

2025 में बिना हेलमेट बाइक चलाने पर लगेगा तगड़ा जुर्माना – चालान की रकम जानिए
- 1भारत में बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चलाना एक दंडनीय अपराध है
- 2हर राज्य में बिना हेलमेट का जुर्माना अलग है – अपने राज्य का नियम जानिए
- 3हेलमेट की सुरक्षा गुणवत्ता पर भारत सरकार के सख्त नियम लागू हैं
भारत जैसे देश में जहां ट्रैफिक का लेवल बहुत हाई है, वहां दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनना न केवल एक सुरक्षा उपाय है, बल्कि एक कानूनी ज़िम्मेदारी भी है। चाहे आप बाइक राइडिंग को रोमांचक अनुभव मानें या सिर्फ एक ज़रूरी यात्रा का जरिया — हेलमेट पहनना आपकी बेसिक सेफ्टी का हिस्सा होना चाहिए।
कई बार ऐसा देखा गया है कि राइडर खुद तो गाड़ी पर पूरा कंट्रोल रखते हैं, लेकिन दूसरे वाहनों की गलतियों का खामियाज़ा भुगतते हैं। इसी खतरे को देखते हुए, भारत सरकार ने मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act, 1988) में 2019 में एक अहम संशोधन किया, जिससे बिना हेलमेट बाइक चलाने पर भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया।
भारत में बिना हेलमेट चलाने पर राज्यवार चालान राशि
2019 से पहले, बिना हेलमेट पकड़े जाने पर सिर्फ ₹100 का चालान कटता था। लेकिन यह राशि बहुत कम थी, जिससे लोग नियमों को गंभीरता से नहीं लेते थे। सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं और ट्रैफिक नियमों के लगातार उल्लंघन को देखते हुए मोटर वाहन अधिनियम में बदलाव किया, और बिना हेलमेट चलाने पर जुर्माना बढ़ाकर ₹1,000 कर दिया।
इसके साथ ही कई राज्यों को यह अधिकार भी दिया गया कि वे इस नियम के तहत ड्राइविंग लाइसेंस को 3 महीने तक सस्पेंड कर सकते हैं। नए नियमों के अनुसार, इस्तेमाल किया गया हेलमेट ISI सर्टिफाइड होना चाहिए और उसमें 20-25 मिमी मोटा फोम होना अनिवार्य है।
कुछ प्रमुख राज्यों में चालान राशि:
| राज्य | चालान राशि / सजा |
| आंध्र प्रदेश | ₹1,000 और/या 3 महीने तक लाइसेंस सस्पेंशन |
| दिल्ली | ₹1,000 और/या 3 महीने तक लाइसेंस सस्पेंशन |
| हरियाणा | ₹1,000 |
| कर्नाटक | ₹1,000 और/या 3 महीने तक लाइसेंस सस्पेंशन |
| महाराष्ट्र | ₹1,000 और/या 3 महीने तक लाइसेंस सस्पेंशन |
| ओडिशा | ₹1,000 |
| पंजाब | ₹1,000 और/या 3 महीने तक लाइसेंस सस्पेंशन |
| तेलंगाना | ₹200 |
| उत्तर प्रदेश | ₹600 |
| पश्चिम बंगाल | ₹1,000 और/या 3 महीने तक लाइसेंस सस्पेंशन |
चालान का भुगतान कैसे करें?
अगर आप पर बिना हेलमेट बाइक चलाने का चालान कटा है, तो सलाह दी जाती है कि आप जल्दी से जल्दी उसका भुगतान कर दें। चालान का भुगतान दो तरीकों से किया जा सकता है — ऑनलाइन और ऑफलाइन।
1. ऑनलाइन चालान भुगतान कैसे करें:
- परिवहन सेवा वेबसाइट (Parivahan Sewa) पर जाएं।

2. Challan’ या ‘Violation Payment’ बटन पर क्लिक करें।

3. मांगी गई जगह में अपना चालान नंबर या वाहन नंबर डालें।

4. कैप्चा कोड भरें और सबमिट करें।
5. अगली स्क्रीन पर चालान की डिटेल्स चेक करें और आगे बढ़ें।
6. भुगतान के लिए अपनी पसंद का मोड चुनें – जैसे डेबिट/क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग, UPI या Paytm।

