

Honda Jazz का सफर: हर जनरेशन में कैसे बदली यह प्रीमियम हैचबैक?
- 1Honda Jazz ने भारत में पहली बार 2009 में दस्तक दी थी
- 22015 में डीज़ल इंजन शामिल होने से इसकी लोकप्रियता और बढ़ी
- 3ग्राहकों की बदलती प्राथमिकताओं के चलते Honda Jazz को 2023 में बंद कर दिया गया
- Honda Jazz: मॉडल ओवरव्यू
- पहली पीढ़ी की Honda Jazz (2009–2013): प्रीमियम हैचबैक की शुरुआत
- दूसरी पीढ़ी की Honda Jazz (2015–2020): संतुलित वापसी
- फेसलिफ्टेड सेकंड जनरेशन Honda Jazz (2020–2023): एक शांत विदाई
- Honda Jazz को भारत में क्यों बंद किया गया?
- Honda Jazz की बिक्री क्यों नहीं चली?
- क्या सेकंड हैंड Honda Jazz खरीदना एक समझदारी भरा फैसला है?
- Honda Jazz: मॉडल-वाइज़ इंजन और ट्रांसमिशन स्पेसिफिकेशन
- मई 2025 तक सेकंड हैंड Honda Jazz की अनुमानित कीमतें
- अंतिम विचार
भारत में 2009 में एक प्रीमियम हैचबैक के रूप में लॉन्च होने से पहले ही Honda ने अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में Jazz (जिसे वहां Honda Fit कहा जाता है) की 20 लाख से अधिक यूनिट्स बेच दी थीं। इस हैचबैक को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाने वाले कारण थे – जापानी इंजीनियरिंग की विश्वसनीयता, चतुर डिज़ाइन और बेहतरीन शहरी उपयोगिता का मेल।
साल दर साल Honda Jazz को कई अपडेट्स और जनरेशन बदलावों से गुज़रना पड़ा, जिनमें प्रदर्शन, डिज़ाइन और तकनीक के क्षेत्र में सुधार देखने को मिले। इस लेख में हम Jazz की प्रगति को समझेंगे, उसके अहम पड़ावों पर नज़र डालेंगे, बाज़ार की बदलती मांगों पर इसकी प्रतिक्रिया जानेंगे और आखिरकार देखेंगे कि कंपनी ने इस सफल मॉडल को बंद क्यों कर दिया।
Honda Jazz: मॉडल ओवरव्यू
भारत में 2009 से अब तक Honda ने Jazz की तीन पीढ़ियाँ लॉन्च की हैं। हर जनरेशन में कुछ नया देखने को मिला – नई तकनीक, अपडेटेड डिज़ाइन और बदला हुआ मूल्य निर्धारण, जिसने Jazz को सालों तक एक मज़बूत उपस्थिति बनाए रखने में मदद की।
पहली पीढ़ी की Honda Jazz (2009–2013): प्रीमियम हैचबैक की शुरुआत

2009 में जब भारत में Honda Jazz की पहली जनरेशन लॉन्च हुई, उस समय हैचबैक बाज़ार पर मारुति स्विफ्ट और हुंडई i20 जैसी किफायती और व्यावहारिक कारों का कब्जा था। लेकिन Honda ने एक अलग रास्ता अपनाया। कंपनी ने Jazz को एक प्रीमियम अर्बन हैचबैक के तौर पर पेश किया, जो उस समय भारतीय बाज़ार में बहुत कम देखने को मिलती थी। हालांकि, इसकी ऊंची कीमतों के चलते यह भारतीय ग्राहकों की पहली पसंद नहीं बन सकी।
डिज़ाइन और सोच
उस समय के अन्य लो-स्लंग हैचबैक डिज़ाइनों के विपरीत, पुरानी Jazz लंबी थी और इसका डिज़ाइन किसी मिनी MPV जैसा लगता था। इसके शॉर्ट ओवरहैंग्स, बड़ी ग्लास विंडो और नुकीले नोज़ डिज़ाइन ने इसे एक आधुनिक, हल्का यूरोपीय स्पर्श दिया। इसका डिज़ाइन भले ही बहुत बोल्ड न रहा हो, लेकिन इसकी आंतरिक बनावट व्यावहारिक और खुली-खुली थी – यही Honda की पहचान थी। फ्लैट फ्लोर, पूरी तरह से फोल्ड होने वाली सीट्स जैसी कई इनोवेटिव खूबियाँ उस दौर में काफ़ी आगे की सोच मानी जाती थीं।
