

Ford EcoSport क्यों बंद हुई? जानिए भारत में इसके सफर की पूरी कहानी
- 1भारत में कॉम्पैक्ट SUV सेगमेंट को लोकप्रिय बनाने का श्रेय Ford EcoSport को जाता है
- 2EcoSport को भारत में एक बार ही प्रमुख डिज़ाइन अपडेट दिया गया था
- 3Ford ने 2022 में भारत में EcoSport का उत्पादन बंद कर दिया
आज जिन कॉम्पैक्ट SUVs को हम पसंद करते हैं, उनकी लोकप्रियता की शुरुआत Ford EcoSport से हुई थी। भले ही Premier Rio तकनीकी रूप से भारत की पहली कॉम्पैक्ट SUV थी, लेकिन इस सेगमेंट को असली पहचान दिलाने का श्रेय EcoSport को ही जाता है। इसने भारतीय बाजार में रग्ड डिज़ाइन, आधुनिक फीचर्स, बेहतरीन परफॉर्मेंस और माइलेज का ऐसा संतुलन पेश किया जिसने सेगमेंट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
दुर्भाग्यवश, Ford के बढ़ते कर्ज ने कंपनी की स्थिति को कमजोर कर दिया और EcoSport इसका सबसे बड़ा शिकार बनी। इसके बावजूद, आज भी भारत में सेकंड हैंड Ford EcoSport की भारी मांग है, जो इसके संतुलित पैकेज और टिकाऊपन को दर्शाती है। इस लेख में हम इसके विकास की पूरी यात्रा पर नज़र डालेंगे और समझेंगे कि आखिर किन कारणों से Ford ने भारत में इसका उत्पादन बंद करने का फैसला लिया।

2013 में Ford EcoSport का लॉन्च

भारत में EcoSport का आगमन Ford India के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ साबित हुआ। इसने भारतीय ग्राहकों के लिए एक बिल्कुल नए युग की कॉम्पैक्ट SUV पेश की, जो न सिर्फ स्टाइलिश थी बल्कि शहर और हाईवे दोनों के लिए उपयुक्त थी।
लॉन्च वर्ष और प्रमुख स्पेसिफिकेशन्स
Ford EcoSport जून 2013 में लॉन्च की गई थी, और इसे तीन इंजन विकल्पों के साथ पेश किया गया —
- 1.5-लीटर Ti-VCT पेट्रोल इंजन, जो 110 bhp और 140 Nm टॉर्क उत्पन्न करता था।
- 1.5-लीटर TDCi डीज़ल इंजन, जिसकी आउटपुट 90 bhp और 205 Nm थी।
- 1.0-लीटर EcoBoost टर्बो-पेट्रोल इंजन, जो 123 bhp और 170 Nm टॉर्क देता था।
ट्रांसमिशन विकल्पों में 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स और 6-स्पीड ड्यूल-क्लच ऑटोमैटिक शामिल थे।
EcoBoost इंजन अपनी शक्ति और 18.9 kmpl तक की माइलेज के लिए खासा प्रसिद्ध हुआ। वास्तव में, यही इंजन भारत में “Turbo Petrol Cars” की शुरुआत का आधार बना।
डिज़ाइन दर्शन और लक्षित ग्राहक वर्ग
Ford EcoSport को ग्लोबल अर्बन SUV अपील के साथ डिज़ाइन किया गया था, जिसमें रग्डनेस और मॉडर्न स्टाइल का बेहतरीन मिश्रण था।
इसकी ऊँची ग्राउंड क्लीयरेंस, रियर-माउंटेड स्पेयर व्हील और चौड़ी ग्रिल इसे भारतीय सड़कों के लिए परफेक्ट बनाते थे।
इसका प्रमुख लक्ष्य समूह था — युवा पेशेवर और छोटे परिवार, जो एक स्टाइलिश, फीचर-रिच और प्रैक्टिकल SUV की तलाश में थे।
सेल्स परफॉर्मेंस
लॉन्च के साथ ही Ford EcoSport ने भारतीय बाजार में धमाका कर दिया।
सिर्फ पहले 17 दिनों में इसे 30,000 से अधिक बुकिंग्स मिलीं।
वर्ष 2013 के अंत तक कंपनी ने 60,000 यूनिट्स बेच दी थीं, जिससे यह Ford India की सबसे ज्यादा बिकने वाली कारों में शामिल हो गई।
यह मॉडल Ford के भारतीय कारोबार के लिए राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत बन गया।
2016 में निर्यात माइलस्टोन
2016 में, Ford ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की —
भारत से EcoSport की 2,00,000 से अधिक यूनिट्स का निर्यात किया गया।
इनमें यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका जैसे देश शामिल थे।
इस उपलब्धि ने भारत को Ford के लिए एक महत्वपूर्ण मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित किया और यह कार India’s most exported SUVs में से एक बन गई।
Ford EcoSport फेसलिफ्ट लॉन्च – 2017

