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क्या सच में E20 पेट्रोल से गाड़ी की परफॉर्मेंस घटती है? जानिए फैक्ट्स

08 Aug 2025
Key highlights
  • 1
    भारत ने तय समय से पहले ही 20% एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया है
  • 2
    E20 फ्यूल की वजह से भारत अब ऊर्जा के क्षेत्र में और अधिक आत्मनिर्भर हो रहा है
  • 3
    E20 पेट्रोल को लेकर कई भ्रम फैले हैं, जिनकी सच्चाई सामने आनी चाहिए
आउटलाइन

भारत ने जब तय समय से पांच साल पहले ही 20% एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (E20) का लक्ष्य हासिल कर लिया, तो यह एक बड़ा कदम था। अब देश के अधिकांश फ्यूल स्टेशनों पर E20 पेट्रोल उपलब्ध है। 2022 में E10 के लागू होने के तीन साल बाद, E20 पेट्रोल भारत की एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (EBP) नीति का एक नया अध्याय लेकर आया है, जिसकी शुरुआत 2003 में हुई थी।

 

हालाँकि एथेनॉल ने भारत को फॉसिल फ्यूल्स और महंगे कच्चे तेल पर निर्भरता से राहत दिलाने में काफी मदद की है, लेकिन इसके बावजूद आम लोगों के बीच E20 पेट्रोल को लेकर कई शंकाएँ और भ्रांतियाँ बनी हुई हैं। माइलेज से लेकर इंजन पर असर तक — बहुत सी बातें चर्चा में हैं, जिनमें से कुछ सही हैं और बहुत सारी पूरी तरह से मिथक

 

अगर आप भी E20 पेट्रोल को लेकर दुविधा में हैं, तो यह लेख आपके लिए एक मिथ-बस्टर रियलिटी चेक है।

 

E20 पेट्रोल: असलियत क्या है?

 

e20 petrol fuel

 

माइलेज कम होने की चिंता, इंजन घिसाव, पर्यावरणीय प्रभाव, मिलावट की आशंका और गलत तरीके से लागू करने जैसी बातें लंबे समय से E20 पेट्रोल को लेकर सामने आती रही हैं। इनमें से कुछ सवालों के पीछे ठोस आधार हो सकते हैं, लेकिन अधिकतर सिर्फ भ्रम हैं जो गलत जानकारी की वजह से फैले हैं।

E20 के बारे में सही निर्णय लेने के लिए, इन मिथकों को समझना ज़रूरी है।

 

मिथकसच्चाई
एथेनॉल का कोई असली फायदा नहीं होतायह CO₂ उत्सर्जन कम करता है, ईंधन आयात घटाता है और किसानों को समर्थन देता है
E20 पुरानी गाड़ियों को नुकसान पहुँचाता है1 लाख किमी तक टेस्टिंग में कोई परफॉर्मेंस या टिकाऊपन की समस्या नहीं पाई गई; रबर/प्लास्टिक पार्ट्स की मामूली मरम्मत से सब कुछ ठीक रहता है
एथेनॉल माइलेज बहुत घटा देता हैE10 इंजन में 1-2%, अन्य में 3-6% तक हल्की गिरावट; जिसे इंजन ट्यूनिंग से नियंत्रित किया जा सकता है
एथेनॉल से फ्यूल सिस्टम में जंग लगती हैआधुनिक फ्यूल में जंग-रोधी एडिटिव्स होते हैं और BIS/OEM स्टैंडर्ड अनुसार सामग्री इस्तेमाल होती है
उपभोक्ताओं को मिलावटी पेट्रोल लेने पर मजबूर किया जा रहा हैE20 एक प्रमाणित, चरणबद्ध और रेगुलेटेड ईंधन है — यह कोई मिलावट नहीं है
एथेनॉल से खाद्यान्न की कमी होती हैअब नीतियाँ गैर-खाद्य बायोमास (2nd-gen एथेनॉल) पर फोकस करती हैं; फूड सिक्योरिटी बनी रहती है
एथेनॉल से इंजन में घिसाव और लुब्रिकेशन कम हो जाता हैE10/E20 ब्लेंड में लुब्रिकेशन ऐडिटिव्स होते हैं; कोई सिद्ध घिसाव नहीं देखा गया है
एथेनॉल पुरानी गाड़ियों (2017 से पहले) में नॉकिंग बढ़ाता हैएथेनॉल खुद नॉक-रेजिस्टेंट है; कुछ गाड़ियों को ECU ट्यूनिंग की ज़रूरत हो सकती है
E20 सिर्फ सरकार का टैक्स बढ़ाने का तरीका हैकोई प्रमाण नहीं है; कीमतें नीति और व्यवसायिक फैसलों पर आधारित होती हैं

