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Mercedes की सर्विस और मेंटेनेंस कॉस्ट: भारत में साल दर साल खर्च का अंदाज़ा

16 Oct 2025
Key highlights
  • 1
    Mercedes की सेकंड-हैंड कारों की मेंटेनेंस लागत ₹45k से ₹1.5L के बीच होती है
  • 2
    तीसरे साल से बड़े मेंटेनेंस खर्च सामने आते हैं जैसे बैटरी और सस्पेंशन रिप्लेसमेंट
  • 3
    BS6 डीज़ल Mercedes मॉडल लंबे समय तक टिकाऊ और भरोसेमंद साबित होते हैं
आउटलाइन

भारत में जब कोई व्यक्ति used Mercedes-Benz cars खरीदने की सोचता है, तो वह केवल एक लग्ज़री ब्रांड नहीं खरीदता, बल्कि एक ऐसी कार लेता है जो अपने आराम, परफॉर्मेंस और ड्राइविंग एक्सपीरियंस के लिए जानी जाती है।
 

लेकिन एक बात जो ज़्यादातर खरीदार नज़रअंदाज़ कर देते हैं, वह है — वारंटी खत्म होने के बाद मेंटेनेंस की लागत।

लग्ज़री के साथ आता है बड़ा सर्विस बिल — जो सालाना ₹35,000 से ₹90,000 तक हो सकता है। इसमें अभी टायर, इलेक्ट्रॉनिक पार्ट्स या सस्पेंशन रिपेयर जैसी चीज़ें शामिल भी नहीं हैं।
 

तो सवाल है — Mercedes-Benz को साल दर साल मेंटेन करने में कितना खर्च आता है? आइए जानते हैं इसे विस्तार से, Mercedes-Benz India के ऑफिशियल प्रोग्राम्स, ओनर फोरम्स और वास्तविक अनुभवों के आधार पर।

 

Mercedes Service कितनी महंगी है?

 

Mercedes Service

 

भारत में Mercedes-Benz India किसी भी मॉडल पर फ्री सर्विस नहीं देती। बेसिक सर्विस पैकेज की शुरुआती कीमत लगभग ₹40,000 से शुरू होती है। उदाहरण के तौर पर, E-Class का दो-साल का ऑफिशियल सर्विस पैकेज (StarEase) करीब ₹64,700 में आता है।
अगर आप अपनी कार खरीदते वक्त ही यह कवरेज प्लान ले लेते हैं, तो यह आगे चलकर एक समझदारी भरा आर्थिक निर्णय साबित होता है।

 

प्रमुख Mercedes Models (C-Class, E-Class, GLC) का साल दर साल खर्च

 

Year 1: आधिकारिक वारंटी अवधि

 

  • रूटीन सर्विस (A या B टाइप): ₹35,000–₹45,000
    इसमें डाइग्नोस्टिक चेक, इंजन ऑयल और फ़िल्टर बदलना शामिल होता है, जैसा कि Mercedes की ऑफिशियल मेंटेनेंस गाइड में बताया गया है।
     
  • ज्यादातर used Mercedes-Benz cars जो वारंटी के भीतर हैं, उनके लिए यह सामान्य खर्च माना जाता है।
     

Year 2: Warranty अभी भी है, लेकिन खर्च बढ़ता है

 

  • सर्विस बिल ₹45,000–₹55,000 तक पहुंच सकता है, खासकर डीज़ल वेरिएंट्स में, जिन्हें DEF (Diesel Exhaust Fluid) और अतिरिक्त फ़िल्टर की ज़रूरत होती है।
     
  • उदाहरण के तौर पर, एक Team-BHP ओनर ने अपनी E 220d का दूसरे साल का सर्विस बिल ₹55,000 बताया, जिसमें फ़िल्टर, ब्रेक फ्लुइड और डायग्नोस्टिक वर्क शामिल था।
     

Year 3 और उसके बाद: वारंटी समाप्त होने के बाद की अवधि

 

  • वारंटी और सर्विस पैकेज खत्म होते ही खर्च तेजी से बढ़ता है।
     
  • तीसरे साल से आगे: ₹60,000–₹75,000+ (GLC और टॉप-एंड वेरिएंट्स के लिए इससे भी ज़्यादा)।
     