2017 में आई Ford EcoSport फेसलिफ्ट कंपनी के लिए एक अहम अपडेट थी। इस अपडेट ने कार के डिज़ाइन, फीचर्स और टेक्नोलॉजी में कई सुधार किए ताकि यह बदलते हुए भारतीय SUV बाजार में प्रतिस्पर्धी बनी रहे।
मुख्य विशेषताएँ
- नया 1.5-लीटर “Dragon” सीरीज़ पेट्रोल इंजन, जो तीन-सिलेंडर यूनिट थी, 123 bhp की पावर और 150 Nm टॉर्क पैदा करती थी।
- उन्नत सुरक्षा फीचर्स — छह एयरबैग्स, ABS के साथ EBD, और हिल लॉन्च असिस्ट शामिल किए गए।
- इंटीरियर में बड़ा बदलाव — नया फ्लोटिंग 8-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, जिसमें Ford का SYNC 3 सॉफ्टवेयर, Apple CarPlay और Android Auto सपोर्ट था।
स्टाइलिंग में बदलाव
2017 फेसलिफ्ट में कई महत्वपूर्ण कॉस्मेटिक अपग्रेड शामिल थे —
- पहले से बड़ी और अधिक आक्रामक फ्रंट ग्रिल,
- LED डे-टाइम रनिंग लाइट्स के साथ नए प्रोजेक्टर हेडलैम्प्स,
- नए एलॉय व्हील डिज़ाइन और अपडेटेड रियर बंपर स्टाइलिंग।
इन बदलावों ने EcoSport को और ज़्यादा मॉडर्न और प्रीमियम लुक दिया।
2018 में S वेरिएंट की शुरुआत
मई 2018 में, Ford ने EcoSport का स्पोर्टी “S वेरिएंट” पेश किया — यह उन ग्राहकों को ध्यान में रखकर बनाया गया था जो परफॉर्मेंस और स्टाइल दोनों पसंद करते हैं।
मुख्य विशेषताएँ:
- 1.0L EcoBoost इंजन की वापसी, जिसे 6-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन के साथ जोड़ा गया।
- नया ब्लैक-आउट ग्रिल, स्मोक्ड HID हेडलैम्प्स, और डार्क एलॉय व्हील्स — जो इसे एक दमदार स्पोर्टी लुक देते थे।
- इंटीरियर में ऑरेंज एक्सेंट्स और इलेक्ट्रिक सनरूफ जैसे प्रीमियम फीचर्स जोड़े गए।
यह वेरिएंट खासतौर पर युवा खरीदारों और परफॉर्मेंस उत्साही ड्राइवर्स को आकर्षित करने के लिए बनाया गया था।
2019 में Thunder Edition की लॉन्चिंग

2019 में Ford ने Thunder Edition लॉन्च की, जिससे EcoSport के लाइनअप में एक और नया वेरिएंट जुड़ गया।
मुख्य विशेषताएँ:
- कॉस्मेटिक बदलाव — बोनट और साइड पर ब्लैक डेकल्स, ब्लैक रूफ, और 17-इंच एलॉय व्हील्स।
- इंटीरियर में कॉन्ट्रास्ट स्टिचिंग, लेदर सीट्स, और 9-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम।
- यह एडिशन पेट्रोल और डीज़ल दोनों इंजन विकल्पों में उपलब्ध थी, जिससे परफॉर्मेंस और वैरायटी बनी रही।
BS6 नॉर्म्स के अनुरूप अपडेट – 2020
2020 में Ford EcoSport को BS6 उत्सर्जन मानकों (emission norms) के अनुरूप अपडेट किया गया।
- कंपनी ने पहले वाले 1.5-लीटर Ti-VCT पेट्रोल और 1.5-लीटर TDCi डीज़ल इंजन को ही बरकरार रखा, जिनका प्रदर्शन लगभग समान रहा।
- इसके साथ-साथ, कुछ छोटे-मोटे डिज़ाइन और फीचर अपग्रेड्स भी किए गए ताकि कार Kia Sonet और Hyundai Venue जैसी नई कॉम्पैक्ट SUVs के मुकाबले प्रतिस्पर्धी बनी रहे।
2021 में SE वेरिएंट की शुरुआत