बिक्री और बाज़ार प्रदर्शन
Jazz की चौड़ी और चलाने में आसान बॉडी कुछ ग्राहकों को पसंद आई, लेकिन अधिकांश खरीदारों को इसकी कीमत अखरी। इसका ऑन-रोड प्राइस ₹7 लाख के ऊपर चला जाता था – जो उस समय शुरुआती सेडान की कीमत के बराबर था। इसके चलते इसकी बिक्री सीमित रही। वित्त वर्ष 2011 में Jazz की मात्र 4,862 यूनिट्स बिकीं, जबकि उसी साल Maruti Swift की बिक्री लगभग 1 लाख यूनिट्स पार कर गई थी।
मुख्य विशेषताएँ:
- 1.2L i-VTEC पेट्रोल इंजन (90 PS, 110 Nm)
- 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स
- ABS, EBD और दो एयरबैग्स
- Magic Seats तकनीक – फ्लेक्सिबल स्टोरेज के लिए
- बूट स्पेस: लगभग 384 लीटर
- लॉन्च प्राइस (एक्स-शोरूम दिल्ली): ₹6.98 लाख – ₹7.33 लाख
हालांकि इसके शानदार इंटीरियर और स्मार्ट डिज़ाइन की खूब तारीफ हुई, लेकिन इसकी कीमत को लेकर लोग निराश रहे। अंततः Honda ने इस जनरेशन को 2013 में बाज़ार से हटा लिया।
दूसरी पीढ़ी की Honda Jazz (2015–2020): संतुलित वापसी

पहली जनरेशन के अपेक्षित प्रदर्शन न देने के बाद Honda ने Jazz को दो साल के अंतराल के बाद जुलाई 2015 में एक नए अवतार में दोबारा लॉन्च किया। इस बार कंपनी ने डिज़ाइन के साथ-साथ इंजन और ट्रांसमिशन विकल्पों को भी अपडेट किया – जिसमें पहली बार डीज़ल विकल्प भी शामिल था। यह जनरेशन मूल्य, फीचर्स और उपयोगिता के लिहाज़ से ग्राहकों की मांगों के अधिक अनुकूल थी।
दूसरी पीढ़ी की Jazz, Honda City वाले प्लेटफॉर्म पर बनी थी, जिससे इसे संरचनात्मक मजबूती और बेहतर स्पेस मिला। पहले की तुलना में नई Jazz ज्यादा प्रीमियम और स्टाइलिश दिखती थी और Honda की ग्लोबल ‘Exciting H’ डिज़ाइन थीम पर आधारित थी।
बाहरी डिज़ाइन की प्रमुख विशेषताएँ:
- शार्प हेडलैम्प्स और चौड़ी क्रोम ग्रिल
- अधिक एयरोडायनामिक प्रोफाइल और स्ट्रॉन्ग कैरेक्टर लाइन्स
- 15-इंच के नए अलॉय व्हील्स और बूमरैंग-स्टाइल टेललाइट्स
पहली जनरेशन के मुकाबले प्रमुख सुधार
1. इंजन और ट्रांसमिशन विकल्पों का विस्तार
- पहले से मौजूद 1.2L i-VTEC पेट्रोल इंजन (90 PS, 110 Nm) अब 5-स्पीड मैनुअल और CVT ऑटोमैटिक दोनों में उपलब्ध था।
- नया 1.5L i-DTEC डीज़ल इंजन (100 PS, 200 Nm) भी जोड़ा गया, जिसे 6-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स के साथ लाया गया।
इसकी ARAI माइलेज रेटिंग थी – 27.3 किमी/लीटर, जो इस सेगमेंट में सबसे किफायती में से एक था।
2. बड़े डायमेंशन लेकिन कॉम्पैक्ट फुटप्रिंट
- नई Jazz की लंबाई बढ़कर 3,955 मिमी हो गई, जिससे बूट स्पेस और रियर लेगरूम बेहतर हुआ।
- फिर भी यह सब-4 मीटर श्रेणी में रही, जिससे इसे टैक्स में रियायत मिलती रही।
3. फीचर्स में सुधार
- नया टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम (Digipad)
- ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल
- स्टीयरिंग-माउंटेड ऑडियो और कॉल कंट्रोल्स
- रियर-व्यू कैमरा
डीज़ल वेरिएंट की उपलब्धता और बढ़ी हुई फीचर्स लिस्ट ने इस जनरेशन को पहले से बेहतर स्वीकार्यता दिलाई। हालांकि, फिर भी यह मूल्य-चेतन बाज़ार में प्रतिस्पर्धा करने के लिए पूरी तरह से सक्षम साबित नहीं हो पाई।
