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Bharat NCAP vs Global NCAP: Differences Explained and Why they Matter
Bharat NCAP vs Global NCAP: Differences Explained and Why they Matter

Bharat NCAP बनाम Global NCAP – कौन सी रेटिंग आपकी कार के लिए ज्यादा मायने रखती है?

18 Sept 2025
Key highlights
  • 1
    Bharat NCAP भारत सरकार द्वारा समर्थित पहला क्रैश टेस्ट प्रोग्राम है
  • 2
    भारत और Global NCAP ने कार निर्माताओं को सुरक्षित कारें बनाने के लिए प्रेरित किया है
  • 3
    दोनों प्रोग्राम सेफ्टी के लिए समान 5-स्टार स्केल पर कारों को आंकते हैं
आउटलाइन

आज जब कोई वाहन खरीदते हैं, तो उसका सेफ्टी लेवल सबसे अहम पहलुओं में से एक होता है। यही वजह है कि कार निर्माता अपनी गाड़ियों में कई तरह के एक्टिव सेफ्टी फीचर्स शामिल कर रहे हैं। लेकिन इसके अलावा, गाड़ियों की सुरक्षा का निष्पक्ष आकलन करने का सबसे भरोसेमंद तरीका है क्रैश टेस्ट रेटिंग्स।

 

जहां Global NCAP कई सालों से भारत में बनी गाड़ियों पर क्रैश टेस्ट कर रहा था, वहीं अब Bharat NCAP की शुरुआत के साथ भारत को अपनी परिस्थितियों के हिसाब से बना हुआ सेफ्टी असेसमेंट प्रोग्राम मिल गया है। आइए जानते हैं दोनों के बीच क्या समानताएँ और अंतर हैं और ये वाहन सुरक्षा और खरीदारों पर कैसे असर डालते हैं।

 

NCAP (न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम) क्या है?

 

What is New Car Assessment Program (NCAP)

 

सरल शब्दों में, NCAP यानी New Car Assessment Program एक सिस्टम है जो यह जांचता है कि किसी दुर्घटना की स्थिति में गाड़ी अपने यात्रियों की सुरक्षा कितनी अच्छी तरह कर सकती है। इसके लिए गाड़ियों को 1 से 5 स्टार रेटिंग दी जाती है। स्टार जितने ज्यादा होंगे, सेफ्टी उतनी बेहतर मानी जाएगी।

 

क्रैश टेस्ट की भूमिका

 

NCAP टेस्ट्स वास्तविक दुर्घटनाओं जैसे हालात को सिम्युलेट करके गाड़ी की सुरक्षा का मूल्यांकन करते हैं। इनमें आमतौर पर शामिल होते हैं:

 

  • फ्रंटल क्रैश टेस्ट: सामने से टक्कर की स्थिति में यात्रियों की सुरक्षा का आकलन। 
  • साइड-इंपैक्ट टेस्ट: साइड से टक्कर (T-बोन एक्सीडेंट) के दौरान सुरक्षा की जांच। 
  • चाइल्ड सेफ्टी टेस्ट: बच्चों की सुरक्षा (ISOFIX सीट्स, सीटबेल्ट्स) का मूल्यांकन। 
  • पैदल यात्री सुरक्षा टेस्ट: एक्सीडेंट की स्थिति में पैदल यात्रियों को गाड़ी से कितनी चोट पहुँच सकती है।
     

भारत जैसे देश में, जहां सड़क हादसे मृत्यु का बड़ा कारण हैं, मजबूत सेफ्टी स्टैंडर्ड और उपभोक्ता जागरूकता सीधे तौर पर चोटों और मौतों को कम कर सकती है।

 

Bharat NCAP: भारत का घरेलू सेफ्टी स्टैंडर्ड

 

Bharat NCAP: India’s Homegrown Safety Standard

 

2023 में लॉन्च हुआ Bharat NCAP भारत का अपना क्रैश टेस्टिंग प्रोग्राम है। Global NCAP एक स्वतंत्र संस्था है, जबकि Bharat NCAP को भारत सरकार के Ministry of Road Transport and Highways (MoRTH) का समर्थन प्राप्त है।

 

Bharat NCAP के उद्देश्य

 