  • लॉन्ग-टर्म ओनर्स के अनुसार, औसतन ₹1.25 लाख प्रति वर्ष (टायर और इंश्योरेंस समेत) खर्च होता है, खासकर 2020 के बाद वाली E-Class कारों में।
     

टूट फूट और अन्य बड़े मेंटनेंस खर्चे (Year 3–6)

 

तीसरे साल के बाद कार में कुछ पार्ट्स का नैचुरल वियर-एंड-टियर शुरू होता है। नीचे दी गई टेबल इस अवधि के सामान्य खर्च का अनुमान बताती है:

 

कंपोनेंटअनुमानित लागतटिप्पणी
टायर बदलना (4 का सेट)₹80,000 – ₹1,00,000Continental जैसे प्रीमियम ब्रांड के टायर
बैटरी (AGM Start-Stop)₹30,000 – ₹40,000आमतौर पर 4 साल तक चलती है
सस्पेंशन बुशिंग / कंट्रोल आर्म्स₹20,000 – ₹35,000चौथे साल से आम समस्या
एयर सस्पेंशन स्ट्रट (अगर मौजूद)₹1.3 – ₹1.8 लाख प्रति यूनिटE 350d या GLC All-Terrain जैसे मॉडल्स में पाया जाता है

 

औसतन, मालिकों के मुताबिक केवल कंज़्यूमेबल्स (ऑयल, फ़िल्टर आदि) पर ही सालाना ₹35,000–₹45,000 का खर्च आता है, बेसिक सर्विसिंग से अलग।

 

इलेक्ट्रॉनिक्स, इंफोटेनमेंट और इलेक्ट्रिकल रिपेयर (वर्ष 3–6)

 

mercedes Electronics, Infotainment & Electrical Repairs

 

जब used Mercedes-Benz cars 70,000 किमी से ज़्यादा चल चुकी होती हैं, तो केवल इंजन वियर ही नहीं, बल्कि इलेक्ट्रिकल दिक्कतें भी शुरू हो जाती हैं। ज़्यादातर मालिकों ने बताया है कि तीसरे साल के बाद से ये समस्याएँ नज़र आने लगती हैं।

 

MBUX / COMAND इंफोटेनमेंट सिस्टम की समस्या:
डिस्प्ले यूनिट्स का फेल होना और सॉफ्टवेयर गड़बड़ियाँ आम हैं। एक यूनिट की मरम्मत या रिप्लेसमेंट की लागत लगभग ₹35,000–₹60,000 तक होती है।

 

15V ऑक्सिलरी बैटरी रिप्लेसमेंट:
4–5 साल बाद बैटरी बदलनी पड़ती है, जिसकी कीमत ₹18,000–₹25,000 होती है। यह आँकड़ा लंबे समय तक S-Class रखने वाले मालिकों द्वारा साझा किए गए अनुभवों से लिया गया है।

 

सेंसर रिप्लेसमेंट (PDC, रडार, कैमरा आदि):
प्रत्येक सेंसर की लागत मॉडल और फिटमेंट के अनुसार ₹10,000–₹20,000 के बीच होती है।

 

इंजन और ट्रांसमिशन की पूरी तरह मरम्मत (वर्ष 4–6)

 

mercedes Engine & Transmission

 

हालांकि Mercedes-Benz के 2.0L और 3.0L डीज़ल इंजन काफी मजबूत होते हैं, लेकिन वारंटी खत्म होने के बाद कुछ पार्ट्स घिसने लगते हैं और उन्हें बदलना पड़ता है।

 

टाइमिंग चेन टेंशनर (E-Class डीज़ल):
1 लाख किमी के बाद रिप्लेसमेंट की आवश्यकता पड़ सकती है, जिसकी लागत ₹40,000–₹80,000 तक आती है।

 

टर्बोचार्जर रिपेयर या रिप्लेसमेंट:
वेरिएंट के अनुसार ₹60,000–₹1.2 लाख तक खर्च आ सकता है।

 

