

भारत में कम मेंटेनेंस वाले टॉप 5 लग्ज़री कार ब्रांड्स – 2025 की बेस्ट डील्स
- 1यूज़्ड लग्ज़री कारें अब अफोर्डेबल मेंटेनेंस के साथ शानदार आराम का वादा करती हैं
- 2BMW और Audi जैसी लग्ज़री कारें भी यूज़्ड सेगमेंट में बेहद सस्ती हो चुकी हैं
- 3समय पर सर्विस करवाने पर पुरानी लग्ज़री कारें भी जेब पर भारी नहीं पड़तीं
आज भारत में लग्ज़री कार खरीदना पहले जितना मुश्किल नहीं रह गया है। यूज़्ड लग्ज़री कार मार्केट ने उन मॉडलों तक पहुंच आसान कर दी है, जिनकी नई कार कीमतें पहले लोगों की पहुंच से बाहर होती थीं। अब खरीदार इन कारों का वही आराम, परफॉर्मेंस और रोड प्रेज़ेंस कम दाम में ले सकते हैं।
हालांकि, असली किफ़ायत खरीद कीमत से आगे जाकर दिखाई देती है। कार का अनुभव अच्छा या बुरा इस बात पर निर्भर करता है कि उसकी सर्विसिंग, पार्ट्स की उपलब्धता और बड़े रिपेयर्स पर कितना खर्च आता है। अच्छी बात यह है कि कुछ लग्ज़री ब्रांड्स ने साबित किया है कि प्रीमियम कार का मतलब हमेशा बहुत महंगा मेंटेनेंस नहीं होता।
इस आर्टिकल में हम बताएंगे भारत के टॉप 5 लग्ज़री कार ब्रांड्स, जो शानदार ड्राइविंग और प्रीमियम अनुभव देते हैं, लेकिन मेंटेनेंस के मामले में आपको जेब ढीली नहीं करनी पड़ती—खासतौर पर अगर आप इन्हें सेकेंड-हैंड (Pre-Owned) खरीदते हैं।
1. BMW

BMW ने भारत में एक मजबूत कस्टमर बेस बनाया है, जिसकी वजह है इसकी परफॉर्मेंस-ओरिएंटेड कारें और टेक-सेवी फीचर्स। सेकेंड-हैंड लग्ज़री कार सेगमेंट में BMW हमेशा हॉट पिक रहती है, क्योंकि ये शानदार ड्राइविंग अनुभव देती हैं और अगर समय पर सर्विस करवाई जाए तो मेंटेनेंस भी महंगा नहीं पड़ता।
अगर आप यूज़्ड BMW कार देख रहे हैं तो समझ लें कि इनकी खासियत सिर्फ बैज तक सीमित नहीं है। इनके 2.0-लीटर डीज़ल इंजन (3 Series और X1 में मिलने वाला) भरोसेमंद माना जाता है। इसके अलावा BMW के कॉम्प्रिहेंसिव सर्विस पैकेज लंबे समय में खर्च को कंट्रोल करने में मदद करते हैं।
फिर भी आपको पीरियॉडिक वियर-एंड-टियर का ध्यान रखना होगा। जैसे, ज़्यादातर BMW में ब्रेक पैड्स हर 30,000–40,000 किमी पर बदलने पड़ते हैं और रन-फ्लैट टायर्स सामान्य टायर्स से महंगे होते हैं।
BMW टॉप मॉडल्स और अनुमानित मेंटेनेंस कॉस्ट
मॉडल | एनुअल सर्विस (औसत) | ब्रेक पैड्स + डिस्क | सस्पेंशन वर्क | टायर्स (4 का सेट) | बैटरी (AGM) |
BMW 3 Series (F30/G20) | ₹38,000 – ₹48,000 | ₹55,000 – ₹75,000 | ₹60,000 – ₹90,000 | ₹75,000 – ₹95,000 | ₹22,000 – ₹30,000 |
