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Electric Car Battery
Electric Car Battery

EV की बैटरी रिप्लेसमेंट में कितना खर्च आता है? जानिए पूरी जानकारी

29 Aug 2025
Key highlights
  • 1
    EV मेंटेनेंस में सबसे महंगा खर्च बैटरी बदलवाने का होता है
  • 2
    EV बैटरी रिप्लेसमेंट एक जटिल प्रक्रिया है, जो सर्विस सेंटर पर ही होनी चाहिए
  • 3
    ज्यादातर EV निर्माता बैटरी पैक पर 5 से 8 साल की वारंटी देते हैं
आउटलाइन

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को अपनाने की प्रक्रिया तेज़ी से बढ़ रही है, जो देश के ऑटोमोबाइल उद्योग के स्वरूप को बदल रही है। कम रनिंग कॉस्ट, पर्यावरण के प्रति जागरूकता और सरकारी सब्सिडी जैसे कारणों से EV अब एक सीमित विकल्प न रहकर पेट्रोल और डीजल वाहनों का व्यवहारिक विकल्प बन चुके हैं।

 

पारंपरिक बनाम EV बैटरी

 

EVs को पावर देने वाली बैटरियां पारंपरिक कार बैटरियों से काफी अलग होती हैं। सामान्य तौर पर पारंपरिक कार बैटरी इंजन स्टार्ट करने, लाइट्स, इंफोटेनमेंट सिस्टम और कुछ अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को पावर देती है। वहीं EV बैटरियां न केवल इन सबको पावर देती हैं, बल्कि वाहन की पूरी प्रोपल्शन प्रणाली को भी चलाती हैं। इसलिए ये आकार, वजन और क्षमता में काफी बड़ी होती हैं।

 

अधिकतर पारंपरिक बैटरियां लीड-एसिड या AGM (एब्ज़ॉर्ब्ड ग्लास मैट) तकनीक वाली होती हैं, जबकि EV बैटरियां बड़ी लीथियम आयन बैटरियां होती हैं – बिल्कुल आपके मोबाइल की तरह, लेकिन आकार में कई गुना बड़ी।

 

इनकी टिकाऊ क्षमता भी अधिक होती है। पारंपरिक बैटरियां 3-5 वर्षों में बदलनी पड़ती हैं, जबकि EV की लीथियम बैटरियां आम तौर पर 8-10 वर्षों तक चलती हैं। अधिकतर कंपनियां 5-8 साल की बैटरी वारंटी भी देती हैं।

 

Electric Car Battery

 

इलेक्ट्रिक कार बैटरी की कीमत

 

EV बैटरी बदलवाना EV के मेंटेनेंस का सबसे महंगा खर्च है। एंट्री-लेवल इलेक्ट्रिक कारों में बैटरी बदलवाने का खर्च ₹5 लाख से ₹6 लाख तक हो सकता है। प्रीमियम सेगमेंट की इलेक्ट्रिक कारों में यह ₹10 लाख तक जा सकता है।

 

इसके अलावा, EV बैटरी को बदलना एक साधारण प्रक्रिया नहीं है जिसे घर पर किया जा सके। इसके लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित तकनीशियनों और अधिकृत सर्विस सेंटर की ज़रूरत होती है।

 

इलेक्ट्रिक कार बैटरी बदलने की प्रक्रिया

 

पारंपरिक कारों में बैटरी बोनट के नीचे आसानी से एक्सेस हो जाती है, लेकिन EV की बैटरी पैक ज़्यादातर कार के फर्श के नीचे होती है, जिसे निकालना एक बेहद तकनीकी और समय लेने वाला कार्य है।

 

इस प्रक्रिया के सामान्य चरण इस प्रकार हैं:

 

  • कार को इलेक्ट्रिकली सुरक्षित बनाना (पॉवर डिस्कनेक्ट करना) 
  • कार को लिफ्ट पर उठाकर बैटरी पैक तक पहुंच 
  • बैटरी पैक के सारे कनेक्शन (पावर, सेंसिंग, कूलिंग) सावधानीपूर्वक हटाना
  • बैटरी पैक को विशेष क्रेन या स्लाइडिंग प्लेटफॉर्म से बाहर निकालना
  • नई बैटरी को इंस्टॉल करना और सभी कनेक्शन सही ढंग से लगाना
  • बैटरी और वाहन के ECU को रीप्रोग्राम करना या कैलिब्रेट करना
     

ध्यान दें कि यह एक अत्यधिक संवेदनशील प्रक्रिया है और इसे केवल प्रमाणित सर्विस सेंटर पर ही कराया जाना चाहिए।

 

डायग्नोस्टिक टेस्टिंग

 

EV बैटरी को बदलने की प्रक्रिया की शुरुआत होती है उसके वर्तमान हालात की जांच से। इसके लिए विशेष डायग्नोस्टिक सॉफ़्टवेयर टूल्स का उपयोग किया जाता है, जो बैटरी पैक की स्थिति, क्षमता में गिरावट (degradation), और चार्ज पकड़ने की क्षमता के बारे में सटीक जानकारी प्रदान करते हैं। अगर ये टेस्ट दर्शाते हैं कि बैटरी की क्षमता काफी हद तक घट चुकी है और प्रदर्शन में भारी गिरावट आ गई है, तो बैटरी को बदलने की सलाह दी जाती है।

