

RC खोने पर क्या करें? डुप्लीकेट RC के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कैसे करें
- 1डुप्लीकेट आरसी में मूल आरसी की सारी जानकारी होती है
- 2अगर आरसी बुक खो जाए तो तुरंत पुलिस को शिकायत दें
- 3डुप्लीकेट आरसी बनने में लगभग 2–4 हफ्ते लगते हैं
- RC बुक खो गई? घबराएँ नहीं, आगे ये करें
- डुप्लीकेट RC बुक क्या है?
- कब और क्यों ज़रूरत पड़ती है डुप्लीकेट RC की?
- डुप्लीकेट RC ऑनलाइन कैसे अप्लाई करें
- नई RC ऑफलाइन कैसे अप्लाई करें
- डुप्लीकेट RC के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन ज़रूरी दस्तावेज़
- डुप्लीकेट RC फीस स्ट्रक्चर
- अपने RC आवेदन की स्थिति कैसे जांचें
- नई RC का प्रोसेसिंग टाइम
- डुप्लीकेट RC बनवाते समय आने वाली आम समस्याएँ
- निष्कर्ष
RTO (Regional Transport Office) किसी भी वाहन का RC (Registration Certificate) जारी करता है, जो वाहन की रजिस्ट्रेशन और स्वामित्व की आधिकारिक पुष्टि करता है। जब भी वाहन सड़क पर चलता है, इस ज़रूरी दस्तावेज़ को साथ रखना अनिवार्य होता है। इसलिए यह जानना बेहद ज़रूरी है कि अगर आपकी असली RC खो जाए, चोरी हो जाए या खराब हो जाए, तो उसकी डुप्लीकेट RC कैसे बनवाई जा सकती है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने डुप्लीकेट RC के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों को आसान बना दिया है। अगर आप अपनी गाड़ी बेचना चाहते हैं, तो RC ट्रांसफर प्रोसेस शुरू करने के लिए भी डुप्लीकेट RC की ज़रूरत पड़ सकती है।
RC बुक खो गई? घबराएँ नहीं, आगे ये करें
RC (Registration Certificate) खो जाने पर अक्सर लोग परेशान हो जाते हैं और समझ नहीं पाते कि आगे क्या करना चाहिए। लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है। यह एक आम समस्या है और डुप्लीकेट RC बनवाना उतना मुश्किल नहीं जितना आप सोचते हैं। चाहे RC चोरी हुई हो, गुम हो गई हो या कहीं खो गई हो, नए RC पाने की प्रक्रिया एक जैसी है। इसे संभालने का सही तरीका ये है:
- शांत रहें और दोबारा तलाश करें – पहले यह देखें कि कहीं RC किसी फाइल, दराज़ या गाड़ी में ही तो नहीं छूट गई। यह कई बार ज़्यादा होता है जितना आप सोचते हैं।
- FIR दर्ज करें – अगर RC वास्तव में गायब है, तो पहला कदम नज़दीकी पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराना है। यह सबूत होता है कि आपका असली दस्तावेज़ खो गया है।
- एफ़िडेविट बनवाएँ – यह एक कानूनी दस्तावेज़ है जिसमें यह घोषित किया जाता है कि RC गुम हो गई है और जानबूझकर नहीं छुपाई गई। डुप्लीकेट RC के लिए आवेदन करने में यह अनिवार्य है।
- डुप्लीकेट RC के लिए आवेदन करें – FIR और एफ़िडेविट तैयार होने के बाद आप नई RC के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं।
अगर आपकी RC डिजिटल रूप में DigiLocker या mParivahan पर सेव है, तो डुप्लीकेट RC बनवाने की प्रक्रिया के दौरान आप उसे अस्थायी RC प्रूफ़ के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।
डुप्लीकेट RC बुक क्या है?