BMW X1 (E84/F48) | ₹32,000 – ₹40,000 | ₹45,000 – ₹65,000 | ₹50,000 – ₹80,000 | ₹60,000 – ₹80,000 | ₹18,000 – ₹22,000 |
BMW 5 Series (F10/G30) | ₹45,000 – ₹58,000 | ₹65,000 – ₹85,000 | ₹75,000 – ₹1,00,000 | ₹85,000 – ₹1,05,000 | ₹24,000 – ₹32,000 |
2. Mercedes-Benz

Mercedes-Benz अपनी कारों की मजबूत क्वालिटी के लिए जानी जाती है, जो एक दशक बाद भी ठोस महसूस होती हैं। सेकेंड-हैंड लग्ज़री कारों के मामले में यह ब्रांड उन खरीदारों के लिए सुरक्षित विकल्प है जो आराम, प्रीमियम इंटीरियर और पूरे भारत में फैले बड़े सर्विस नेटवर्क की तलाश में रहते हैं। कंपनी का Star Ease मेंटेनेंस प्रोग्राम ग्राहकों को अलग-अलग सर्विसिंग प्लान्स चुनने का विकल्प देता है, जिससे अप्रत्याशित खर्चों का बोझ कम हो जाता है।
सेकेंड-हैंड Mercedes कारों में C-Class, E-Class और GLC जैसे मॉडल सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं, क्योंकि इनमें टाइमलेस डिज़ाइन और भरोसेमंद मैकेनिकल्स मिलते हैं। नियमित सर्विसिंग का खर्च BMW के बराबर है, लेकिन हाई-एंड मॉडलों के एयर सस्पेंशन पार्ट्स खराब होने पर महंगे पड़ सकते हैं। अगर आप स्टील स्प्रिंग वाले वेरिएंट चुनते हैं तो मेंटेनेंस लागत काफी हद तक कम हो जाती है।
Mercedes-Benz टॉप मॉडल्स और अनुमानित मेंटेनेंस कॉस्ट
मॉडल | एनुअल सर्विस (औसत) | ब्रेक पैड्स + डिस्क | सस्पेंशन वर्क | टायर्स (4 का सेट) | बैटरी (AGM) |
Mercedes C-Class (W205) | ₹36,000 – ₹48,000 | ₹50,000 – ₹70,000 | ₹60,000 – ₹85,000 | ₹70,000 – ₹90,000 | ₹20,000 – ₹28,000 |
Mercedes E-Class (W213) | ₹40,000 – ₹55,000 | ₹65,000 – ₹85,000 | ₹80,000 – ₹1,10,000 | ₹85,000 – ₹1,05,000 | ₹25,000 – ₹35,000 |
Mercedes GLC | ₹42,000 – ₹58,000 | ₹55,000 – ₹75,000 | ₹70,000 – ₹1,00,000 | ₹85,000 – ₹1,05,000 | ₹24,000 – ₹32,000 |
3. Land Rover

Land Rover SUVs उन लोगों का सपना होती हैं जो कमांडिंग ड्राइविंग पोज़िशन और कहीं भी जाने की क्षमता चाहते हैं। सेकेंड-हैंड लग्ज़री कार मार्केट में ये अपनी ऑफ-रोड परफॉर्मेंस और दमदार रोड प्रेज़ेंस की वजह से काफी डिमांड में रहती हैं। हालांकि इन्हें खरीदने से पहले ध्यान से निरीक्षण करना जरूरी है, क्योंकि ठीक से मेंटेन न की गई Land Rover बाद में महंगा सौदा साबित हो सकती है।