 

मिथक: "एथेनॉल का कोई सस्टेनेबल लाभ नहीं है"

 

Ethanol has no real benefits

 

यह बात कई बार सुनने को मिलती है कि एथेनॉल सिर्फ नाम का जैविक ईंधन है और इससे कोई असली लाभ नहीं है।

 

सच्चाई:


एथेनॉल पेट्रोल की तुलना में न केवल पर्यावरण के लिए बेहतर है, बल्कि यह भारत को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करता है। एथेनॉल एक रिन्यूएबल एनर्जी सोर्स है जिसे गन्ना, मक्का, चावल जैसे जैविक स्रोतों से तैयार किया जाता है। दूसरी तरफ पेट्रोल क्रूड ऑयल से बनता है, जो एक सीमित मात्रा में उपलब्ध और गैर-नवीकरणीय संसाधन है।

 

भले ही आप मानें कि E20 से परफॉर्मेंस में कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि एथेनॉल का उत्पादन और उपयोग टिकाऊ है। यह:

 

  • CO₂ उत्सर्जन कम करता है
  • कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता घटाता है
  • और साथ ही भारतीय किसानों की आय को बढ़ावा देता है
     

मिथक: E20 पेट्रोल इंजन को नुकसान पहुंचाता है

 

Myth: E20 Petrol damages

 

बहुत से लोग मानते हैं कि E20 फ्यूल का इस्तेमाल करने से गाड़ी के इंजन की परफॉर्मेंस या टिकाऊपन पर असर पड़ता है — खासकर पुरानी गाड़ियों में। लेकिन यह धारणा पूरी तरह सही नहीं है।

 

सच्चाई: कई परीक्षणों में साबित हुआ कि E20 से न परफॉर्मेंस घटती है, न इंजन जल्दी खराब होता है

 

1990 के दशक से ही कई देशों ने एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल को अपनाना शुरू कर दिया था। भारत ने 2003 में अपने एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल प्रोग्राम (EBP) की शुरुआत की। तब से लेकर अब तक ARAI, IIP, और Indian Oil R&D जैसी संस्थाओं ने सरकार की निगरानी में इस पर कई स्तरों पर परीक्षण किए हैं।

 

इन सभी अध्ययनों और फील्ड ट्रायल्स में यह पाया गया है कि:

 

  • 1 लाख किमी तक चलने वाले वाहनों में भी कोई प्रदर्शन या टिकाऊपन से जुड़ी समस्या सामने नहीं आई 
  • विशेष रूप से पावर और टॉर्क पर कोई नकारात्मक असर नहीं देखा गया
  • यदि ज़रूरत हो तो सिर्फ छोटे रबर या प्लास्टिक पार्ट्स की मरम्मत या बदलाव ही पर्याप्त होते हैं
     

इसलिए, यह कहना कि E20 इंजन को नुकसान पहुंचाता है, एक भ्रामक मिथक है।

 

मिथक: E20 पेट्रोल से माइलेज में भारी गिरावट आती है

 

drastically reduces fuel mileage

 

इसको लेकर भी कई ड्राइवरों में चिंता रहती है कि E20 फ्यूल से गाड़ी की फ्यूल एफिशिएंसी में बहुत गिरावट आएगी।

 

सच्चाई: माइलेज में मामूली गिरावट आती है, जिसे इंजन ट्यूनिंग से सुधारा जा सकता है

 

यह सच है कि E20 पेट्रोल की तुलना में E10 या शुद्ध पेट्रोल थोड़ा अधिक माइलेज दे सकता है। लेकिन यह गिरावट उतनी ड्रास्टिक नहीं होती जितनी आमतौर पर समझी जाती है।

 

  • अगर आपकी कार E10 के अनुकूल ट्यून की गई है, तो माइलेज में 1–2% तक की गिरावट हो सकती है
  • अन्य पुरानी कारों में यह आंकड़ा 3–6% तक जा सकता है
  • लेकिन यह अंतर इतना बड़ा नहीं है कि रोज़ाना के उपयोग पर कोई गंभीर असर डाले
  • इसके अलावा, इंजन की ट्यूनिंग और नियमित मेंटेनेंस से इस कमी को काफी हद तक कम किया जा सकता है
     