 

बैटरी रिमूवल (हटाना)

 

EV बैटरी को वाहन से निकालने की प्रक्रिया वाहन के मॉडल पर निर्भर करती है। कुछ कारों में बैटरी तक पहुंचने के लिए सीटें, कालीन और फ्लोरिंग हटानी पड़ सकती है, वहीं अन्य कारों में अंडरबॉडी पैनल या अंडरकारेज के कुछ हिस्सों को खोलना पड़ता है। हर स्थिति में हाई-वोल्टेज से जुड़ी विशेष सुरक्षा प्रक्रियाओं (safety protocols) का पालन आवश्यक होता है, ताकि तकनीशियन और वाहन दोनों सुरक्षित रहें।

 

नई बैटरी इंस्टॉलेशन

 

नई बैटरी को सही तरीके से इंस्टॉल किया जाता है और उससे जुड़े सभी इलेक्ट्रिकल कनेक्शनों को दोबारा जोड़ा जाता है। इसके बाद वाहन की बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम (BMS) को कैलिब्रेट किया जाता है, ताकि वह नए बैटरी पैक के साथ ठीक से सिंक हो सके। यह चरण महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यही सुनिश्चित करता है कि बैटरी का प्रदर्शन और सुरक्षा दोनों सही तरीके से काम करें।

 

सिस्टम चेक

 

नई बैटरी इंस्टॉलेशन के बाद, टेक्नीशियन एक बार फिर से पूरी प्रणाली का डिटेल्ड डायग्नोस्टिक टेस्ट करते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बैटरी, चार्जिंग सिस्टम और BMS समेत सभी सिस्टम ठीक से काम कर रहे हैं। इस फाइनल चेक के बाद ही वाहन को ग्राहक को सौंपा जाता है।

 

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इलेक्ट्रिक कार बैटरी की कीमत को प्रभावित करने वाले कारक

 

EV बैटरी बदलने की लागत कई बातों पर निर्भर करती है। इन प्रमुख कारकों में शामिल हैं:

 

1. बैटरी की क्षमता (Battery Capacity)

 

जैसे-जैसे बैटरी की क्षमता (kWh में) बढ़ती है, उसकी कीमत भी उसी अनुपात में बढ़ती जाती है। बड़ी और हाई-कैपेसिटी बैटरियां महंगी होती हैं।

 

2. वारंटी कवरेज (Warranty Coverage)

 

अगर आपकी EV की बैटरी वारंटी के भीतर खराब होती है, तो अधिकतर कंपनियां फ्री रिप्लेसमेंट या भारी सब्सिडी देती हैं। इससे ग्राहक को भारी आर्थिक नुकसान से राहत मिलती है।

 

3. इंपोर्ट पर निर्भरता (Import Dependence)

 

भारत में अधिकतर EV बैटरियां अभी भी आयात की जाती हैं। ऐसे में विदेशी मुद्रा विनिमय दर में उतार-चढ़ाव और आयात शुल्क (import duty) जैसे तत्व बैटरी की लागत को सीधे प्रभावित करते हैं।

 

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निष्कर्ष

 

जैसे-जैसे भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता बढ़ रही है, संभावित खरीदारों के लिए इनके दीर्घकालिक खर्चों को समझना बेहद आवश्यक हो गया है। जहां EVs (इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) पारंपरिक पेट्रोल और डीज़ल वाहनों की तुलना में कम चलने और मेंटेनेंस खर्च प्रदान करते हैं, वहीं बैटरी रिप्लेसमेंट एक बड़ा खर्च है, जिसे केवल प्रशिक्षित तकनीशियनों द्वारा अधिकृत सर्विस सेंटर्स पर ही किया जा सकता है।

 

उम्मीद की जाती है कि आने वाले वर्षों में भारत में लोकल मैन्युफैक्चरिंग की प्रगति, बेहतर वारंटी कवरेज और बैटरी तकनीक में सुधार के चलते इन खर्चों में कमी आएगी। बैटरी रिप्लेसमेंट की लागत और जटिलता में गिरावट EV स्वामित्व को और भी अधिक सुलभ और टिकाऊ बनाएगी।

 

क्या आपको पता है कि ईवी कार को अपना बनाने के लिए आपको बहुत ज्यादा इन्वेस्टमेंट की जरूरत नहीं है। आप अपनी पुरानी पेट्रोल या डीजल कार को भी इलैक्ट्रिक कार में कन्वर्ट कर सकते हैं। हमारे आर्टिकल पुरानी कारों के लिए सबसे बढ़िया EV कन्वर्ज़न किट्स में जानिए पूरी प्रक्रिया।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

सभी को बड़ा करें
प्र. एक इलेक्ट्रिक कार की बैटरी कितने साल चलती है?
प्र. EV बैटरी को बदलने में कितना खर्च आता है?
प्र. क्या EV मालिक घर पर खुद बैटरी बदल सकते हैं?
प्र. क्या भविष्य में EV बैटरियां सस्ती होंगी?
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