

भारत में सबसे कम कार रजिस्ट्रेशन फीस कहां है? देखें रोड टैक्स की राज्यवार तुलना
- 1हिमाचल, उत्तराखंड और गोवा में रोड टैक्स दरें देश में सबसे कम हैं
- 2कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना में कारों पर सबसे ज़्यादा रोड टैक्स लगता है
- 3रोड टैक्स जितना ज्यादा, गाड़ी उतनी महंगी और रीसेल में उतना नुकसान
क्या आप जानते हैं? जब आप भारत में कोई कार खरीदते हैं, तो विज्ञापन में दिखने वाली कीमत असली कीमत नहीं होती। वो सिर्फ एक्स-शोरूम प्राइस होती है — यानी निर्माता द्वारा तय की गई बेस कीमत। असली ऑन-रोड प्राइस में इंश्योरेंस, रजिस्ट्रेशन चार्ज और सबसे अहम — रोड टैक्स शामिल होता है।
और असली ट्विस्ट यह है — रोड टैक्स हर राज्य में अलग होता है!
यह कितना फर्क डालता है?
एक ही गाड़ी की फाइनल कीमत, उसकी रजिस्ट्रेशन लोकेशन के हिसाब से ₹1 से ₹2 लाख तक बदल सकती है। यानी जहां आपने गाड़ी रजिस्टर करवाई, वही तय करता है कि आपकी जेब से कितना पैसा निकलेगा।
इस आर्टिकल में हम भारत में राज्यवार रोड टैक्स की जानकारी देंगे — कौन से राज्य सबसे सस्ता रोड टैक्स लेते हैं, और कहां टैक्स दरें सबसे ज्यादा हैं। साथ ही यह भी समझेंगे कि यह टैक्स आपकी कार की कुल कीमत को कैसे प्रभावित करता है।
रोड टैक्स क्या है?
रोड टैक्स एक राज्य सरकार द्वारा लगाया गया शुल्क है, जिसका उपयोग सड़क मरम्मत और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए किया जाता है। यह गाड़ी की रजिस्ट्रेशन के समय एक बार ही लिया जाता है और इसकी गणना कई कारकों पर आधारित होती है।
हर राज्य की अपनी टैक्स नीतियां होती हैं और यह टैक्स RTO शुल्क के साथ जोड़कर वसूला जाता है। यहां कुछ प्रमुख फैक्टर हैं जो रोड टैक्स को प्रभावित करते हैं:
फैक्टर | रोड टैक्स पर असर |
एक्स-शोरूम प्राइस | टैक्स गाड़ी की एक्स-शोरूम कीमत का प्रतिशत होता है। महंगी गाड़ियों पर ज्यादा टैक्स। जैसे कर्नाटक में ₹5 लाख से कम की गाड़ियों पर 13% टैक्स है, जबकि ₹20 लाख से ऊपर वाली गाड़ियों पर 18%। |
फ्यूल टाइप | कई राज्यों में डीज़ल गाड़ियों पर पेट्रोल से ज्यादा टैक्स लगता है। जैसे महाराष्ट्र में ₹20 लाख से ऊपर की पेट्रोल कार पर 13% टैक्स है, वहीं डीज़ल कार पर 15%। |
इंजन कैपेसिटी (CC) | 1500cc से ऊपर की गाड़ियों पर कई राज्य ज्यादा टैक्स लगाते हैं। जैसे तमिलनाडु और तेलंगाना में। |
राज्य की नीति | कुछ राज्य स्लैब आधारित मॉडल अपनाते हैं (जैसे महाराष्ट्र, कर्नाटक), जबकि कुछ फ्लैट रेट लगाते हैं (जैसे दिल्ली)। |
इसलिए एक ही गाड़ी की कीमत अलग-अलग राज्यों में काफी अलग हो सकती है। इसलिए गाड़ी खरीदने से पहले राज्यवार टैक्स दर जरूर जान लें।
भारत में सबसे कम रोड टैक्स वाले राज्य
कुछ राज्य ऐसे हैं जो बहुत कम टैक्स लगाते हैं, जिससे गाड़ी की कुल कीमत और ऑन-रोड प्राइस कम हो जाती है। इन राज्यों में कार खरीदना जेब पर हल्का पड़ता है।
1. हिमाचल प्रदेश

यह राज्य कम रोड टैक्स लगाने के लिए जाना जाता है। यहां कम भीड़-भाड़, राज्य की इनकम का वाहन टैक्स पर कम निर्भर रहना और वाहनों को बढ़ावा देने वाली सरकारी नीति इसकी वजह हैं।
2. उत्तराखंड

यहां रोड टैक्स अन्य राज्यों की तुलना में काफ़ी कम है, खासकर छोटी और सस्ती गाड़ियों के लिए।
3. गोवा

