

फिटनेस सर्टिफिकेट रिन्यू कैसे करें? जानिए नियम, फीस और ऑनलाइन प्रक्रिया
- 1मोटर वाहन अधिनियम के तहत फिटनेस सर्टिफिकेट का होना ज़रूरी है
- 2हर दो साल में फिटनेस सर्टिफिकेट का नवीनीकरण ज़रूरी होता है
- 3बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के गाड़ी चलाना कानूनन दंडनीय अपराध है
- गाड़ी का फिटनेस सर्टिफिकेट क्या होता है?
- फिटनेस सर्टिफिकेट क्यों ज़रूरी है?
- फिटनेस सर्टिफिकेट ऑनलाइन कैसे रिन्यू करें?
- फिटनेस सर्टिफिकेट ऑफलाइन कैसे रिन्यू करें?
- फिटनेस सर्टिफिकेट रिन्यू कराने के लिए आवश्यक दस्तावेज़
- फिटनेस सर्टिफिकेट कब रिन्यू करना चाहिए?
- फिटनेस सर्टिफिकेट रिन्यू कराने का शुल्क
- वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट कैसे डाउनलोड करें?
- फिटनेस सर्टिफिकेट रिन्यूअल में कितना समय लगता है?
- अगर फिटनेस सर्टिफिकेट रिन्यू नहीं कराया तो क्या होगा?
- निष्कर्ष
गाड़ी के मालिक होने का मतलब सिर्फ उसे चलाना नहीं है — इसके साथ कुछ ज़िम्मेदारियाँ भी आती हैं, जो टाली नहीं जा सकतीं। जैसे कि ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट (PUCC) और फिटनेस सर्टिफिकेट। ये सभी दस्तावेज़ मोटर व्हीकल एक्ट के अंतर्गत अनिवार्य हैं और इनका अनुपालन कानूनी रूप से ज़रूरी है।
अगर आपके पास ये दस्तावेज़ नहीं हैं, तो आपकी गाड़ी चलाना दंडनीय अपराध हो सकता है। इस लेख में हम बात करेंगे फिटनेस सर्टिफिकेट की — यह क्यों ज़रूरी है, किसे इसकी ज़रूरत होती है, और इसे रिन्यू कैसे किया जाता है।
गाड़ी का फिटनेस सर्टिफिकेट क्या होता है?
जैसा कि नाम से ही साफ है, फिटनेस सर्टिफिकेट यह बताता है कि आपकी गाड़ी को RTO द्वारा सड़क पर चलने के लिए ‘फिट’ घोषित किया गया है। यानी गाड़ी में कोई गंभीर तकनीकी खामी नहीं है और यह सेफ्टी व पर्यावरण मानकों पर खरी उतरती है।
फिटनेस सर्टिफिकेट किन चीज़ों को जांचता है:
- सेफ्टी: गाड़ी की मैकेनिकल स्थिति की जांच कर यह सुनिश्चित किया जाता है कि यह सड़क पर चलने के लिए सुरक्षित है।
- प्रदूषण नियंत्रण: यह देखा जाता है कि गाड़ी सरकारी प्रदूषण मानकों का पालन करती है और अधिक धुआं नहीं छोड़ती।
- रोडवर्थीनेस: यह सुनिश्चित करता है कि गाड़ी मोटर वाहन अधिनियम के तहत सड़क पर चलने के योग्य है।
किसे फिटनेस सर्टिफिकेट की जरूरत होती है?
- नई प्राइवेट गाड़ियाँ: इन्हें रजिस्ट्रेशन के समय 15 साल के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट मिल जाता है। इसके बाद हर 5 साल में इसे रिन्यू करना होता है।
- कमर्शियल गाड़ियाँ: जिनकी उम्र 8 साल तक है, उनके लिए सर्टिफिकेट 2 साल के लिए वैध होता है। 8 साल के बाद इसे हर साल रिन्यू कराना पड़ता है।
महत्वपूर्ण: दिल्ली/NCR में NGT के अनुसार, 15 साल से पुरानी पेट्रोल गाड़ियाँ और 10 साल से पुरानी डीज़ल गाड़ियाँ रिन्यू नहीं की जा सकतीं।
फिटनेस सर्टिफिकेट क्यों ज़रूरी है?