ट्रांसमिशन ऑयल, फ़िल्टर और फ्लुइड सर्विस:
7G या 9G-Tronic ऑटोमैटिक गियरबॉक्स वाले मॉडल्स में हर 60,000 किमी पर ऑयल और फ्लुइड बदलना ज़रूरी है। इसका खर्च ₹25,000–₹40,000 के बीच होता है।

 

टायर, ब्रेक और अन्य कंज़्यूमेबल्स

 

mercedes Tyres, Brakes

 

Mercedes की चौथी साल से रोज़मर्रा की उपयोगी चीज़ें (consumables) और सामान्य वियर पार्ट्स को बदलने की ज़रूरत पड़ने लगती है।

 

टायर सेट (19″ या 20″ अलॉय):
ब्रांड (जैसे Continental, Michelin) के अनुसार ₹80,000–₹1,20,000 तक का खर्च आता है।

 

ब्रेक पैड्स + डिस्क (फ्रंट एक्सल):
₹30,000–₹45,000 के बीच लागत आती है, जो AMG या नॉन-AMG ट्रिम पर निर्भर करती है।

 

ब्रेक फ्लुइड, AC गैस, कूलेंट टॉप-अप्स:
रूटीन मेंटेनेंस के रूप में सालाना ₹5,000–₹8,000 का खर्च आता है।

तीसरे साल के बाद Mercedes-Benz के मालिक आमतौर पर हर साल केवल कंज़्यूमेबल्स और वियर पार्ट्स पर ₹40,000 या उससे अधिक का बजट रखते हैं।

 

Mercedes-Benz Ownership लागत का पूर्वानुमान: 6 साल तक

 

वर्षमेंटेनेंस + लेबर (₹)कंज़्यूमेबल्स और रिपेयर (₹)कुल वार्षिक खर्च (₹)
वर्ष 1₹35,000–₹45,000₹10,000–₹15,000₹45,000–₹60,000
वर्ष 2₹45,000–₹55,000₹15,000–₹20,000₹60,000–₹75,000
वर्ष 3₹55,000–₹65,000₹25,000–₹35,000₹80,000–₹1,00,000
वर्ष 4–5₹60,000–₹75,000₹35,000–₹45,000₹1,00,000–₹1,20,000
वर्ष 6₹70,000–₹90,000₹45,000–₹60,000₹1,15,000–₹1,50,000

 

ध्यान रखें — ऊपर दिए गए खर्च का ऊपरी सिरा उन कामों को भी शामिल करता है जिनमें एयर सस्पेंशन स्ट्रट, MBUX स्क्रीन रिप्लेसमेंट या टर्बो सर्विसिंग जैसे बड़े रिपेयर शामिल हैं।


ये अनुमान वास्तविक Mercedes मालिकों के अनुभवों पर आधारित हैं, और मॉडल, वेरिएंट और गाड़ी की कंडीशन के अनुसार बदल सकते हैं।

 

सेकंड हैंड Mercedes-Benz मालिकों के लिए मेंटनेंस टिप्स

 

अगर आप सेकंड हैंड Mercedes-Benz कार के मालिक हैं, तो थोड़ी समझदारी और समय पर प्लानिंग से आप लंबे समय में काफी पैसे बचा सकते हैं। यहाँ कुछ आसान लेकिन कारगर टिप्स दिए गए हैं:

 

  1. पहली सर्विस पर 2-साल का StarEase पैकेज लें — अगर यह विकल्प उपलब्ध हो, तो इसे ज़रूर चुनें। यह न केवल सर्विस लागत को नियंत्रित करता है, बल्कि कार के resale value को भी बढ़ा देता है क्योंकि यह ट्रांसफरेबल होता है।
     
  2. FNG (Friendly Neighbourhood Garage) चुनें जो ISTA/DAS डायग्नोस्टिक सिस्टम का इस्तेमाल करते हों, खासकर बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई या बेंगलुरु में। इससे सही जांच और सस्ती मरम्मत संभव होती है।
     
  3. ऑनलाइन ऑटो फोरम्स (जैसे Team-BHP) से जुड़ें और वहाँ के मेंटेनेंस थ्रेड्स पढ़ें। इन प्लेटफ़ॉर्म्स पर ओनर्स अपने अनुभव, भरोसेमंद गैराज और पार्ट्स की वास्तविक कीमतें शेयर करते हैं, जिससे आप अच्छी बचत कर सकते हैं।
     