फेसलिफ्टेड सेकंड जनरेशन Honda Jazz (2020–2023): एक शांत विदाई

2020 में Honda ने Jazz को फेसलिफ्ट रूप में अपडेट किया, जिसमें कॉस्मेटिक बदलावों के साथ कुछ प्रीमियम फीचर्स भी शामिल किए गए – जैसे कि इस सेगमेंट में पहली बार पेश की गई इलेक्ट्रिक सनरूफ। हालांकि, इस अपडेट के साथ BS6 मानकों को अपनाते हुए डीज़ल वेरिएंट को बंद कर दिया गया। अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में इस दौरान चौथी जनरेशन Jazz लॉन्च हो चुकी थी (जैसे यूरोप और जापान में), लेकिन भारत को सिर्फ पुरानी जनरेशन का अपडेटेड वर्ज़न ही मिला।
2015 Jazz की तुलना में मुख्य बदलाव
1. डीज़ल वेरिएंट पूरी तरह बंद
BS6 मानकों के चलते 2020 में Honda ने 1.5L i-DTEC डीज़ल इंजन को बंद कर दिया। केवल 1.2L i-VTEC पेट्रोल इंजन (90 PS, 110 Nm) बचा, जिसे अब BS6-मानकों के अनुरूप अपग्रेड किया गया था। ट्रांसमिशन विकल्पों में शामिल थे 5-स्पीड मैनुअल और पैडल शिफ्टर के साथ CVT।
2. पूरी तरह एलईडी लाइट्स और सनरूफ
Jazz में अब LED हेडलैंप्स, DRLs, फॉग लैंप्स और टेललैंप्स दिए गए, जिससे इसकी प्रीमियम अपील काफी बढ़ गई। इसमें एक-टच इलेक्ट्रिक सनरूफ जोड़ा गया – जो इस कीमत की हैचबैक सेगमेंट में पहली बार आया था। उच्च वेरिएंट्स में रियर वाइपर, वॉशर और डिफॉगर स्टैंडर्ड कर दिए गए।
3. केबिन में अपग्रेड
Honda ने इसमें स्मार्ट की-लेस एंट्री, पुश बटन स्टार्ट और ऑटोमैटिक एसी जैसे फीचर्स शामिल किए। 7-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम Android Auto और Apple CarPlay के साथ आया। हालांकि, इसमें कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी, वेंटिलेटेड सीट्स या वायरलेस चार्जिंग जैसे फीचर्स अब भी नहीं थे – जहां प्रतियोगी कंपनियाँ आगे निकल चुकी थीं।
4. वेरिएंट्स में बदलाव
अब वेरिएंट्स सीमित कर दिए गए: V, VX और ZX । CVT अब तीनों वेरिएंट्स में उपलब्ध था – जो ऑटोमैटिक कार चाहने वालों के लिए बड़ा प्लस था।
लेकिन Magic Seats को हटा दिया गया, जो पहले Jazz की एक अनोखी खासियत थी।
Honda Jazz को भारत में क्यों बंद किया गया?
Honda की विश्वसनीयता और बेहतरीन बिल्ड क्वालिटी के बावजूद Jazz को गिरती बिक्री से नहीं बचाया जा सका। अंततः यह मॉडल 2023 की शुरुआत में बंद कर दिया गया। इसका मुख्य कारण था – ग्राहकों की SUV की ओर बढ़ती मांग और BS6 फेज़ 2 जैसे नए उत्सर्जन मानदंड। कंपनी के अनुसार Jazz को नए नियमों के अनुसार अपडेट करना बेहद महंगा पड़ता, और बिक्री की संभावनाएं उतनी मज़बूत नहीं थीं कि निवेश को जायज़ ठहराया जा सके।
Honda Jazz की बिक्री क्यों नहीं चली?
Honda Jazz में कई सेगमेंट-फर्स्ट फीचर्स और Honda का भरोसेमंद ब्रांड नाम होते हुए भी, इसकी बिक्री लगातार कमजोर रही। कुछ महत्वपूर्ण कारण निम्नलिखित रहे:
- प्रतियोगी कारों की तुलना में अधिक कीमत
- समय पर मॉडल अपडेट्स की कमी
- टर्बो पेट्रोल या हाइब्रिड विकल्पों की अनुपस्थिति
- ग्राहकों की प्राथमिकता का SUV की ओर झुकाव
क्या सेकंड हैंड Honda Jazz खरीदना एक समझदारी भरा फैसला है?