जब किसी वाहन की असली RC बुक खो जाती है, चोरी हो जाती है, खराब हो जाती है या व्यक्तिगत जानकारी बदलने के कारण उसे अपडेट करना ज़रूरी हो जाता है, तो मालिक डुप्लीकेट RC बुक के लिए आवेदन कर सकता है। RTO इस डुप्लीकेट रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट को उसी तरह जारी करता है जैसे असली RC को करता है। इसमें वही सारी ज़रूरी जानकारी होती है जो ओरिजिनल RC में थी और यह सभी आधिकारिक कार्यों के लिए मान्य होती है।
कब और क्यों ज़रूरत पड़ती है डुप्लीकेट RC की?
जब नई कार खरीदी जाती है, तो RTO की ओर से RC बुक एक फिजिकल कॉपी के रूप में मिलती है। वाहन चलाते समय इसे साथ रखना ज़रूरी होता है। मोटर व्हीकल्स रूल्स, 1989 में किए गए संशोधन के बाद, अब वाहन मालिक अपनी RC को डिजिटाइज भी करवा सकते हैं, जिसे mParivahan और DigiLocker जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स पर सेव किया जा सकता है। हालांकि यह सुविधा सुविधा के लिए है, लेकिन इंटरनेट या तकनीकी समस्या की स्थिति में RC को ऑनलाइन एक्सेस करने में दिक़्क़त आ सकती है।
इसी कारण गाड़ी चलाते समय आपके पास फिजिकल RC होना ज़्यादा सुरक्षित रहता है ताकि ट्रैफिक पुलिस से किसी तरह का विवाद न हो। असली RC बुक में कई कारणों से समस्या आ सकती है। आइए कुछ उदाहरण देखें:
- RC बुक खो गई या चोरी हो गई – अगर किसी व्यक्ति की रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट बुक गुम हो गई है या चोरी हो गई है, तो वाहन को कानूनी रूप से सड़क पर चलाने के लिए डुप्लीकेट RC बनवाना ज़रूरी हो जाता है।
- RC बुक खराब या नष्ट हो गई – जैसे किसी भी ज़रूरी फिजिकल डॉक्यूमेंट को सही हालत में रखना ज़रूरी होता है, वैसे ही RC बुक को भी सुरक्षित रखना चाहिए ताकि सारी जानकारी साफ़-साफ़ दिखाई दे। लेकिन कभी-कभी अनजाने हादसे से RC खराब हो सकती है या धीरे-धीरे उस पर लिखा धुंधला पड़ सकता है। इससे दस्तावेज़ पढ़ने लायक नहीं रह जाता और नई डुप्लीकेट RC बनवानी पड़ती है।
ध्यान देने योग्य है कि अगर RC बुक खो जाती है, चोरी हो जाती है या नष्ट हो जाती है, तो इसकी जानकारी तुरंत स्थानीय पुलिस स्टेशन को दी जानी चाहिए और FIR कॉपी को स्थानीय RTO में जमा करना अनिवार्य होता है।
डुप्लीकेट RC ऑनलाइन कैसे अप्लाई करें
डुप्लीकेट RC के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आपको Parivahan वेबसाइट के Vahan Services पेज (https://vahan.parivahan.gov.in/vahanservice/vahan/) पर जाना होगा।
- नीचे बाएँ कोने में एक पॉप-अप दिखाई देगा। उसमें से ‘Vehicle Registration’ ऑप्शन चुनें और वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर डालें।
ड्रॉप-डाउन से उस राज्य का चयन करें जिसमें वाहन रजिस्टर्ड है और फिर लोकल RTO चुनें।
- ‘Terms and Conditions’ स्वीकार करें और Proceed पर क्लिक करें।
- एक और पॉप-अप खुलेगा, जिसमें ऑनलाइन उपलब्ध सभी ऑटो-सेवाएँ दिखाई देंगी। यहाँ Proceed पर क्लिक करें।
