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गाड़ी में फ्यूल टैंक ओपनर ढूंढ़ रहे हैं? यहां जानिए आसान तरीका
- 1हर गाड़ी में पेट्रोल टैंक खोलने का तरीका थोड़ा अलग हो सकता है
- 2अगर कार नई या अनजान है तो फ्यूल टैंक ओपनर की जानकारी बहुत काम आती है
- 3इस आर्टिकल में सभी प्रमुख कार कंपनियो के फ्यूल टैंक कैप खोलने का तरीका बताया है
- फ्यूल टैंक ओपनर कहां होता है?
- फ्यूल टैंक ओपनर की लोकेशन जानना क्यों ज़रूरी है?
- कब काम आती है यह जानकारी?
- अपनी कार में फ्यूल टैंक ओपनर की लोकेशन कैसे पहचानें?
- पारंपरिक फ्यूल लिड ओपनर की लोकेशन
- पावर्ड फ्यूल लिड ओपनर
- इंटीग्रेटेड इलेक्ट्रिक फ्यूल डोर रिलीज
- अगर फ्यूल लिड ओपनर खराब हो जाए तो क्या करें? जानें मैनुअल ओवरराइड का तरीका
- निष्कर्ष
वैसे तो हम बड़ी-बड़ी चीजें कर लेते हैं जैसे कार को तंग जगह में पार्क करना, खड़ी चढ़ाई पर कार को चढ़ाना वगैरह-वगैरह। पर कई बार कुछ छोटी-छोटी चीजें हमें उलझा देती हैं और हम मुसीबत में पड़ जाते हैं। ऐसी ही एक समस्या से हम दो-चार होते हैं और वो है कार में फ्यूल भरवाते समय फ्यूल टैंक का ढक्कन या कैप कहां से खोलें। इसकी वजह यह है कि अलग-अलग कार कंपनियां इस प्रोसेस को अलग तरीके से डिज़ाइन करती हैं — कहीं लीवर होता है, कहीं बटन, कहीं सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम से खुलता है और कुछ कारों में तो टचस्क्रीन मेन्यू के अंदर छिपा होता है। तो चलिए आज अलग-अलग कंपनियों के फ्यूल टैंक कैप खोलने के तरीके को जानते हैं।
फ्यूल टैंक ओपनर कहां होता है?
अधिकतर कारों में फ्यूल टैंक कैप ओपनर एक छोटा-सा लीवर या बटन होता है जो ड्राइवर की सीट के आसपास फर्श पर, डैशबोर्ड के नीचे या गियर के पास मिलता है। इसका काम होता है फ्यूल टैंक के ढक्कन को खोलना ताकि पेट्रोल पंप अटेंडेंट उसे खोलकर फ्यूल भर सके।
CARS24 ने इस लेख में उन तमाम तरीकों को संकलित किया है जिनसे आप अपनी कार के फ्यूल टैंक ओपनर की जगह पहचान सकते हैं — ताकि आप अगली बार फ्यूल स्टेशन पर पहुंचें तो समय बर्बाद न हो।
फ्यूल टैंक ओपनर की लोकेशन जानना क्यों ज़रूरी है?
1. सुविधा (Convenience):
अगर आपको फ्यूल ओपनर की लोकेशन पहले से पता है, तो आप फ्यूल स्टेशन पर पहुंचकर समय बचा सकते हैं। बार-बार ढूंढने या अटेंडेंट से पूछने की जरूरत नहीं पड़ती।
2. सुरक्षा (Safety):
अगर आप ढक्कन को गलत तरीके से खोलते हैं तो वो तंत्र या कैप खुद खराब हो सकता है, जिससे खर्चा भी हो सकता है और सुरक्षा का खतरा भी। कई बार फ्यूल टैंक ठीक से बंद न होने पर हवा खिंच जाती है या फ्यूल लीकेज से आग लगने जैसी समस्या हो सकती है।
3. इमरजेंसी में उपयोगी (Efficiency):
अगर आप जल्दी में हैं या कोई इमरजेंसी है, तो फ्यूल कैप ओपनर की लोकेशन जानना बहुत काम आता है। ये जानकारी नए ड्राइवर या अजनबी कार में बैठे किसी को भी बड़ी राहत देती है।
कब काम आती है यह जानकारी?