सबसे अहम बात — अप्रैल 2023 के बाद बनी बीएस6 फेज 2 वाली सभी कारें पूरी तरह E20 कम्प्लायंट होती हैं, और उनमें माइलेज का कोई अंतर महसूस नहीं होता

 

मिथक: E20 पेट्रोल फ्यूल सिस्टम में जंग पैदा करता है

 

E20 petrol causes corrosion

 

यह धारणा काफी आम है कि एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल, सामान्य पेट्रोल की तुलना में अधिक रासायनिक रूप से संक्षारणकारी (corrosive) होता है और यह इंजन के फ्यूल सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकता है।

 

सच्चाई: आधुनिक फ्यूल में जंग-रोधी तत्व मौजूद होते हैं, जिससे यह खतरा बहुत कम हो जाता है

 

हालांकि एथेनॉल सामान्य पेट्रोल की तुलना में थोड़ा अधिक सक्रिय होता है, लेकिन आज के E10 और E20 ब्लेंड में विशेष corrosion inhibitors शामिल किए जाते हैं। इसके अलावा:

 

  • BIS और OEM मानकों के तहत नई गाड़ियों के फ्यूल टैंक, पाइप और इंजेक्टर जैसे हिस्सों में एथेनॉल-प्रतिरोधी मटेरियल का उपयोग होता है 
  • पुरानी गाड़ियों में जोखिम थोड़ा अधिक हो सकता है, लेकिन इतना नहीं कि E20 पेट्रोल का उपयोग पूरी तरह से टाला जाए
     

इसलिए, यह दावा कि E20 पेट्रोल से फ्यूल सिस्टम में व्यापक जंग लगती है, वास्तविकता से काफी दूर है।

 

मिथक: उपभोक्ताओं को जबरन मिलावटी पेट्रोल दिया जा रहा है

 

Consumers are forced to use adulterated petrol

 

कुछ लोग E20 पेट्रोल को "मिलावटी" ईंधन कहकर संदिग्ध ठहराते हैं।

 

सच्चाई: E20 एक प्रमाणित, चरणबद्ध और नियंत्रित फ्यूल है — कोई मिलावट नहीं

 

“मिलावट” शब्द का मतलब होता है — गुणवत्ता को घटाने वाला अवांछनीय मिश्रण। जबकि एथेनॉल ब्लेंडिंग एक वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपयोग में लाई गई प्रक्रिया है।

 

  • इसका उद्देश्य पेट्रोल को साफ तरीके से जलाना और CO₂ उत्सर्जन को कम करना है
  • भारत में यह एक सरकारी नीति के अंतर्गत लागू किया गया है, जिसमें हर कदम नियंत्रित और प्रमाणित होता है
     

इसलिए E20 को मिलावटी कहना पूरी तरह भ्रामक और अनुचित है।

 

मिथक: एथेनॉल के कारण देश में खाद्यान्न की कमी हो सकती है

 

Ethanol leads to food shortages

 

यह डर कुछ लोगों को रहता है कि यदि एथेनॉल गन्ने, मक्का, चावल आदि से बनता है, तो खाद्य सुरक्षा प्रभावित हो सकती है।

 

सच्चाई: भारत की एथेनॉल नीति गैर-खाद्य बायोमास पर केंद्रित है, जिससे खाद्यान्न सुरक्षा बनी रहती है

 

भारत सरकार अब सेकंड जेनरेशन एथेनॉल पर ज़ोर दे रही है, जो:

 

  • गैर-खाद्य बायोमास जैसे कृषि अवशेषों से तैयार किया जाता है
  • इससे खाद्य उपयोग योग्य उत्पादों पर कोई असर नहीं पड़ता
  • नीति इस बात का पूरा ध्यान रखती है कि किसानों को लाभ मिले और साथ ही देश की फूड सिक्योरिटी भी सुरक्षित रहे
     

मिथक: एथेनॉल से लुब्रिकेशन घटता है और इंजन जल्दी घिसता है

 

Ethanol leads to lower lubrication and more engine wear

 

यह दावा अक्सर सुनने को मिलता है कि एथेनॉल का इस्तेमाल इंजन में घिसाव बढ़ाता है क्योंकि इससे लुब्रिकेशन घटता है।

 