- इसके बाद Vahan Citizen Services पेज खुल जाएगा।
- ऊपर बाईं तरफ ‘Basic Services’ पर क्लिक करें। ड्रॉप-डाउन से ‘RC related services’ चुनें।
- एक और ड्रॉप-डाउन खुलेगा। उसमें से ‘Apply for Duplicate (RC) Registration Certificate’ पर क्लिक करें।
- अब ऑनलाइन आवेदन फॉर्म खुल जाएगा, जहाँ वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर पहले से ऑटो-फिल रहेगा।
- आपको वाहन के चेसिस नंबर के आखिरी पाँच अंक दर्ज करने होंगे और ‘Verify Details’ पर क्लिक करना होगा।
- इसके बाद, पंजीकृत मोबाइल नंबर के अंतिम चार अंक दिखेंगे। OTP (वन-टाइम पासवर्ड) पाने के लिए ‘Generate OTP’ पर क्लिक करें। यह OTP आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर आएगा।
- OTP दर्ज करके Submit करने पर आवेदन का अगला भाग खुलेगा, जहाँ आपको डुप्लीकेट RC बुक के लिए आवेदन करने का कारण बताना होगा।
- अगर कारण चोरी या खो जाने का है, तो आपको FIR का विवरण जोड़ना होगा। ध्यान दें कि RC खो जाने या चोरी होने पर पुलिस शिकायत दर्ज करना सबसे पहला कदम है।
- इसी पेज पर डुप्लीकेट RC की फीस का विवरण भी होगा और यहीं से आपको पेमेंट गेटवे पर भेजा जाएगा।
- भुगतान पूरा होने के बाद आप Form 26 प्रिंट कर सकते हैं, जो डुप्लीकेट RC के लिए ज़रूरी है। साथ ही, पेमेंट रिसीट भी प्रिंट की जा सकती है।
- इसके बाद सभी ज़रूरी डॉक्यूमेंट्स (जिनमें Form 26 भी शामिल है, जिस पर आवेदक के हस्ताक्षर होने चाहिए) ऑनलाइन अपलोड करने होंगे।
- ऐसा करने के बाद अंतिम आवेदन RTO को प्रोसेसिंग के लिए भेज दिया जाएगा।
नई RC ऑफलाइन कैसे अप्लाई करें
- इसके लिए आपको अपने लोकल RTO में अपॉइंटमेंट लेना होगा।
- RTO पहुँचने पर, Form 26 भरना होगा जिसमें वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर, चेसिस नंबर, आवेदन करने का कारण और अन्य ज़रूरी जानकारी भरनी होगी। इस फॉर्म पर आवेदक के हस्ताक्षर भी होंगे।
- इसके अलावा, नई RC के लिए कुछ और ज़रूरी दस्तावेज़ भी जमा करने होंगे, जैसे – आवेदक का ID कार्ड, PUC सर्टिफिकेट और इंश्योरेंस सर्टिफिकेट। (पूरा लिस्ट अगले सेक्शन में दिया जाएगा।)
- अगर RC चोरी हो गई है या खो गई है, तो FIR की कॉपी भी Form 26 के साथ जमा करनी होगी।
- इसके बाद 2-व्हीलर और 4-व्हीलर के लिए तय डुप्लीकेट RC फीस RTO चार्ज डेस्क पर जमा करनी होगी।
- फिर Form 26, सभी डॉक्यूमेंट्स और पेमेंट रिसीट RTO अधिकारी या काउंटर पर जमा करनी होगी, जहाँ उनकी जाँच होगी।
- अगर सबकुछ सही पाया गया तो आवेदन स्वीकार कर लिया जाएगा और आवेदक को Acknowledgement Receipt दी जाएगी।
डुप्लीकेट RC के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन ज़रूरी दस्तावेज़
किसी भी आवेदन को मंज़ूरी मिलने और डुप्लीकेट RC बुक जारी होने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज़ जमा करना ज़रूरी है। नीचे उन दस्तावेज़ों की सूची दी गई है जो आवेदन के समय मांगे जाते हैं:
- FIR की कॉपी या RC खोने का चालान (अगर RC चोरी हो गई हो या गुम हो गई हो)
- ओरिजिनल RC बुक (अगर कारण यह है कि RC खराब हो गई है)
- Form 26, जिसे पूरा भरकर आवेदक के हस्ताक्षर के साथ जमा करना होगा (ऑनलाइन आवेदन करने पर यह फॉर्म प्रिंट किया जा सकता है)
- NOC (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) – अगर गाड़ी लोन पर खरीदी गई है तो बैंक से लेना होगा
- Pollution Under Control (PUC) सर्टिफिकेट
- वाहन का वैध इंश्योरेंस सर्टिफिकेट
- आवेदक का ID कार्ड, जिसे सिग्नेचर और एड्रेस प्रूफ़ के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है (पासपोर्ट, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या भारत सरकार द्वारा जारी कोई अन्य ID)
- Form 60 या Form 61 की कॉपी या आवेदक का सत्यापित PAN कार्ड
- चेसिस और इंजन का पेंसिल प्रिंट
- नोटरीकृत एफ़िडेविट, स्टाम्प पेपर पर, जिसमें यह स्पष्ट लिखा हो कि RC वास्तव में खो गई है और किसी ज़ब्त किए गए वाहन की नहीं है
- ट्रैफ़िक पुलिस से चालान क्लीयरेंस का प्रमाण। अगर गाड़ी कमर्शियल है तो Enforcement Wing या Transport Department से क्लियरेंस
- टैक्स क्लियरेंस (कमर्शियल वाहन के मामले में)
- पासपोर्ट साइज फोटो – आवेदक की
ध्यान दें: ऊपर दिए गए दस्तावेज़ों में से प्वाइंट 5 से 12 कुछ राज्यों में ही मांगे जाते हैं, लेकिन आवेदन करते समय बेहतर है कि आप सभी दस्तावेज़ अपने पास तैयार रखें।
डुप्लीकेट RC फीस स्ट्रक्चर
वाहन का प्रकार | फीस |
मोटरसाइकिल | ₹150 |
तीन पहिया वाहन | ₹500 |
लाइट मोटर व्हीकल (नॉन-ट्रांसपोर्ट) | ₹300 |
लाइट मोटर व्हीकल (ट्रांसपोर्ट) | ₹500 |
मीडियम गुड्स व्हीकल | ₹500 |
मीडियम पैसेंजर मोटर व्हीकल | ₹500 |
हेवी गुड्स व्हीकल | ₹750 |
हेवी पैसेंजर मोटर व्हीकल | ₹750 |
इम्पोर्टेड मोटर व्हीकल | ₹2500 |
इम्पोर्टेड मोटरसाइकिल | ₹1250 |
अपने RC आवेदन की स्थिति कैसे जांचें
ऑनलाइन:
- आवेदन स्वीकार होने के बाद, इसकी स्थिति Parivahan वेबसाइट पर दिखाई देगी।
इसके लिए आपको Parivahan Application Status पेज पर जाना होगा या किसी सर्च इंजन में ‘Parivahan application status’ टाइप करना होगा।
- स्टेटस पेज पर, आवेदन संख्या (Application Number) या वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर डालना होगा।
- इसके बाद वेबसाइट दिखा देगी कि आवेदन किस स्टेज में है।
- आप इसी पेज पर आवेदन की प्रगति (Progress) भी ट्रैक कर सकते हैं।
RTO:
- आवेदक उस RTO दफ़्तर में भी जाकर स्थिति पूछ सकता है जहाँ आवेदन जमा किया गया था।
- इसके लिए Acknowledgement Receipt Number दिखाना होगा।
फ़ोन:
- Parivahan Sewa का हेल्पलाइन नंबर (+91-120-4925505) पर कॉल करके भी आवेदन की स्थिति पता की जा सकती है।
नई RC का प्रोसेसिंग टाइम
आवेदन स्वीकृत होने के बाद, डुप्लीकेट RC बुक को प्रोसेस होने में लगभग दो से चार हफ्ते का समय लगता है। हालांकि, कई बार कुछ परिस्थितियों के कारण इसमें देरी भी हो सकती है। ऐसे मामलों में आवेदक Parivahan वेबसाइट पर जाकर आवेदन की स्थिति चेक कर सकता है या सीधे RTO जाकर जानकारी ले सकता है।