● किराए की या उधार ली गई गाड़ी चलाते वक्त
अगर आप किसी और की कार चला रहे हैं तो जाहिर है कि आपको उसकी सेटिंग्स या बटन की जगह नहीं पता होगी। हर कंपनी और मॉडल का सिस्टम अलग हो सकता है।
● नई कार लेने पर
नई गाड़ी की खुशी में अक्सर ये छोटी-छोटी बातें छूट जाती हैं। इसलिए शोरूम से गाड़ी लेते वक्त डीलर से यह जरूर पूछें कि फ्यूल टैंक का ढक्कन कहां से खुलता है।
● घर में कई गाड़ियां होने पर
अगर आप कभी SUV चलाते हैं और कभी हैचबैक, तो दोनों में टैंक ओपनर का तरीका अलग हो सकता है। एक कार में लीवर हो सकता है तो दूसरी में बटन — इसलिए हर कार का अलग-अलग अनुभव याद रखना जरूरी हो जाता है।
अपनी कार में फ्यूल टैंक ओपनर की लोकेशन कैसे पहचानें?
पारंपरिक फ्यूल लिड ओपनर की लोकेशन
विवरण:
अधिकतर कारों में फ्यूल टैंक कैप खोलने के लिए एक साधारण लीवर मैकेनिज्म होता है जो ड्राइवर की सीट के पास, हाथ की पहुँच में होता है। यह व्यवस्था इस तरह से डिज़ाइन की जाती है कि वाहन से बाहर निकले बिना ही ड्राइवर फ्यूल डोर खोल सके और दुर्घटनावश इसके खुलने की संभावना भी कम हो।
ओवरव्यू:
- लोकेशन: ज़्यादातर कारों में यह लीवर ड्राइवर की सीट के दायीं ओर, फर्श के पास दरवाज़े की तरफ या फुलवेल में होता है। कुछ कारों में यह डैशबोर्ड के बिल्कुल नीचे, दायीं कोने में भी हो सकता है।
- मैकेनिज्म: यह एक मैकेनिकल केबल से जुड़ा होता है जो लीवर खींचने पर फ्यूल डोर लॉक को रिलीज़ करता है और डोर स्प्रिंग के ज़रिए खुल जाता है। बंद करने पर बस हाथ से डोर को हल्का-सा दबा देना होता है। इस तरह की फ्यूल डोर को बाहर से खोला नहीं जा सकता, इसलिए सुरक्षा बनी रहती है।
महत्व:
- सहूलियत: इस प्रकार के ओपनर ड्राइवर के लिए आसानी से पहुँच में होते हैं, जिससे पेट्रोल पंप पर समय की बचत होती है।
- विश्वसनीयता: मैकेनिकल लीवर इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स के मुकाबले ज्यादा भरोसेमंद और टिकाऊ होते हैं।
गाइड और टिप्स:
- कहां देखें: ड्राइवर की सीट के दाहिने फर्श पर, सीट एडजस्टमेंट के पास या डैशबोर्ड के निचले हिस्से में फ्यूल पंप के निशान वाला लीवर देखें।
- क्या दबाएं: इस लीवर को हल्के से खींचें, जिससे फ्यूल डोर खुल जाएगा।
ऐसे कुछ भारतीय मॉडल जिनमें पारंपरिक फ्यूल लिड ओपनर होता है:
- Maruti Suzuki Alto K10, S-Presso, Swift
- Honda Jazz, Honda City
- Toyota Glanza
पावर्ड फ्यूल लिड ओपनर

विवरण:
पावर्ड फ्यूल लिड ओपनर पारंपरिक लीवर सिस्टम का अपग्रेडेड वर्जन होते हैं। इनमें बटन और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम का इस्तेमाल होता है, जिससे मोटराइज्ड फ्यूल डोर लॉक खुलता है। ये आमतौर पर महंगी और प्रीमियम कारों में देखने को मिलते हैं।