अगर आप सेकेंड-हैंड Land Rover देख रहे हैं तो उन मॉडलों पर ध्यान दें जिनकी पूरी डीलरशिप सर्विस हिस्ट्री मौजूद हो और जिनमें इलेक्ट्रॉनिक फॉल्ट्स की रिपोर्ट कम हो। Discovery Sport और Evoque को संभालना Range Rover Sport जैसे बड़े मॉडलों की तुलना में आसान होता है, क्योंकि बाद वाले में सस्पेंशन और इलेक्ट्रॉनिक्स रिपेयर काफी महंगे पड़ सकते हैं।
Land Rover टॉप मॉडल्स और अनुमानित मेंटेनेंस कॉस्ट
मॉडल | एनुअल सर्विस (औसत) | ब्रेक पैड्स + डिस्क | सस्पेंशन वर्क | टायर्स (4 का सेट) | बैटरी (AGM) |
Land Rover Discovery Sport | ₹45,000 – ₹58,000 | ₹55,000 – ₹75,000 | ₹75,000 – ₹1,05,000 | ₹85,000 – ₹1,05,000 | ₹25,000 – ₹35,000 |
Range Rover Evoque | ₹48,000 – ₹62,000 | ₹60,000 – ₹80,000 | ₹80,000 – ₹1,10,000 | ₹90,000 – ₹1,10,000 | ₹28,000 – ₹38,000 |
Range Rover Sport | ₹55,000 – ₹70,000 | ₹70,000 – ₹90,000 | ₹1,00,000 – ₹1,50,000 | ₹95,000 – ₹1,20,000 | ₹30,000 – ₹40,000 |
4. Audi

Audi की कारें सेकेंड-हैंड लग्ज़री कार मार्केट में अपनी शार्प डिज़ाइन, फीचर-रिच केबिन और हाईयर वेरिएंट्स में मिलने वाले Quattro ऑल-व्हील-ड्राइव सिस्टम की वजह से अलग पहचान रखती हैं। ये कारें उन खरीदारों को भी आकर्षित करती हैं जो परफॉर्मेंस चाहते हैं और उन लोगों को भी जो आराम को प्राथमिकता देते हैं। Audi Comprehensive Service Plan (CSP) और वारंटी एक्सटेंशन का विकल्प ओनरशिप कॉस्ट को कंट्रोल में रखने में मदद करता है।
हालांकि Audi का मेंटेनेंस BMW या Mercedes से बहुत ज्यादा नहीं है, फिर भी कुछ मॉडलों में इलेक्ट्रॉनिक्स और DSG ट्रांसमिशन की समस्याएँ देखी गई हैं। सेकेंड-हैंड Audi खरीदते समय A4 और Q3 को अपेक्षाकृत सुरक्षित विकल्प माना जाता है, क्योंकि इनके रनिंग कॉस्ट संतुलित रहते हैं। वहीं A6 और Q5 ज्यादा टेक और लग्ज़री तो देते हैं, लेकिन वारंटी खत्म होने के बाद रिपेयर बिल भारी पड़ सकते हैं।
Audi टॉप मॉडल्स और अनुमानित मेंटेनेंस कॉस्ट
मॉडल | एनुअल सर्विस (औसत) | ब्रेक पैड्स + डिस्क | सस्पेंशन वर्क | टायर्स (4 का सेट) | बैटरी (AGM) |
Audi A4 (B9) | ₹36,000 – ₹48,000 | ₹50,000 – ₹70,000 | ₹65,000 – ₹90,000 | ₹70,000 – ₹90,000 | ₹20,000 – ₹28,000 |
Audi Q3 | ₹38,000 – ₹50,000 | ₹55,000 – ₹75,000 | ₹70,000 – ₹1,00,000 | ₹75,000 – ₹95,000 | ₹22,000 – ₹30,000 |
Audi A6 (C8) | ₹45,000 – ₹60,000 | ₹65,000 – ₹85,000 | ₹85,000 – ₹1,20,000 | ₹85,000 – ₹1,05,000 | ₹25,000 – ₹35,000 |
5. Jaguar