डुप्लीकेट RC बनवाते समय आने वाली आम समस्याएँ
डुप्लीकेट RC के लिए आवेदन या स्वीकृति प्रक्रिया के दौरान कई दिक्कतें आ सकती हैं, जिनकी वजह से आवेदन में देरी हो सकती है या आवेदन रिजेक्ट भी हो सकता है।
- वेरिफिकेशन: अगर ऑनलाइन स्टेटस में “Application Is Under Scrutiny & Processing at RTO Level” दिखता है, तो इसका मतलब है कि दस्तावेज़ों को फिज़िकली वेरिफ़ाई कराना होगा और बायोमेट्रिक्स भी जमा करने होंगे।
- अधूरी या ग़लत जानकारी: अगर आवेदन फॉर्म (Form 26) में वाहन या आवेदक की जानकारी ग़लत भरी गई है, तो आवेदन स्वीकार नहीं होगा।
- अमान्य या अधूरे दस्तावेज़: अगर सभी ज़रूरी डॉक्यूमेंट जमा नहीं किए गए हैं या ट्रैफ़िक पुलिस से बकाया चालान का क्लियरेंस नहीं लिया गया है, तो आवेदन प्रक्रिया में समस्या आ सकती है।
- तकनीकी दिक्कतें: ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया सुविधाजनक है, लेकिन इसमें इंटरनेट या तकनीकी समस्याओं के कारण देरी हो सकती है।
- FIR दर्ज करने में देरी: अगर RC चोरी हो गई है या खो गई है, तो तुरंत FIR दर्ज करना अनिवार्य है। इसमें देरी होने से आवेदन प्रक्रिया भी देर से आगे बढ़ेगी।
- ग़ैर-आधिकारिक एजेंट: RTO में कई बार कुछ लोग “एजेंट” बनकर आवेदन कराने में मदद करने का दावा करते हैं और इसके बदले पैसे लेते हैं। यह गैरकानूनी तरीका है और ऐसे लोगों को अपने ओरिजिनल दस्तावेज़ या व्यक्तिगत जानकारी देना खतरनाक हो सकता है।
निष्कर्ष
RC का खोना, चोरी होना या गुम होना काफ़ी परेशान करने वाला हो सकता है, लेकिन डुप्लीकेट RC बनवाना उतना मुश्किल नहीं है जितना लगता है। चाहे आप ऑनलाइन Parivahan पोर्टल से आवेदन करें या अपने नज़दीकी RTO से, ज़रूरी है कि आप सभी दस्तावेज़ सही-सही इकट्ठा करें और हर स्टेप ध्यान से पूरा करें। FIR दर्ज कराना और एफ़िडेविट बनवाना सबसे ज़रूरी है, क्योंकि इनके बिना आवेदन आगे नहीं बढ़ सकता।
आज डिजिटल और फिजिकल दोनों विकल्प मौजूद हैं, जिससे आप अपनी RC को DigiLocker और mParivahan जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर सुरक्षित रख सकते हैं। फिर भी, सड़क पर चेकिंग के समय असली फिजिकल कॉपी रखना हमेशा सुरक्षित रहता है। सतर्क रहें, गैर-आधिकारिक एजेंट से बचें और अपनी आवेदन की स्थिति केवल ऑनलाइन या RTO से ही वेरिफ़ाई करें ताकि पूरी प्रक्रिया सरल और सुरक्षित रहे।
अगर आपको गाड़ी का ओनरशिप ट्रांसफर करना है या किसी लोन के लिए अप्लाई करना है, तो डुप्लीकेट RC बुक आपके काम को बिना देरी के आगे बढ़ाने में मदद करेगी। और एक बात, अगर आपकी RC की वैद्यता खत्म हो गई है तो भी घबराने की जरूरत नहीं है। RC की वैद्यता खत्म होने के 60 दिनों के भीतर आप RC रिन्यू करवा सकते हैं। आपकी गाड़ी की RC रिन्यू करवाने की चरणबद्व प्रक्रिया जानने के लिए अभी लिंक पर क्लिक करें।