ओवरव्यू:
- लोकेशन: डैशबोर्ड के दाहिनी तरफ, हेडलाइट लेवलर या बूट रिलीज बटन के पास एक बटन होता है जिस पर फ्यूल पंप का सिंबल बना होता है।
- मैकेनिज्म: जब बटन दबाया जाता है तो इलेक्ट्रिकल सिग्नल फ्यूल डोर लॉक को रिलीज करता है। बंद करते ही यह ऑटोमैटिकली लॉक हो जाता है।
महत्व:
- आधुनिक सुविधा: यह सिस्टम नई टेक्नोलॉजी वाली कारों में होता है और बटन से खोलने की सुविधा देता है।
- सुरक्षा: ये सिस्टम सेंट्रल लॉकिंग से लिंक होता है, जिससे कार लॉक होने पर फ्यूल डोर भी लॉक हो जाता है।
गाइड और टिप्स:
- कहां देखें: डैशबोर्ड के दायीं तरफ बटन ढूंढें जिस पर फ्यूल पंप का सिंबल हो।
- क्या दबाएं: बटन को हल्के से दबाएं, जिससे फ्यूल डोर खुल जाए। कुछ कारों में सिर्फ लॉक खुलता है, और फ्यूल डोर को बाहर से हल्का-सा प्रेस करके खोलना पड़ता है।
ऐसे भारतीय मॉडल जिनमें पावर्ड फ्यूल लिड ओपनर होता है:
- Volvo XC40, XC60, XC90
- Mahindra XUV500
- MG Gloster
इंटीग्रेटेड इलेक्ट्रिक फ्यूल डोर रिलीज

विवरण:
इस तरह के सिस्टम में एक अलग बटन की जरूरत नहीं होती, बल्कि फ्यूल डोर को कार की सेंट्रल लॉकिंग से ही कंट्रोल किया जाता है। जैसे ही आप कार को अनलॉक करते हैं, फ्यूल डोर भी अनलॉक हो जाता है। इस प्रकार का डोर आमतौर पर ‘पुश-पुश’ मैकेनिज्म से खुलता और बंद होता है।
ओवरव्यू:
- लोकेशन: ड्राइवर की साइड डोर पर लॉक/अनलॉक बटन के रूप में, या डैशबोर्ड के सेंटर में।
- मैकेनिज्म: यह भी एक इलेक्ट्रिक सिग्नल के ज़रिए काम करता है और अनलॉक के समय फ्यूल डोर को एक्सेस करने की सुविधा देता है।
महत्व:
- यूज़र-फ्रेंडली: अतिरिक्त बटन की जरूरत नहीं, अनलॉक बटन दबाते ही फ्यूल डोर भी अनलॉक हो जाता है।
- बेहतर सुरक्षा: कार लॉक होने पर फ्यूल डोर भी लॉक रहता है, जिससे छेड़छाड़ या फ्यूल चोरी का खतरा कम हो जाता है।
गाइड और टिप्स:
- कहां देखें: ड्राइवर साइड डोर पर या डैशबोर्ड के सेंटर में लॉक/अनलॉक बटन देखें।
- क्या दबाएं: लॉक खोलते ही फ्यूल डोर भी अनलॉक हो जाएगा। पेट्रोल पंप अटेंडेंट को हल्के से फ्यूल डोर दबाकर उसे खोलना होगा।

ऐसे भारतीय मॉडल जिनमें इंटीग्रेटेड इलेक्ट्रिक फ्यूल डोर रिलीज होता है:
- Hyundai i20, Verna, Tucson
- Kia Sonet, Seltos
- Mercedes-Benz GLC, GLE, C-Class, E-Class, A45 AMG आदि
अगर फ्यूल लिड ओपनर खराब हो जाए तो क्या करें? जानें मैनुअल ओवरराइड का तरीका

मैनुअल ओवरराइड क्या होता है?
