

आपकी कार का बूट कैसे खोलें? जानें बटन की सही लोकेशन और आसान तरीके
- 1कार में डिक्की को खोलने के लिए बूट रिलीज़ बटन दिया होता है
- 2शुरुआती कारों में डिक्की लीवर खींचकर खोली जाती थी
- 3आधुनिक कारों में बूट रिलीज़ सिस्टम पूरी तरह से इलेक्ट्रिक होता है
हर कार में एक बूट (डिक्की या ट्रंक) होता है। यह पैसेंजर केबिन के पीछे का सामान रखने का हिस्सा होता है। बूट एक्सेस करने की सुविधा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे आप आराम से लगेज रख सकते हैं, बिना केबिन की जगह घेरें। इसके अलावा, बूट में रखे सामान बाहर से सीधे दिखाई नहीं देते, जिससे कीमती सामान रखने पर अनचाहे ध्यान से बचाव होता है।
लेकिन कई बार लोग अपनी कार का बूट खोलने में दिक्कत महसूस करते हैं क्योंकि बूट रिलीज मैकेनिज़्म ढूंढना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। पहले के मुकाबले अब तकनीक बदल गई है और बूट रिलीज बटन की जगह समझना थोड़ा कॉन्फ्यूज़िंग हो गया है। इसीलिए हमने एक लिस्ट तैयार की है, जहाँ आपको कार में बूट रिलीज मैकेनिज़्म मिल सकता है।
कार का बूट खोलने का पारंपरिक तरीका क्या है?
सालों में कार का बूट खोलने का तरीका काफी बदला है। शुरुआती दिनों में जब कारें नई-नई मार्केट में आई थीं, तब बूट को अलग चाबी और लॉक से बंद किया जाता था। इसे खोलना बिल्कुल किसी दरवाज़े का लॉक खोलने जैसा था—सीधा और आसान। आज भी ज्यादातर कार कंपनियाँ चाबी से बूट खोलने को डिफॉल्ट फेल-सेफ विकल्प मानती हैं, लेकिन यह अब सबसे सुविधाजनक तरीका नहीं है। इसलिए कार मेकर्स ने अलग-अलग बूट रिलीज मैकेनिज़्म शामिल किए ताकि ड्राइवर्स और पैसेंजर्स का काम आसान हो सके।
लीवर ऑपरेटेड मैकेनिज़्म

कार कंपनियों ने सबसे पहले लीवर ऑपरेटेड बूट ओपनिंग मैकेनिज़्म को बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया। यह एक सिंपल, मैकेनिकल प्रोसेस है, जिसने चाबी और लॉक सिस्टम की तुलना में बूट खोलना बहुत आसान बना दिया।
- लीवर आमतौर पर ड्राइवर की सीट के फुटवेल में, दाईं ओर नीचे होता है।
- अक्सर यह फ्यूल-लिड रिलीज लीवर के पास लगाया जाता है।
- लीवर का सीधा मैकेनिकल कनेक्शन बूट लॉक से होता है और इसे खींचने पर बूट लॉक रिलीज हो जाता है।
हालाँकि, यह तभी संभव था जब कार पहले से अनलॉक हो और आपको अंदर जाने की एक्सेस हो। अगर कार लॉक हो, तो सीधे बूट खोलने का विकल्प सिर्फ लॉक और चाबी ही था।
यह मैकेनिज़्म लंबे समय तक चला और आज भी कई एंट्री-लेवल कारों में पाया जाता है, जैसे Maruti Suzuki Alto।
इलेक्ट्रिक एक्ट्यूएशन
जहाँ लीवर सिस्टम बूट खोलने का अच्छा तरीका था, वहीं यह कार के दूसरे लॉकिंग मैकेनिज़्म से जुड़ना मुश्किल था। समय के साथ जब बूट का इस्तेमाल बढ़ने लगा, तो कार कंपनियों ने ऐसा तरीका ढूँढना शुरू किया जिससे बूट खोलना और आसान हो जाए और यह कार के बाकी लॉकिंग सिस्टम से भी जुड़ सके। यहीं से आया इलेक्ट्रिक एक्ट्यूएशन।
यह लीवर जैसा ही था, फर्क सिर्फ इतना कि इसमें केबिन के अंदर मौजूद लीवर की जगह एक बटन होता है, जो इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल भेजकर बूट को अनलॉक करता है।
इसी वजह से कार कंपनियाँ अब कार के अंदर और बाहर दोनों जगह से बूट खोलने का ऑप्शन देने लगीं। यह बूट खोलने के तरीके में सबसे बड़ा बदलाव साबित हुआ। आज भारत में बिकने वाली ज़्यादातर कारों में यही सिस्टम इस्तेमाल किया जाता है।
आपकी कार में बूट रिलीज बटन कहाँ मिल सकता है?
इलेक्ट्रिक एक्ट्यूएशन आने के बाद कंपनियों को बूट रिलीज बटन कहीं भी लगाने की आज़ादी मिल गई। वे चाहें तो कार में दो या तीन बटन तक दे सकती हैं, जिससे ड्राइवर और पैसेंजर्स के लिए आसानी हो।
यहाँ जानिए सबसे कॉमन जगहें जहाँ आपको बूट रिलीज बटन मिलेगा:
डैशबोर्ड