पेमेंट पूरा होने पर आपके मोबाइल पर रसीद और नोटिफिकेशन आ जाएगा। आप चाहें तो इसे डाउनलोड करके प्रिंट भी कर सकते हैं।
2. ऑफलाइन चालान भुगतान:
अगर आपके पास ऑनलाइन पेमेंट का ऑप्शन नहीं है, तो आप अपने शहर के नज़दीकी ट्रैफिक पुलिस स्टेशन जाकर भी चालान का भुगतान कर सकते हैं। चालान का नंबर देकर वेरीफिकेशन कराएं, फिर भुगतान करके रसीद प्राप्त करें जो भविष्य में रेफरेंस के लिए काम आएगी।
बाइक चलाते वक्त हेलमेट क्यों ज़रूरी है?
भारत में हर साल हजारों लोग सड़क हादसों का शिकार होते हैं, और दोपहिया वाहन चालक इनमें सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। क्या आप जानते हैं कि साल 2022 में भारत में लगभग 75,000 दोपहिया वाहन चालकों की जान चली गई? यानी कुल सड़क दुर्घटनाओं में 44% मौतें सिर्फ दोपहिया वाहनों से जुड़ी थीं।
ऐसे में यह समझना ज़रूरी है कि हेलमेट पहनना कोई औपचारिकता नहीं, बल्कि जान बचाने वाला एक अहम सुरक्षा कवच है।
हेलमेट क्यों पहनना चाहिए?
बाइक चलाते समय आपके और सड़क के बीच कोई बैरियर नहीं होता। अगर कोई एक्सीडेंट होता है, तो आपकी बॉडी सीधा ज़मीन से टकराती है, और इस टक्कर में सबसे ज्यादा खतरा सिर को होता है। ऐसे में हेलमेट आपके सिर को गंभीर चोट से बचा सकता है। हालांकि हेलमेट 100% सुरक्षा की गारंटी नहीं देता, लेकिन यह चोट लगने की गंभीरता को बहुत हद तक कम कर सकता है।
भारत में किस तरह के हेलमेट की अनुमति है?
मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 129 के तहत सार्वजनिक स्थान पर दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनना अनिवार्य है। साथ ही, यह भी नियम है कि हेलमेट अच्छी क्वालिटी का हो, मज़बूती से बंधा हो, और दुर्घटना की स्थिति में पर्याप्त सुरक्षा दे सके।
सरकार ने हेलमेट निर्माण के लिए कुछ स्टैंडर्ड भी तय किए हैं:
- हेलमेट का वजन 1.2 किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए।
- इसमें 20-25 मिमी मोटा फोम लगा होना चाहिए।
- हर हेलमेट पर ISI मार्क होना अनिवार्य है।
- क्लियर वाइज़र होना चाहिए जिससे देखने में बाधा न हो।
- BIS (भारतीय मानक ब्यूरो) द्वारा एब्जॉर्प्शन टेस्ट पास करना भी अनिवार्य है।
सही हेलमेट कैसे चुनें?
अच्छा हेलमेट चुनना न केवल आपकी सुरक्षा बल्कि आराम के लिए भी जरूरी है। यहां कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- मटेरियल: हल्के हेलमेट के लिए कार्बन फाइबर, केव्लर जैसे कॉम्पोजिट मटेरियल बेहतर होते हैं। सस्ते और मजबूत विकल्प के लिए ABS या पॉलीकार्बोनेट हेलमेट भी अच्छे हैं।
- इम्पैक्ट रेजिस्टेंस: कार्बन फाइबर, थर्मोसेट रेजिन जैसे मटेरियल एक्सीडेंट के समय ताकतवर सुरक्षा देते हैं।
- ड्यूरेबिलिटी: UV रेज़, बारिश, और गर्मी में टिके रहने वाला मटेरियल लें। कॉम्पोजिट मटेरियल बेहतर प्रदर्शन करते हैं।
- साइज़ और फिटिंग: हेलमेट सिर पर ठीक से फिट हो, न तो ज़्यादा टाइट और न ही ढीला।
- वेंटिलेशन: हवादार हेलमेट, जिसमें लाइनर हटाए जा सकें और शोर कम करने की तकनीक हो, लंबे सफ़र को आरामदायक बनाते हैं।
ध्यान दें: हेलमेट का टूटना या क्रैक होना एक्सीडेंट के दौरान सामान्य है। इसका मतलब है कि उसने प्रभाव को सही से सोख लिया और आपको गंभीर चोट से बचाया।
निष्कर्ष
भारत में हेलमेट पहनना अब सिर्फ नियम का पालन नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी बन गया है। मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव और ₹1,000 तक के चालान से अब ये ज़रूरी हो गया है कि हर दोपहिया चालक और पीछे बैठा व्यक्ति हेलमेट ज़रूर पहने।
एक अच्छा और ISI प्रमाणित हेलमेट चुनना आपकी जिंदगी बचा सकता है। और अच्छी बात यह है कि आज भारतीय बाजार में कई विश्वसनीय ब्रांड्स उपलब्ध हैं जो हर बजट में क्वालिटी हेलमेट उपलब्ध करा रहे हैं।
यहां तो हमने सिर्फ हेलमेट से सम्बन्धित नियम और चालान के बारे में जानकारी ली। पर अगर आप चाहतें हैं कि आपको सभी तरह के ट्रैफिक नियम और चालानों की जानकारी हो जिससे आप सड़क पर सुरक्षित और चालान रहित ड्राइविंग कर सकें तो अभी हमारा आर्टिकल भारत में 2025 के लिए ट्रैफिक के उल्लंघन और जुर्मानों की सूची पढ़ें।
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