- यह साबित करता है कि आपकी गाड़ी तकनीकी रूप से दुरुस्त है और सड़क पर सुरक्षित रूप से चल सकती है।
- यह भी दर्शाता है कि गाड़ी प्रदूषण नियंत्रण मानकों का पालन कर रही है।
- इससे सड़कों से पुरानी और प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों को हटाया जा सकता है।
- अगर किसी गाड़ी के पास वैध फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं है, तो स्थानीय प्रशासन उसे ज़ब्त कर सकता है।
फिटनेस सर्टिफिकेट ऑनलाइन कैसे रिन्यू करें?
Parivahan पोर्टल पर जाएं और अपने लॉगिन डिटेल्स से लॉगिन करें।
‘Online Services’ पर क्लिक करें और ‘Renewal Of Fitness Certificate’ चुनें।
अपना रजिस्ट्रेशन नंबर और चेसिस नंबर डालें और OTP जेनरेट करें।
- OTP को दर्ज करें और ‘Submit’ पर क्लिक करें।
- ‘Fitness Inspection + Certificate’ विकल्प में जाकर सभी जानकारी भरें और ‘Submit’ करें।
- ‘Insurance Details’ भरें और फिर से ‘Submit’ करें।
- ‘DMS Upload Docs’ में ज़रूरी डॉक्यूमेंट अपलोड करें।
- ‘Appointment’ में जाकर फिटनेस टेस्ट की तारीख चुनें और ‘Book Now’ पर क्लिक करें।
- ‘Fee Details’ में जाकर भुगतान करें — UPI, नेट बैंकिंग या डेबिट/क्रेडिट कार्ड के ज़रिये।
- भुगतान के बाद, अपनी गाड़ी के साथ RTO जाकर डॉक्यूमेंट्स और रसीद दिखाएं। यदि गाड़ी निरीक्षण में फिट पाई जाती है, तो फिटनेस सर्टिफिकेट रिन्यू कर दिया जाएगा।
फिटनेस सर्टिफिकेट ऑफलाइन कैसे रिन्यू करें?
अगर आप ऑनलाइन प्रक्रिया से नहीं करना चाहते, तो आप ऑफलाइन तरीका भी अपना सकते हैं:
- Parivahan पोर्टल से फॉर्म डाउनलोड करें।
- फॉर्म में सही जानकारी भरें।
- आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ फॉर्म को RTO में जमा करें।
- फीस कैश काउंटर पर जमा कर रसीद प्राप्त करें।
- निर्धारित तारीख पर गाड़ी को RTO ले जाएं और निरीक्षण कराएं।
- निरीक्षण सफल होने पर नया फिटनेस सर्टिफिकेट डाक से आपके पते पर भेज दिया जाएगा।
फिटनेस सर्टिफिकेट रिन्यू कराने के लिए आवश्यक दस्तावेज़
फिटनेस सर्टिफिकेट को रिन्यू करवाने के लिए आपको कुछ ज़रूरी दस्तावेज़ अपने पास रखने होंगे। नीचे दी गई लिस्ट को ध्यान से देखें:
- फॉर्म 21 (वाहन बिक्री प्रमाण पत्र)
- फॉर्म 22 (रोडवर्दीनेस सर्टिफिकेट)
- रोड टैक्स भुगतान रसीद
- वाहन बीमा पॉलिसी सर्टिफिकेट
- मूल पंजीकरण प्रमाण पत्र (RC)
- पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (PUCC)
- टेम्पररी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (अगर लागू हो)
- पहचान और पता प्रमाण (आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट आदि)
- चेसिस नंबर
- पासपोर्ट साइज फोटो
फिटनेस सर्टिफिकेट कब रिन्यू करना चाहिए?
