिज़ाइन MPV और MUV में भी होता है, इसलिए लोग अक्सर इन्हें लेकर भ्रमित हो जाते हैं। SUVs का आकार ज़्यादातर चौकोर और बॉक्सी होता है।
बॉडी ऑन फ्रेम बनाम मोनोकॉक
पारंपरिक SUVs हमेशा बॉडी ऑन फ्रेम ढाँचे पर बनी होती थीं, यानी नीचे मज़बूत फ्रेम होता और उसके ऊपर बॉडी फिट की जाती। लेकिन अब कई आधुनिक SUVs, जो सड़क पर चलाने के हिसाब से बनाई जाती हैं, मोनोकॉक कंस्ट्रक्शन पर भी उपलब्ध हैं, जिसमें बॉडी और फ्रेम एक ही संरचना का हिस्सा होते हैं।
पावरट्रेन (इंजन और ताक़त)
SUV में बड़े इंजन लगाए जाते हैं ताकि ये कठिन रास्तों या टोइंग के कामों में सक्षम हो सकें। पहले SUVs में डीज़ल इंजन ज़्यादा आम थे, लेकिन अब पेट्रोल इंजन भी मिलने लगे हैं। पहले मैनुअल गियर व्यवस्था को मज़बूत माना जाता था, लेकिन आजकल ऑटोमैटिक गियर वाले SUVs भी उतने ही भरोसेमंद हैं।
ड्राइवट्रेन (पहियों को चलाने की व्यवस्था)
SUV की असली पहचान है चार-पहिया ड्राइव (4WD)। इनमें अक्सर लो-रेन्ज ट्रांसफर केस भी दिया जाता है, जो फिसलन भरे रास्तों पर ज़्यादा टॉर्क देकर मदद करता है।
सवारियों की क्षमता
ज़्यादातर SUVs में 5 सीटें होती हैं। बड़ी SUVs में 7 सीटों का विकल्प भी मिलता है, लेकिन इनमें तीसरी कतार की सीटें तंग होती हैं और छोटे बच्चों या छोटे सफ़र के लिए ही आरामदायक रहती हैं।
MPV फुल फॉर्म

MPV का फुल फॉर्म है मल्टी पर्पज़ व्हीकल। यानी ऐसी गाड़ियाँ जो कई तरह के काम करने में सक्षम हों। MPV का मकसद होता है यात्रियों को ज़्यादा से ज़्यादा आराम और स्पेस देना। इसके साथ ही यह गाड़ियाँ सामान ढोने या छोटे ट्रेलर खींचने जैसे काम भी आसानी से कर सकती हैं।
उत्तर अमेरिकी बाज़ार में MPVs को अक्सर मिनिवैन कहा जाता है। ये शहरी और हाइवे दोनों तरह की सवारी के लिए बेहद आरामदायक यात्री वाहन माने जाते हैं।
MPV की मुख्य खूबियाँ
बनावट (Design)
MPV में भी आम तौर पर दो हिस्सों वाला ढाँचा होता है। फर्क यह है कि इनका डिज़ाइन SUV जितना चौकोर नहीं होता, बल्कि इनमें किनारे थोड़े ढलान वाले होते हैं। ज़्यादातर मामलों में विंडशील्ड ज़्यादा झुकी होती है और बोनट सीधे पैसेंजर केबिन के डिज़ाइन में मिल जाता है। हालाँकि पीछे का हिस्सा ज़्यादातर सीधा रखा जाता है ताकि अंदर केबिन में ज़्यादा जगह मिल सके। SUV vs MPV vs MUV की बहस में, MPV अक्सर सबसे स्मूद डिज़ाइन वाली होती हैं, लेकिन यह हर बार ज़रूरी नहीं।
मोनोकॉक (Monocoque)
MPV का मुख्य उद्देश्य यात्रियों को आराम से ले जाना है। इसी वजह से इनमें मोनोकॉक ढाँचा इस्तेमाल किया जाता है, जहाँ गाड़ी का फ्रेम और बॉडी एक ही स्ट्रक्चर का हिस्सा होते हैं। इससे MPV चलाने में कार जैसी लगती हैं और पक्की सड़कों पर ड्राइव करना आसान और आरामदायक होता है।
पावरट्रेन (इंजन और ताक़त)
MPV में पेट्रोल और डीज़ल दोनों तरह के इंजन इस्तेमाल किए जाते हैं क्योंकि ये दोनों ही शहरी सड़कों और हाइवे के लिए पर्याप्त होते हैं। इन गाड़ियों में मैनुअल और ऑटोमैटिक, दोनों तरह की गियर व्यवस्था मिलती है क्योंकि इन्हें खासतौर पर पैसेंजर कम्फर्ट बढ़ाने के लिए बनाया जाता है।
ड्राइवट्रेन (पहियों को चलाने की व्यवस्था)