2015 से 2020 के बीच की Honda Jazz को सेकंड हैंड कार के रूप में खरीदना एक बढ़िया विकल्प माना जा सकता है, इन कारणों से:
- विशाल और बहुपयोगी केबिन (पुराने वेरिएंट्स में Magic Seats शामिल)
- भरोसेमंद पेट्रोल और डीज़ल इंजन विकल्प
- CVT में पैडल शिफ्टर्स के साथ स्मूद ड्राइविंग अनुभव
- कम मेंटेनेंस लागत और मजबूत रीसेल वैल्यू
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Honda Jazz: मॉडल-वाइज़ इंजन और ट्रांसमिशन स्पेसिफिकेशन
| मॉडल वर्ष | इंजन विकल्प | ट्रांसमिशन विकल्प | माइलेज (ARAI) |
| 2009–2013 | 1.2L i-VTEC पेट्रोल (90 PS) | 5-स्पीड मैनुअल | 16.7 किमी/लीटर |
| 2015–2020 | 1.2L i-VTEC पेट्रोल (90 PS) 1.5L i-DTEC डीज़ल (100 PS) | 5-स्पीड मैनुअल (पेट्रोल), CVT (पेट्रोल), 6-स्पीड मैनुअल (डीज़ल) | 17.1 किमी/लीटर (पेट्रोल CVT) 27.3 किमी/लीटर (डीज़ल) |
| 2020–2023 | 1.2L i-VTEC पेट्रोल (90 PS) | 5-स्पीड मैनुअल, CVT | 16.6–17.1 किमी/लीटर |
मई 2025 तक सेकंड हैंड Honda Jazz की अनुमानित कीमतें
| मॉडल वर्ष | औसत सेकंड हैंड कीमत (₹ में) | टिप्पणियाँ |
| 2015 | ₹2.5 – ₹4.5 लाख | माइलेज/स्थिति पर निर्भर; डीज़ल वेरिएंट्स उपलब्ध |
| 2016–2018 | ₹3.5 – ₹6.5 लाख | अच्छा डिमांड; CVT और मैनुअल दोनों विकल्प, शहर-वार अंतर |
| 2019–2020 | ₹5.0 – ₹7.5 लाख | CVT को प्राथमिकता; कम माइलेज वाली यूनिट्स की कीमत ज़्यादा |
| 2021–2022 | ₹7.0 – ₹8.8 लाख | सनरूफ वेरिएंट, ZX ट्रिम्स; सीमित स्टॉक, ऊँची कीमतें |
| 2023 | ₹8.0 – ₹9.5 लाख | फाइनल बैच, लगभग नई स्थिति वाली यूनिट्स |
नोट: कीमतें वाहन की स्थिति, स्थान, सर्विस हिस्ट्री और वेरिएंट पर निर्भर करती हैं।
अंतिम विचार
Honda Jazz ने वैश्विक स्तर पर चार जनरेशन देखीं, लेकिन भारत में हमें तीन मुख्य जनरेशन (2009, 2015 और 2020 फेसलिफ्ट) ही मिलीं। Jazz ने हमेशा एक साधारण हैचबैक से कुछ ज़्यादा देने की कोशिश की — फिर चाहे वह सेगमेंट में पहली बार Magic Seats हों, सनरूफ की शुरुआत हो या CVT के साथ पैडल शिफ्टर्स।
हालाँकि इसने कभी भी बिक्री के रिकॉर्ड नहीं तोड़े, लेकिन अपने वर्ग में इसने सम्मान ज़रूर कमाया। Jazz कभी सबके लिए कार नहीं बनना चाहती थी — यह सही खरीदार के लिए एक 'सही कार' बनना चाहती थी, और इस दिशा में यह खामोशी से सफल भी रही।
शहरों में भरोसेमंद सेकंड हैंड कार की तलाश कर रहे उपयोगकर्ताओं के लिए आज भी Honda Jazz एक दमदार विकल्प है — यह विशाल स्पेस, सुरक्षा और दक्षता का अच्छा संतुलन प्रदान करती है। Honda Jazz की तरह ही अगर आप होंडा की आइकॉनिक सेडान Honda City के स्वर्णिम सफर के बारे में पढ़ना चाहते हैं तो अभी लिंक पर क्लिक करें।
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