- नई प्राइवेट गाड़ियाँ: रजिस्ट्रेशन के समय इन्हें 15 साल के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट मिलता है। इसके बाद हर 5 साल में रिन्यू करना होता है।
- कमर्शियल गाड़ियाँ: 8 साल तक की उम्र वाली गाड़ियों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट 2 साल तक वैध होता है। इसके बाद हर 1 साल में रिन्यू कराना अनिवार्य होता है।
नोट: दिल्ली/NCR में 15 साल से पुरानी पेट्रोल गाड़ियों और 10 साल से पुरानी डीज़ल गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन और फिटनेस रिन्यू नहीं किया जा सकता (NGT नियमों के अनुसार)।
फिटनेस सर्टिफिकेट रिन्यू कराने का शुल्क
वाहन प्रकार | ऑफलाइन फीस | ऑनलाइन फीस |
दोपहिया वाहन | ₹200 | ₹400 |
तीनपहिया वाहन | ₹400 | ₹600 |
चारपहिया वाहन (प्राइवेट/कमर्शियल) | ₹600 | ₹1,000 |
फिटनेस प्रमाणपत्र जारी या नवीनीकरण शुल्क | ₹200 |
अन्य अतिरिक्त शुल्क:
- अथॉरिटी ग्रांट/रिन्यूअल के लिए शुल्क: ₹15,000
- नियम 70 के तहत अपील शुल्क: ₹3,000
- डुप्लिकेट सर्टिफिकेट (अगर खो जाए): ₹7,500
वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट कैसे डाउनलोड करें?
- Parivahan पोर्टल पर लॉगिन करें।
- ‘Online Services’ में जाकर ‘Vehicle Related Services’ चुनें।
- राज्य और वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर डालकर ‘Proceed’ पर क्लिक करें।
- ‘Download Document’ में जाकर ‘Print Fitness Certificate’ चुनें।
- रजिस्ट्रेशन नंबर और एप्लिकेशन नंबर डालें।
- ‘Verify Details’ पर क्लिक करें और दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए सर्टिफिकेट डाउनलोड करें।
फिटनेस सर्टिफिकेट रिन्यूअल में कितना समय लगता है?
यह पूरी तरह से आपके संबंधित RTO की कार्यप्रणाली और लोड पर निर्भर करता है। सभी दस्तावेज़ सही और समय पर दिए गए हों, तो प्रक्रिया तेज़ी से पूरी हो सकती है।
अगर फिटनेस सर्टिफिकेट रिन्यू नहीं कराया तो क्या होगा?
- पहली बार उल्लंघन पर ₹2,000 से ₹5,000 तक का जुर्माना लग सकता है।
- बार-बार गलती करने पर यह जुर्माना ₹10,000 तक जा सकता है।
- इसके साथ ही जेल की सज़ा का भी प्रावधान है।
- देरी पर प्रति दिन ₹50 का अतिरिक्त जुर्माना भी मोटर वाहन अधिनियम में निर्धारित है।
निष्कर्ष
फिटनेस सर्टिफिकेट केवल एक दस्तावेज़ नहीं, बल्कि आपकी गाड़ी की सुरक्षा, पर्यावरण-अनुपालन और तकनीकी स्थिति का प्रमाण है। यह कानूनन अनिवार्य है और इसके बिना गाड़ी चलाना जुर्म है। सार्वजनिक सड़कों पर सुरक्षित ड्राइविंग के लिए यह ज़रूरी है कि आपकी गाड़ी की स्थिति जांची और प्रमाणित हो। यही सुनिश्चित करता है फिटनेस सर्टिफिकेट — और इसलिए इसे रिन्यू कराना आपकी ज़िम्मेदारी है।
फिटनेस सर्टिफिकेट के साथ गाड़ी के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की वैधता का ध्यान रखना जरूरी है। अधिकतर हमारे साथ ऐसा होता है कि गाड़ी की RC ऐक्सपायर हो जाती है उसके बाद हमें याद आता है और फिर हमें दुबारा RC रिन्यू करवाने के लिए भारी जुर्माना भी भरता पड़ता है। इसलिए आज ही आपके वाहन की RC की एक्सपायरी चैक करके एक रिमाइन्डर लगाइए। और आरसी रिन्यू करवाने की प्रक्रिया हमारे आर्टिकल गाड़ी की एक्सपायर्ड RC ऑनलाइन रिन्यू कैसे करें? जानिए स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया में पढ़िए।