MPV से ऑफ-रोडिंग की उम्मीद नहीं की जाती, इसलिए ये आम तौर पर टू-व्हील ड्राइव (2WD) लेआउट में आती हैं। ज़्यादातर आधुनिक MPV में फ्रंट-व्हील ड्राइव (FWD) होता है क्योंकि यह ज़्यादा ईंधन बचाता है। कुछ मॉडल्स में रियर-व्हील ड्राइव (RWD) भी दिया जाता है।
सवारियों की क्षमता
MPV का फुल फॉर्म भले ही मल्टी पर्पज़ व्हीकल हो, लेकिन इसे मल्टी पैसेंजर व्हीकल कहना भी गलत नहीं होगा। इनका मुख्य मकसद है ज़्यादा यात्रियों को आराम से ले जाना। यही वजह है कि MPV गाड़ियाँ आम तौर पर सात-सीटर होती हैं और SUV vs MPV vs MUV की तुलना में तीसरी कतार (थर्ड रो) में यात्रियों के लिए बेहतर जगह और आराम देती हैं।
MUV फुल फॉर्म

MUV का फुल फॉर्म है मल्टी यूटिलिटी व्हीकल। यह SUV के फुल फॉर्म जैसा ही है। MUV को ऐसे डिज़ाइन किया जाता है कि यह अलग-अलग तरह के उपयोगी काम आसानी से कर सके। इसे SUV और MPV का मिश्रण माना जा सकता है। जहाँ SUV ज़्यादा उपयोगी काम (जैसे ऑफ-रोडिंग या भारी सामान ढोना) करती है और MPV यात्रियों को ज़्यादा आराम देती है, वहीं MUV इन दोनों खूबियों को मिलाकर बीच का विकल्प पेश करती है। भारतीय बाज़ार में MPV और MUV को अलग पहचानना आसान नहीं होता क्योंकि दोनों का लुक काफी हद तक मिलता-जुलता होता है।
MUV की मुख्य खूबियाँ
बनावट (Design)
SUV और MPV की तरह MUV में भी दो हिस्सों वाला ढाँचा होता है। इनकी विंडशील्ड काफ़ी झुकी हुई होती है, जिससे लगता है कि बोनट की लाइन सीधे छत तक चली गई हो। पीछे का हिस्सा MPV की तरह सीधा रखा जाता है ताकि तीसरी कतार (थर्ड रो) के यात्रियों के लिए अंदर ज्यादा जगह मिल सके।
बॉडी ऑन फ्रेम बनाम मोनोकॉक
ज़्यादातर MUV में मोनोकॉक ढाँचा मिलता है, ताकि यात्रियों को आराम मिल सके। लेकिन हर बार ऐसा नहीं होता। कई बार मजबूती और टिकाऊपन के लिए इन्हें बॉडी ऑन फ्रेम ढाँचे पर भी बनाया जाता है। उदाहरण के लिए Tata Hexa और Toyota Innova Crysta।
पावरट्रेन (इंजन और ताक़त)
MUV में पेट्रोल और डीज़ल दोनों तरह के इंजन लगाए जा सकते हैं। कुछ मॉडल्स जैसे Toyota Innova Hycross में हाइब्रिड इंजन भी दिया जाता है। इसके अलावा, इन गाड़ियों में मैनुअल और ऑटोमैटिक दोनों गियर विकल्प उपलब्ध होते हैं।
ड्राइवट्रेन (पहियों को चलाने की व्यवस्था)
MUV को SUV और MPV के बीच का पुल माना जाता है। ज़्यादातर MPV केवल 2WD लेआउट (FWD या RWD) में आती हैं, लेकिन MUV में 4WD लेआउट भी मिल सकता है। बंद हो चुकी Tata Hexa एक बेहतरीन उदाहरण है, जिसमें 4WD दिया गया था।
सवारियों की क्षमता (Seating Capacity)
MUV आमतौर पर तीन कतारों वाली गाड़ियाँ होती हैं, जिनमें 7 लोग आराम से बैठ सकते हैं। कई MUV आकार में MPV से बड़ी होती हैं और इनमें 8 सीटों का विकल्प भी मिलता है। Toyota Innova Crysta इसका बढ़िया उदाहरण है, जो 8-सीटर विकल्प के साथ आती है।
SUV vs MPV vs MUV: उदाहरण
नीचे दी गई टेबल से इन तीनों बॉडी टाइप्स का अंतर और साफ़ समझा जा सकता है:
SUV | MPV | MUV |
1. Maruti Suzuki Jimny | 1. Renault Triber | 1. Toyota Innova Crysta |
2. Mahindra Thar | 2. Maruti Suzuki Ertiga | 2. Toyota Innova Hycross |
3. Toyota Fortuner | 3. Mahindra Marazzo | 3. Tata Hexa (बंद) |
4. Mahindra Scorpio N | 4. Kia Carens Clavis | 4. Kia Carnival |
आपको कौन-सी गाड़ी चुननी चाहिए?