सबसे कॉमन जगह है डैशबोर्ड। यह अक्सर स्टीयरिंग और ड्राइवर साइड डोर के बीच, बाकी कंट्रोल्स (जैसे बोनट रिलीज लीवर और हेडलाइट एडजस्टमेंट स्विच) के पास होता है।
कुछ कारों में यह अभी भी लीवर-ऑपरेटेड होता है, लेकिन इसे फुटवेल से हटाकर डैशबोर्ड के निचले हिस्से में शिफ्ट कर दिया गया है।
ड्राइवर साइड डोर पैनल
अगली कॉमन जगह है ड्राइवर साइड डोर पैनल। यहाँ पावर विंडो, ORVM एडजस्टमेंट और पावर लॉक के कंट्रोल्स होते हैं। इन्हीं में कहीं छिपा हुआ होता है बूट रिलीज बटन।
कुछ कार कंपनियाँ इसे अलग जगह भी देती हैं, ताकि बिना देखे भी आसानी से मिल जाए।
बूट लिड
कार के अंदर के अलावा, बूट लिड पर भी बटन दिया जाता है। लेकिन यह तभी काम करेगा जब कार अनलॉक हो। अब चाबी से कार अनलॉक करने पर बूट भी अनलॉक हो जाता है। फिर बस बूट लिड पर लगे बटन को दबाना होता है। यह बटन आमतौर पर पिछली नंबर प्लेट के ऊपर एक कोने में छिपा होता है। सही जगह पकड़ने में थोड़ी प्रैक्टिस लगती है।
की-फॉब

की-फॉब पर बूट रिलीज बटन लगना सबसे बड़ा इनोवेशन रहा। पहले आपको कार के पास रहना पड़ता था—या तो अंदर या बाहर—ताकि बूट खोला जा सके।
की-फॉब रेडियो वेव्स के जरिए सिग्नल भेजता है और बूट लॉक खुल जाता है। इससे बूट का इस्तेमाल बहुत आसान हो गया क्योंकि अब आपको कार के पास मौजूद होने की ज़रूरत नहीं।
अनचाहे बटन दबने से बचाने के लिए, कई कंपनियाँ डबल-प्रेस या कुछ सेकंड तक बटन दबाए रखने का फीचर देती हैं। इसका काम करने का तरीका अलग-अलग कंपनियों में थोड़ा अलग हो सकता है।
बूट रिलीज़ सिंबल कैसे पहचानें?