गोवा में रोड टैक्स रेट बेहद किफायती हैं। यह राज्य कार मालिकों के लिए सुविधाजनक और कम खर्चीला है।
इन राज्यों में टैक्स कम क्यों है?
- वाहन खरीद को बढ़ावा देने वाली सरकारी नीतियां
- राजस्व के लिए वाहन टैक्स पर कम निर्भरता
- कम ट्रैफिक और शहरी लागत
इसलिए अगर आप इन राज्यों में गाड़ी खरीदते हैं, तो आपकी कुल ऑन-रोड कीमत कम होगी और आपको बेहतर डील मिल सकती है।
भारत में सबसे ज़्यादा रोड टैक्स लेने वाले राज्य
जहाँ एक ओर कुछ राज्य भारत में सबसे कम रोड टैक्स वसूलते हैं, वहीं कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहाँ रोड टैक्स काफ़ी ज़्यादा है। अगर आप ऐसे राज्यों में गाड़ी रजिस्टर करवाते हैं, तो आपकी कार की ऑन-रोड कीमत में ₹1-2 लाख तक का फ़र्क़ पड़ सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन राज्यों में रोड टैक्स कुल लागत का बड़ा हिस्सा होता है।
भारत के वे राज्य जहाँ रोड टैक्स सबसे ज़्यादा है:
कर्नाटक
महाराष्ट्र
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना
इन राज्यों में रोड टैक्स इतना ज़्यादा क्यों है?
इन राज्यों में भारी रोड टैक्स लगाने के पीछे कुछ अहम वजहें हैं:
- वाहनों की ज़्यादा संख्या और शहरी इंफ़्रास्ट्रक्चर की उच्च लागत
- ज़रूरत से ज़्यादा वाहन स्वामित्व को हतोत्साहित करने की नीति
- लग्ज़री और महंगी कारों पर अतिरिक्त टैक्स
अगर आप इन राज्यों में गाड़ी रजिस्टर करवा रहे हैं, तो आप उन राज्यों के मुकाबले ₹1-2 लाख ज़्यादा चुका सकते हैं जहाँ रोड टैक्स कम है। इसलिए, कार ख़रीदने से पहले यह समझना ज़रूरी है कि आपका राज्य कौन-सा स्लैब लागू करता है।
कैसे रोड टैक्स आपकी कार की रीसेल वैल्यू को प्रभावित करता है?
कार को बेचने में राज्य की रजिस्ट्रेशन लोकेशन अहम भूमिका निभाती है। सिर्फ़ इसलिए नहीं कि यह शुरुआती लागत को तय करती है, बल्कि इसलिए भी कि यह गाड़ी की पुनर्विक्रय (resale) वैल्यू को भी प्रभावित करती है।
कम रोड टैक्स वाले राज्यों में रजिस्टर्ड कारें सस्ती होती हैं और इसलिए उन्हें ख़रीदने वाले ज़्यादा मिलते हैं। हालाँकि, किसी भी कार की रीसेल वैल्यू अन्य बातों पर भी निर्भर करती है — जैसे बाज़ार की मांग, कार की हालत, और उसकी उम्र।
अगर आपने अपनी कार ऐसे राज्य में रजिस्टर कराई है जहाँ टैक्स कम है, तो आपकी कार की कुल लागत भी कम होगी और इससे आपको रीसेल में फ़ायदा मिल सकता है।
रोड टैक्स कम करने के स्मार्ट उपाय
अगर आप भारत में कार टैक्स कम करना चाहते हैं, तो यहाँ कुछ व्यावहारिक सुझाव दिए गए हैं:
- कम रोड टैक्स वाले राज्य में रजिस्ट्रेशन कराएं: अगर आपके पास उस राज्य का वैध पता है, तो आप वहाँ गाड़ी रजिस्टर कर सस्ते में रोड टैक्स भर सकते हैं।
- छोटी इंजन क्षमता वाली कार चुनें: आमतौर पर कम सीसी वाली कारों पर रोड टैक्स कम लगता है।
- इलेक्ट्रिक वाहन को प्राथमिकता दें: EVs पर कई राज्य टैक्स छूट देते हैं, जिससे आपकी कुल लागत घट सकती है।
- रीसेल प्लानिंग समझदारी से करें: कम टैक्स वाले राज्यों में रजिस्टर्ड कारें रीसेल में ज़्यादा आकर्षक होती हैं।
समझदारी से करें कार ख़रीद और बिक्री
भारत में रोड टैक्स की दरें राज्य-के-राज्य बदलती हैं, इसलिए अगर आप कार ख़रीद रहे हैं, तो पहले यह जान लें कि आपके राज्य में टैक्स दरें क्या हैं।
उदाहरण के लिए:
- झारखंड, चंडीगढ़ और गुजरात जैसे राज्यों में रोड टैक्स सबसे कम है।
- जबकि कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में रोड टैक्स सबसे ज़्यादा है।
इसका सीधा असर आपकी कार की ऑन-रोड कीमत और लॉन्ग टर्म ओनरशिप कॉस्ट पर पड़ता है।
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अब जब आप ये जान चुके हैं कि किस राज्य में टैक्स ज्यादा है तो आप आस-पास के राज्य से कार लेने की सोच सकते हैं। और नहीं भी ले पायें तो ऐसी गाड़ी खरीद सकते हैं जिसका मेंटनेंस ना के बराबर हो। क्योंकि कार खरीदने की कीमत तो एक बार देनी पड़ती है पर कार चलाने की कीमत जिदंगीभर चुकानी पड़ती है। इसलिए सोच समझ कर ही कम मेंटनेंस वाली कार पसंद करें। और कार पसंद करने में आपकी मदद हमारा भारत में सबसे कम मेंटेनेंस वाली 10 कारें आर्टिकल करेगा। तो देर किस बात की अभी पढ़िए इस दिलचस्प आर्टिकल को।