  4. टायर बदलने का सही समय चुनें — चौथे या पाँचवें साल में हाई-एंड आफ्टरमार्केट टायर लगवाना फायदेमंद रहता है। ये टायर अक्सर सस्ते और भारतीय सड़कों के लिए बेहतर होते हैं।
     

6 साल बाद रिसेल वैल्यू : क्या उम्मीद करें

 

अगर आप अपनी सेकंड हैंड Mercedes-Benz कार का ध्यान सही तरीके से रखते हैं, तो resale value आपके पक्ष में काम कर सकती है।

 

  • C-Class और E-Class डीज़ल मॉडल्स 6 साल बाद भी अपनी कीमत का लगभग 40–50% मूल्य बनाए रखते हैं, बशर्ते सर्विस रिकॉर्ड पूरे और प्रमाणित हों।
     
  • पेट्रोल वेरिएंट्स (खासकर पुराने टर्बो-पेट्रोल इंजन) ज़्यादा तेज़ी से depreciate होते हैं, खासकर अगर कार कई मालिकों के पास रही हो या ओडोमीटर रीडिंग ज़्यादा हो।
     
  • BS6 डीज़ल मॉडल्स (2020 के बाद वाले) अब भी मार्केट में बहुत डिमांड में हैं, क्योंकि पुराने डीज़ल वाहनों पर NCR जैसे क्षेत्रों में बैन और नए ईंधन मानकों की सख़्ती है।
     

एक अच्छी तरह से मेंटेन की गई 6-साल पुरानी Mercedes-Benz E-Class आज भी वेरिएंट, कंडीशन और सर्विस रिकॉर्ड के अनुसार ₹22–28 लाख में बिक सकती है।

 

सारांश: क्या Used Mercedes-Benz खरीदना आज भी सही निर्णय है?

 

अगर आप used Mercedes-Benz खरीदने की सोच रहे हैं, तो सबसे अहम बात यह है कि आप ownership को साल-दर-साल प्लान करें।
पहले दो सालों में आपको औसतन ₹45,000–₹60,000 तक के सर्विस बिल्स का सामना करना पड़ सकता है (यदि वारंटी या StarEase पैकेज लागू है)।
लेकिन तीसरे साल के बाद यह लागत बढ़कर ₹80,000 से ₹1.5 लाख तक पहुंच सकती है — खासकर air suspension, advanced infotainment systems, या पुराने diesel turbo engines वाले मॉडलों में।

 

फिर भी, 220d और 350d डीज़ल वेरिएंट्स मेंटेनेंस के लिहाज़ से सबसे किफायती हैं और उनका resale value भी अच्छा रहता है, बशर्ते सर्विस रिकॉर्ड साफ़ हों।
 

हाँ, यूज्ड Mercedes-Benz खरीदना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है, बशर्ते आप केवल डाउन पेमेंट ही नहीं बल्कि आने वाले वर्षों की सर्विसिंग के लिए भी बजट तैयार रखें। और अगर आप नई मर्सिडीस कार खरीदने की सोच रहें हैं तो क्यों ना भारत में मिलने वाली बेहतरीन और किफायती मर्सिडीस कारों पर नजर डाल ली जाए। एक लक्जरी कार का अनुभव लेने के लिए ये शुरुआती मॉडल्स बेहतरीन हैं। तो देर किस बात की अभी पढ़िए और अपने सपनों की कार बुक करिए।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

सभी को बड़ा करें
Q. भारत में एक used Mercedes-Benz की वार्षिक सर्विसिंग लागत कितनी होती है?
Q. क्या डीज़ल Mercedes-Benz को पेट्रोल मॉडल्स की तुलना में सस्ता मेंटेन किया जा सकता है?
Q. क्या वारंटी खत्म होने के बाद मैं Mercedes को बाहर के गैराज में सर्विस करवा सकता हूँ?
Q. पुरानी Mercedes में सबसे महंगी मरम्मत कौन-सी होती है?
Q. मैं भरोसेमंद वारंटी वाली used Mercedes-Benz कहाँ से खरीद सकता हूँ?
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