  • भारतीय उपभोक्ताओं को नई कारों की सेफ्टी रेटिंग की स्पष्ट जानकारी देना।
  • निर्माताओं को भारत के लिए ज्यादा सुरक्षित गाड़ियाँ बनाने के लिए प्रोत्साहित करना। 
  • एडवांस सेफ्टी फीचर्स जैसे ESC (Electronic Stability Control) और 6 एयरबैग्स को बढ़ावा देना। 
  • स्थानीय सड़क परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए भारतीय मानकों को वैश्विक स्तर के करीब लाना।

 

Bharat NCAP क्रैश टेस्ट मानक

 

Bharat NCAP भी स्टार रेटिंग (1 से 5) सिस्टम अपनाता है, जो वयस्क और बच्चों की सुरक्षा पर आधारित होती है। इसमें शामिल हैं:

 

  • 64 kmph की स्पीड पर फ्रंटल क्रैश टेस्ट (Global NCAP जैसा ही)।
  • साइड-इंपैक्ट टेस्ट जिससे वाहन की स्थिरता का आकलन हो।
  • पैदल यात्री सुरक्षा मानक। 
  • वैकल्पिक टेस्ट्स जैसे ESC और ADAS जैसे इलेक्ट्रॉनिक सेफ्टी फीचर्स की जांच।
     

Bharat NCAP का भारतीय गाड़ियों पर प्रभाव

 

लॉन्च के बाद से ही Tata, Mahindra, Hyundai, Citroen और Skoda जैसी कंपनियों ने अपनी गाड़ियाँ स्वेच्छा से Bharat NCAP टेस्टिंग के लिए दी हैं। इससे साफ है कि भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री अब सेफ्टी को प्राथमिकता देने लगी है।

उच्च Bharat NCAP रेटिंग वाली गाड़ियों की बिक्री भी बढ़ सकती है, क्योंकि अब जागरूक खरीदार उच्च-रेटेड कारों को ही प्राथमिकता देंगे।

 

Global NCAP: सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक

 

Global NCAP: The International Benchmark for Safety

 

Global NCAP (GNCAP) एक स्वतंत्र संगठन है जो दुनियाभर में कारों की सुरक्षा टेस्टिंग करता है, और 2014 से भारत में भी यह सक्रिय है। यह संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा मानकों का पालन करता है और भारतीय बाजार की कारों में इंजीनियरिंग व डिज़ाइन से जुड़ी खामियों को उजागर करने में बड़ी भूमिका निभा चुका है।

 

Global NCAP कैसे काम करता है

 

  • निर्माता की भागीदारी के बिना स्वतंत्र रूप से क्रैश टेस्ट करता है।
  • कारों का मूल्यांकन वयस्क और बच्चों की सुरक्षा के आधार पर अलग-अलग करता है। 
  • वैश्विक स्तर पर बेहतर सुरक्षा मानकों को बढ़ावा देता है। 
  • #SaferCarsForIndia अभियान शुरू किया, जिसने भारत में बजट कारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर खामियों को उजागर किया।
     

Global NCAP बनाम Bharat NCAP: मुख्य अंतर और समानताएँ

 

हालांकि दोनों प्रोग्राम्स का उद्देश्य कार की क्रैश वर्थीनेस का आकलन करना है, लेकिन Bharat NCAP खासतौर पर भारतीय सड़क स्थितियों, ड्राइविंग पैटर्न और स्थानीय नियमों के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके विपरीत, Global NCAP अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करता है, जो कई क्षेत्रों में लागू होते हैं।

 

फीचरBharat NCAPGlobal NCAP
नियामक समर्थनभारत सरकार (MoRTH)स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय संगठन
मार्केट फोकसभारत में बिकने वाली कारेंदुनियाभर में बिकने वाली कारें
टेस्टिंग स्कोपसिर्फ राइट-हैंड ड्राइव वाहनलेफ्ट-हैंड और राइट-हैंड ड्राइव दोनों
फ्रंटल क्रैश टेस्ट स्पीड64 kmph64 kmph
साइड इंपैक्ट टेस्ट स्पीड50 kmph50 kmph
पोल साइड इंपैक्ट टेस्ट स्पीडअनिवार्य (29 kmph)वैकल्पिक (क्षेत्र के अनुसार)
चाइल्ड सेफ्टी रेटिंगओवरऑल रेटिंग में शामिलअलग-अलग वयस्क और बच्चों के लिए
5-स्टार (एडल्ट प्रोटेक्शन) स्कोरिंगकम से कम 27 पॉइंट्सकम से कम 34 पॉइंट्स
5-स्टार (चाइल्ड प्रोटेक्शन) स्कोरिंगकम से कम 41 पॉइंट्सकम से कम 40 पॉइंट्स