Jaguar कारें सेकेंड-हैंड लग्ज़री कार सेगमेंट में अपनी ब्रिटिश स्टाइलिंग और स्पोर्टी ड्राइविंग के लिए जानी जाती हैं। लेकिन यह उन लोगों के लिए सही विकल्प नहीं हैं जो सबसे कम मेंटेनेंस खर्च ढूंढ रहे हों। खासकर पुराने Jaguar मॉडलों में सस्पेंशन और इलेक्ट्रॉनिक्स रिपेयर कॉस्ट काफी ज्यादा हो सकते हैं, इसलिए इन्हें तभी खरीदना बेहतर है जब इनके पास मजबूत सर्विस रिकॉर्ड मौजूद हो।
अगर आप सेकेंड-हैंड Jaguar लेने का विचार कर रहे हैं, तो XE और XF सेडान अपेक्षाकृत ज्यादा संभालने योग्य हैं। वहीं F-Pace SUV ज्यादा वर्सटाइल विकल्प है। पार्ट्स की कीमत जर्मन ब्रांड्स की तुलना में थोड़ी ज्यादा हो सकती है, लेकिन जो लोग डिज़ाइन और परफॉर्मेंस को प्राथमिकता देते हैं, उनके लिए Jaguar का ओनरशिप एक्सपीरियंस अक्सर इसके लायक साबित होता है।
Jaguar टॉप मॉडल्स और अनुमानित मेंटेनेंस कॉस्ट
मॉडल | एनुअल सर्विस (औसत) | ब्रेक पैड्स + डिस्क | सस्पेंशन वर्क | टायर्स (4 का सेट) | बैटरी (AGM) |
Jaguar XE | ₹40,000 – ₹55,000 | ₹55,000 – ₹75,000 | ₹75,000 – ₹1,05,000 | ₹80,000 – ₹1,00,000 | ₹24,000 – ₹32,000 |
Jaguar XF | ₹45,000 – ₹60,000 | ₹60,000 – ₹80,000 | ₹80,000 – ₹1,20,000 | ₹85,000 – ₹1,05,000 | ₹25,000 – ₹35,000 |
Jaguar F-Pace | ₹50,000 – ₹65,000 | ₹65,000 – ₹85,000 | ₹90,000 – ₹1,30,000 | ₹90,000 – ₹1,10,000 | ₹28,000 – ₹38,000 |
सारांश
भारत में सेकेंड-हैंड लग्ज़री कार मार्केट अब इतना परिपक्व हो चुका है कि BMW, Mercedes, Land Rover, Audi या Jaguar की कार लेना अब सिर्फ सपना नहीं रह गया। हालांकि, सही चुनाव और समझदारी भरा बजट तय करना ही स्मार्ट डील और महंगी गलती के बीच का अंतर तय करता है। इन पाँच ब्रांड्स ने यह साबित किया है कि प्रीमियम कार एक्सपीरियंस का मतलब हमेशा बहुत ज्यादा मेंटेनेंस खर्च नहीं होता। अगर आप सही मॉडल चुनते हैं, समय पर सर्विस कराते हैं और कार का साफ-सुथरा सर्विस रिकॉर्ड देखते हैं, तो खर्चे काबू में रहते हैं।
BMW के भरोसेमंद 2.0-लीटर डीज़ल इंजनों से लेकर Mercedes की टिकाऊ मैकेनिकल्स तक, Audi की फीचर-रिच सेडान से लेकर Land Rover की ऑल-टेरेन SUVs तक और Jaguar की ब्रिटिश चार्म वाली कारों तक—हर ब्रांड का अपना अलग वैल्यू प्रपोज़िशन और रनिंग कॉस्ट है। अगर आप खरीदारी करते समय आंखें खुली रखते हैं और बजट सिर्फ खरीद मूल्य तक सीमित न रखकर मेंटेनेंस को भी शामिल करते हैं, तो एक सेकेंड-हैंड लग्ज़री कार आपके लिए सबसे रिवॉर्डिंग खरीदारी साबित हो सकती है। अगर आपको लग्जरी और कीमती कारों के बारे में पढ़ने का शौक है तो आप हमारा आर्टिकल दुनिया की 10 सबसे महंगी कारें पढ़ सकते हैं।