2021 में Ford ने EcoSport SE वेरिएंट पेश किया, जो भारत में ग्लोबल डिज़ाइन ट्रेंड्स के अनुरूप था।
मुख्य बदलाव:
- इस वेरिएंट में रियर-माउंटेड स्पेयर व्हील को हटा दिया गया, जिससे इसका लुक अंतरराष्ट्रीय EcoSport मॉडल्स जैसा हो गया।
- इसके साथ एक पंक्चर रिपेयर किट दी गई ताकि स्पेयर टायर की कमी पूरी की जा सके।
- इसमें Titanium वेरिएंट के सभी प्रमुख फीचर्स बरकरार रखे गए — जैसे 7-इंच टचस्क्रीन, ऑटो क्लाइमेट कंट्रोल, और क्रूज़ कंट्रोल।
- इंजन विकल्पों में कोई बदलाव नहीं किया गया — वही पेट्रोल और डीज़ल यूनिट्स, मैनुअल ट्रांसमिशन के साथ उपलब्ध रहीं।
2021 में Ford का भारत से बाहर होने का ऐलान

सितंबर 2021 में जब Ford ने भारत से अपने कारोबार के समापन की घोषणा की, तो यह खबर भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग और Ford प्रेमियों के लिए एक झटका साबित हुई।
मुख्य बिंदु
- Ford ने पिछले 10 वर्षों में $2 बिलियन (करीब ₹16,000 करोड़) के नुकसान और लागत प्रतिस्पर्धा हासिल न कर पाने को इस निर्णय का प्रमुख कारण बताया।
- कंपनी ने अपने चेन्नई और साणंद स्थित मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स में उत्पादन बंद करने की घोषणा की, जिससे 4,000 से अधिक कर्मचारियों पर असर पड़ा।
- हालांकि, कंपनी ने यह स्पष्ट किया कि मौजूदा ग्राहकों के लिए सर्विस और स्पेयर पार्ट्स सपोर्ट भारत में जारी रहेगा — जो आज भी आसानी से उपलब्ध हैं।
- इस फैसले ने यह भी उजागर किया कि भारत जैसे प्रतिस्पर्धी बाजार में ग्लोबल ऑटोमेकर्स को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है — जैसे कड़ी प्रतिस्पर्धा, प्राइसिंग प्रेशर और तेजी से बदलती ग्राहक प्राथमिकताएँ।
2022 में Ford EcoSport का उत्पादन बंद

2022 में Ford EcoSport को आधिकारिक रूप से बंद कर दिया गया, जिससे भारत में इसके शानदार अध्याय का अंत हो गया।
Ford के बाहर जाने के मुख्य कारण
- उच्च उत्पादन लागत:
Ford भारतीय निर्माताओं जैसे Maruti Suzuki और Tata Motors की तुलना में लागत कुशलता (cost efficiency) प्राप्त नहीं कर सका।
- सीमित उत्पाद पोर्टफोलियो:
प्रतिस्पर्धियों की तुलना में Ford के पास कारों की संख्या काफी कम थी, और कंपनी मुख्य रूप से EcoSport जैसे कुछ मॉडलों पर निर्भर थी।
- गिरती बिक्री:
शुरुआती सफलता के बावजूद EcoSport को Hyundai Venue, Tata Nexon और Kia Sonet जैसी नई, फीचर-रिच कॉम्पैक्ट SUVs से कड़ी टक्कर मिली।
- वैश्विक रणनीति में बदलाव:
Ford ने अपना फोकस अमेरिका और चीन जैसे बड़े बाजारों पर केंद्रित करने का फैसला किया, जहां उसकी SUVs और Electric Vehicles (EVs) अधिक सफल साबित हो सकती थीं।
निष्कर्ष
Ford EcoSport ने भारत के कॉम्पैक्ट SUV सेगमेंट को आकार देने में एक ऐतिहासिक भूमिका निभाई। 2013 में अपने लॉन्च के साथ ही इसने डिज़ाइन, फीचर्स और परफॉर्मेंस के नए मानक स्थापित किए। 2013 के ग्राउंडब्रेकिंग Urban SUV से लेकर 2021 के फीचर-पैक्ड मॉडल तक, इसने भारतीय ग्राहकों के प्रति Ford की प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया।
हालांकि, बढ़ती प्रतिस्पर्धा, लागत में वृद्धि और बाजार की बदलती गतिशीलता ने आखिरकार 2022 में इसके उत्पादन को बंद करने की दिशा में कंपनी को मजबूर कर दिया। इसके बावजूद, EcoSport भारत के used car market में अब भी एक लोकप्रिय विकल्प बनी हुई है। इसकी मजबूत बिल्ड क्वालिटी, भरोसेमंद प्रदर्शन और आइकॉनिक डिज़ाइन आज भी ग्राहकों के दिलों में जगह बनाए हुए हैं।
यह कहना गलत नहीं होगा कि सड़कों पर और used car बाजार में आज भी बड़ी संख्या में मौजूद Ford वाहनों से साबित होता है कि बेहतरीन इंजीनियरिंग वाली कारें समय की कसौटी पर हमेशा खरी उतरती हैं। Ford Eco-Sport की तरह ही होंडा की आइकॉनिक सेडान Honda City के स्वर्णिम सफर को पढ़ना चाहते हैं तो अभी लिंक पर क्लिक कीजिए।
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