सच्चाई: E10 और E20 दोनों ब्लेंड में आधुनिक लुब्रिकेशन एडिटिव्स मौजूद होते हैं

 

  • अब तक भारत में E20 उपयोग करने वाली पुरानी गाड़ियों में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है जिसमें सिर्फ एथेनॉल के कारण इंजन घिसा हो
  • अधिकांश मामलों में घिसाव की असली वजह इंजन की उम्र और मेंटेनेंस की कमी होती है, न कि ईंधन
     

इसलिए, यह समझना ज़रूरी है कि लुब्रिकेशन से जुड़ी समस्याएँ केवल ईंधन के कारण नहीं, बल्कि अन्य कारकों की वजह से भी होती हैं — और E20 में यह जोखिम नगण्य है।

 

मिथक: E20 पेट्रोल 2017 से पहले की गाड़ियों में नॉकिंग बढ़ाता है

 

Ethanol increases knocking in pre-2017 cars

 

कुछ लोगों को यह चिंता होती है कि E20 पेट्रोल पुराने इंजनों में नॉकिंग (यानि कि असामान्य कंपन और इंजन की तेज़ आवाज़) को बढ़ा सकता है, जिससे इंजन को नुकसान पहुँच सकता है। यह आशंका मुख्य रूप से 2017 से पहले की कारों को लेकर जताई जाती है।

 

सच्चाई: एथेनॉल खुद नॉकिंग को रोकने वाला ईंधन है — सही ECU ट्यूनिंग से यह समस्या नहीं आती

 

यह बात सही है कि एथेनॉल की नॉक रेसिस्टेंस (Knock Resistance) सामान्य पेट्रोल से ज्यादा होती है, यानी एथेनॉल खुद इंजन को नॉकिंग से बचाने में मदद करता है। लेकिन समस्या वहाँ आती है जहाँ:

 

  • गाड़ी का ECU (Electronic Control Unit) आधुनिक नहीं है
  • या फिर उसमें एडाप्टिव ट्यूनिंग की क्षमता नहीं होती
     

मिथक: E20 पेट्रोल सरकार का टैक्स बढ़ाने का बहाना है

 

कुछ लोग यह मानते हैं कि E20 पेट्रोल का उद्देश्य सिर्फ सरकार के टैक्स राजस्व को बढ़ाना है, और इसमें उपभोक्ताओं के लिए कोई असली लाभ नहीं है।

 

सच्चाई: एथेनॉल पर सरकार टैक्स रियायतें देती है

 

अगर आपने हाल ही में किसी फ्यूल स्टेशन पर E20 पेट्रोल डलवाया है, तो आपने देखा होगा कि इसकी कीमत सामान्य पेट्रोल से कम है। दरअसल:

 

  • 2021 में सरकार ने एथेनॉल पर GST 18% से घटाकर 5% कर दिया
  • 2022 में Central Board of Indirect Taxes & Customs ने हाई बायोफ्यूल ब्लेंड्स पर एक्साइज ड्यूटी माफ़ कर दी
     

इसलिए यह कहना कि E20 केवल टैक्स वसूलने का तरीका है, तथ्यों से परे और निराधार है

 

 

निष्कर्ष: E20 पेट्रोल — भारत की ऊर्जा क्रांति का नया अध्याय

 

E20 फ्यूल का भारत में आगमन एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल प्रोग्राम (EBP) के इतिहास में एक बड़ा कदम है। 2003 से शुरू हुए इस कार्यक्रम ने न केवल देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत किया है, बल्कि पर्यावरण और किसानों — दोनों को फायदा पहुँचाया है। लेकिन इन फायदों का पूरा लाभ तभी मिल सकता है जब हम — एक उपभोक्ता के रूप में — इससे जुड़ी भ्रांतियों को समझें और सही जानकारी के साथ फैसला लें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

सभी को बड़ा करें
Q1. क्या E20 पेट्रोल मेरी कार के इंजन को नुकसान पहुंचा सकता है?
Q2. क्या E20 पेट्रोल से माइलेज में भारी गिरावट आती है?
Q3. क्या E20 पेट्रोल संक्षारणकारी (corrosive) है और फ्यूल सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है?
Q4. क्या एथेनॉल ब्लेंडेड फ्यूल को मिलावटी पेट्रोल माना जा सकता है?
Q5. क्या एथेनॉल उत्पादन से भारत में खाद्यान्न की कमी हो सकती है?
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