अधिकतर आधुनिक गाड़ियों में, इलेक्ट्रॉनिक फ्यूल लिड ओपनर सिस्टम के साथ एक मैनुअल ओवरराइड मैकेनिज़्म भी दिया जाता है। इसका मकसद यह है कि अगर कभी कार का मुख्य फ्यूल डोर बटन काम न करे या सिस्टम फेल हो जाए, तो आप मैन्युअली यानि हाथ से फ्यूल लिड खोल सकें।
यह मैकेनिज्म सामान्यतः केवल लॉक को डिसएबल करता है और फ्यूल डोर को खोलने में मदद करता है। यह हर उस कार में मौजूद होता है जिसमें इलेक्ट्रॉनिक फ्यूल डोर रिलीज़ सिस्टम होता है।
ओवरव्यू:
- लोकेशन: यह मैकेनिज्म अक्सर कार के बूट स्पेस में या फिर सीधे फ्यूल डोर के पास होता है। फ्यूल डोर और कैप के बीच में एक छोटा सा हिस्सा होता है जिसमें इस इमरजेंसी ओपनर की जगह छुपी होती है। बूट में मौजूद सिस्टम तक पहुँचने के लिए आपको बूट के अंदर की साइड पैनल को हटाना पड़ सकता है।
- मैकेनिज्म: इसमें एक छोटा लीवर या खींचने वाली केबल होती है जिसे खींचने पर फ्यूल डोर अनलॉक हो जाता है। यह केबल सामान्यतः लाल या पीले टैग से चिन्हित होती है ताकि इसे आसानी से पहचाना जा सके।
क्यों है यह जरूरी?
इमरजेंसी में बेहद काम का
अगर इलेक्ट्रॉनिक ओपनर फेल हो जाए तो यह सिस्टम आपको फ्यूल टैंक तक पहुँचने का विकल्प देता है। कई बार सिर्फ फ्यूल डोर का फ्यूज़ उड़ जाने से बटन काम नहीं करता, ऐसे में मैन्युअल ओवरराइड या फ्यूज़ को चेक करना मददगार होता है।
भरोसेमंद विकल्प
ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स भले ही भरोसेमंद होते हैं, लेकिन समय के साथ या पुराने वाहनों में खराबी की संभावना रहती है। मैनुअल ओवरराइड इन मामलों में एक बेहतरीन बैकअप ऑप्शन होता है।
गाइड और टिप्स:
- कहाँ देखें: कार के मैन्युअल (Owner’s Manual) को पढ़ें जिसमें मैन्युअल ओवरराइड की लोकेशन दी गई होती है। ज़्यादातर मामलों में यह ट्रंक या फ्यूल डोर के आस-पास, इंटीरियर पैनल के पीछे होती है।
- क्या दबाएं या खींचें: एक छोटा लीवर या केबल होती है जिसे खींचने से फ्यूल डोर अनलॉक हो जाता है। कुछ कारों में आपको पैनल को हटाकर इस मैकेनिज्म तक पहुँचना पड़ सकता है।
निष्कर्ष
फ्यूल टैंक कैप ओपनर की लोकेशन और उसे ऑपरेट करने का तरीका जानना हर ड्राइवर के लिए ज़रूरी है। आपकी कार चाहे मैकेनिकल लीवर, पावर्ड बटन, या इंटीग्रेटेड इलेक्ट्रिक रिलीज़ सिस्टम से चलती हो, इस जानकारी से आप फ्यूल भरवाने की प्रक्रिया को आसान बना सकते हैं।
साथ ही, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम फेल होने की स्थिति में मैनुअल ओवरराइड सिस्टम की जानकारी और उपयोग आपको परेशानी से बचा सकता है। अगर आप नई कार चला रहे हैं या अलग-अलग कारों में ड्राइव करते हैं, तो इस तरह की बेसिक जानकारी समय और टेंशन दोनों बचा सकती है।
हर कार के लिए स्पेसिफिक जानकारी के लिए अपने वाहन का ओनर मैनुअल ज़रूर पढ़ें — और फ्यूल भरवाने के बाद यह भी सुनिश्चित करें कि फ्यूल डोर और कैप ठीक से बंद हुआ है या नहीं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
सभी को बड़ा करें

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