भारत जैसे देश में SUV vs MPV vs MUV के बीच चुनाव करना आसान नहीं होता, क्योंकि कई बार ये गाड़ियाँ दिखने में एक जैसी लगती हैं। लेकिन ऊपर बताए गए अंतर समझने के बाद असली SUV, MPV और MUV पहचानना आसान हो जाता है। अब सवाल है कि आपको कौन-सी गाड़ी चुननी चाहिए? इसका जवाब आपकी ज़रूरत और इस्तेमाल पर निर्भर करता है।
SUV कब चुनें
- अगर आप ज़्यादातर समय ऑफ-रोड या कठिन रास्तों पर ड्राइव करने वाले हैं। असली SUV में 4x4 ड्राइव सिस्टम (4WD) होता है, जिससे ये कीचड़, फिसलन और पत्थरीली ज़मीन पर भी आसानी से चल पाती हैं। अगर आप SUV में दिलचस्पी रखते हैं तो बेस्ट 4x4 कारों के बारे में पढ़ सकते हैं।
- अगर आप गाड़ी में ऊँची और कमांडिंग ड्राइविंग पोज़िशन चाहते हैं। SUV की ड्राइविंग सीट बाकी गाड़ियों से ऊँची होती है और इसमें ज़्यादा ग्राउंड क्लियरेंस मिलता है। इससे लंबी दूरी और हर तरफ़ का साफ़ नज़ारा मिलता है।
- अगर आप ऐसी गाड़ी चाहते हैं जो मज़बूत और टिकाऊ हो। SUVs को कठिन मौसम और चुनौतीपूर्ण रास्तों के लिए बनाया जाता है, इसलिए ये औरों से ज़्यादा मजबूत होती हैं।
MPV कब चुनें
- अगर आप गाड़ी का इस्तेमाल ज़्यादातर यात्रियों को ले जाने के लिए करने वाले हैं। MPVs में सभी कतारों की सीटें आरामदायक होती हैं और ये छोटे-बड़े सफ़र में अच्छा आराम देती हैं।
- अगर आपको थर्ड रो सीट तक आसानी से पहुँचना है। MPV में इस बात का ध्यान रखा जाता है कि तीसरी कतार तक आसानी से आया-जाया जा सके।
- अगर आप चाहते हैं कि सभी यात्रियों को सुविधाएँ मिलें। MPV में अक्सर दूसरी और तीसरी कतार के लिए अलग AC यूनिट्स, कप होल्डर, मोबाइल रखने की जगह और चार्जिंग पोर्ट जैसी सुविधाएँ होती हैं।
MUV कब चुनें
- अगर आपकी प्राथमिकता है कि गाड़ी में यात्री और सामान दोनों ले जाया जा सके। MUVs में तीन कतारों वाली सीटें होती हैं जिन्हें अलग-अलग तरीक़े से मोड़ा जा सकता है ताकि यात्रियों और सामान दोनों के लिए पर्याप्त जगह बनाई जा सके।
- अगर आप चाहते हैं एक मज़बूत गाड़ी जो खराब रास्तों को भी आसानी से झेल सके। ज़्यादातर MUVs मज़बूत बॉडी-ऑन-फ्रेम या कड़े मोनोकॉक ढाँचे पर बनी होती हैं, जिससे ये खराब सड़कों और हल्की-फुल्की ऑफ-रोडिंग में भी बढ़िया प्रदर्शन करती हैं। कुछ पुराने मॉडल जैसे Tata Hexa तो 4WD के साथ भी आते थे। आप सेकंड हैंड टाटा हैक्सा भी खरीद सकते हैं।
SUV vs MPV vs MUV: सारांश
भारत में कारों की दुनिया तेज़ी से बदल रही है और SUV, MPV और MUV के बीच की लकीरें भी धुंधली होती जा रही हैं। लेकिन अब जब आपको इनकी फुल फॉर्म और इनका असली मकसद पता चल गया है, तो आप अपनी ज़रूरत के हिसाब से सही चुनाव कर सकते हैं।