बूट रिलीज़ सिंबल पहचानना काफी आसान है क्योंकि यह लगभग सभी कारों में एक जैसा होता है। यह एक कार का चित्र होता है जिसमें उसका बूट खुला हुआ दिखाया जाता है।
ध्यान देने वाली बात यह है कि कार के जिस हिस्से पर बूट दिखाया गया है, वह कार का छोटा ओवरहैंग होता है। कई बार लोग इसे बोनट रिलीज़ सिंबल से कन्फ्यूज़ कर लेते हैं क्योंकि वह भी मिलता-जुलता होता है, लेकिन बोनट का सिंबल कार के लंबे ओवरहैंग पर बना होता है।
ज्यादातर कार कंपनियाँ इस कन्फ्यूज़न से बचने के लिए बोनट रिलीज़ बटन और बूट रिलीज़ बटन को एक साथ नहीं रखतीं।
मैन्युफैक्चरर वेरिएशन्स
जहाँ तक मैन्युफैक्चरर्स की बात है, मास-मार्केट कारों में यह सिंबल लगभग यूनिफॉर्म ही रहता है। हालांकि लग्ज़री सेगमेंट की कुछ कारों में बूट रिलीज़ सिंबल को उस कार की शैडो (सिलुएट) की तरह डिज़ाइन किया जाता है। फिर भी, बेसिक सिंबल वही रहता है।
अगर बूट रिलीज़ बटन न मिले तो क्या करें?
अगर आपको बूट रिलीज़ बटन नहीं मिल रहा है, तो सबसे आसान तरीका है कार की ओनर मैनुअल देखना। उसमें डिटेल गाइड होती है जिससे आप बटन की लोकेशन जान पाएँगे और बूट खोल पाएँगे।
हाई-टेक बूट रिलीज़ मैकेनिज़्म
पिछले कुछ सालों में कार टेक्नोलॉजी काफी एडवांस हो गई है और अब नए-नए बूट रिलीज़ मैकेनिज़्म आ चुके हैं।
- सबसे कॉमन तरीका है कि आप कार के पीछे बूट लिड के नीचे अपना पैर हिलाएँ। एक सेंसर इस मूवमेंट को डिटेक्ट करता है और इलेक्ट्रॉनिकली बूट को अनलॉक कर देता है और खोल भी देता है। ध्यान रखें कि अगर कार लॉक है तो इस फीचर के लिए आपके पास की-फॉब होना जरूरी है।
- कुछ महंगी कारों में अब वॉइस कमांड्स के ज़रिए भी बूट खोला जा सकता है।
- कार और स्मार्टफोन इकोसिस्टम के बढ़ने से अब स्मार्टफोन और स्मार्टवॉच के जरिए भी बूट को अनलॉक करना संभव हो गया है।
निष्कर्ष
कार का बूट रिलीज सिस्टम पहले सिर्फ एक ज़रूरी फंक्शन हुआ करता था, लेकिन समय के साथ टेक्नोलॉजी ने इसमें ढेर सारी सुविधाएँ जोड़ दीं। एंट्री-लेवल कारें आज भी उसी मैकेनिकल लीवर पर निर्भर करती हैं, जो पहला बड़ा बदलाव था। वहीं, मॉडर्न लग्ज़री ईवीज़ (EVs) अब उस लेवल तक पहुँच चुकी हैं जहाँ सिर्फ कार से बात करने पर ही बूट अपने आप खुल जाता है।
फिर भी, चाहे सिस्टम कितना भी एडवांस क्यों न हो, हर कार कंपनी आज भी एक फेल-सेफ मैकेनिकल तरीका ज़रूर देती है ताकि इमरजेंसी में बूट को मैनुअली खोला जा सके।
गाड़ी की डिक्की को खोलने का तरीका पता करने के अलावा एक और चीज है जो ज्यादातर कार ड्राइवर्स को परेशान करती है और वो है डैशबोर्ड पर जलने वाली वॉर्निंग लाइट्स। कई बार इन वॉर्निंग लाइट्स को हम नजरअंदाज कर देते हैं, और यह गलती भारी पड़ जाती है। इसलिए आज आप हमारे साथ इन डैशबोर्ड वॉर्निंग लाइट्स को समझिए वो भी आसान भाषा में।