 

Global और Bharat NCAP में समानताएँ

 

भले ही दोनों प्रोग्राम्स में कुछ अंतर हों, लेकिन उनका मूल उद्देश्य एक ही है: वाहन सुरक्षा में सुधार और दुर्घटना में मृत्यु दर को कम करना।

 

  • सुरक्षा जागरूकता बढ़ाना: दोनों प्रोग्राम्स उपभोक्ताओं को सुरक्षा के महत्व के बारे में शिक्षित करते हैं और निर्माताओं को ज्यादा सुरक्षित गाड़ियाँ बनाने के लिए प्रेरित करते हैं।
     
  • संरचना को मजबूत बनाना: कार कंपनियाँ अब बेहतर रेटिंग पाने के लिए चेसिस को मजबूत कर रही हैं और एयरबैग्स व एक्टिव सेफ्टी फीचर्स जोड़ रही हैं।
     
  • भारतीय नियमों पर असर: Global NCAP के #SaferCarsForIndia अभियान ने भारत में बनी कारों की खामियों को उजागर किया, जिसके बाद सरकार ने सख्त कदम उठाए और Bharat NCAP लॉन्च किया।
     
  • उपभोक्ताओं की उम्मीदें बढ़ाना: अब भारतीय खरीदार सेफ्टी को प्राथमिकता देते हैं। ESC, ABS, TPMS और मल्टीपल एयरबैग्स जैसे फीचर्स बजट कारों में भी दिए जाने लगे हैं।
     

भारत में सबसे ज्यादा रेटिंग पाने वाली 5 कारें (Bharat NCAP & Global NCAP)

 

भारत में सेफ्टी-रेटिंग्स अब कार खरीदने का बड़ा फैक्टर बन चुकी हैं। Bharat NCAP और Global NCAP दोनों ने भारतीय बाजार की कई गाड़ियों का परीक्षण किया है और कुछ मॉडलों ने बेहतरीन 5-स्टार रेटिंग हासिल की है। आइए देखते हैं इनका परफॉर्मेंस।

 

Bharat NCAP में टॉप-रेटेड कारें

 

अब तक Bharat NCAP के तहत जिन कारों ने 5 स्टार हासिल किए हैं, उनमें से कुछ प्रमुख मॉडल और उनके स्कोर इस प्रकार हैं:

 

मॉडलस्टार रेटिंगस्कोर
Skoda Kylaq5 स्टार30.88/32 एडल्ट
Mahindra XEV 9e5 स्टार32/32 एडल्ट
Mahindra BE 65 स्टार31.97/32 एडल्ट
Hyundai Tucson5 स्टार30.84/32 एडल्ट
Mahindra Thar Roxx5 स्टार31.09/32 एडल्ट

 

Global NCAP में टॉप-रेटेड कारें

 

भारत में बिकने वाली कई गाड़ियाँ Global NCAP टेस्ट में भी शानदार प्रदर्शन कर चुकी हैं। यहां देखें उनकी रेटिंग और स्कोर:

 

मॉडलस्टार रेटिंगस्कोर
Tata Punch5 स्टार16.45/17 एडल्ट
Mahindra XUV7005 स्टार16.03/17 एडल्ट
Tata Nexon5 स्टार16.06/17 एडल्ट
Volkswagen Taigun5 स्टार29.64/34 एडल्ट
Skoda Kushaq5 स्टार29.64/34 एडल्ट

 

पुराने Maruti Suzuki मॉडल्स ने खराब स्कोर क्यों किया?

 

कुछ पुराने Maruti Suzuki मॉडलों ने NCAP टेस्ट में कम या शून्य-स्टार रेटिंग पाई थी। इसका मतलब यह नहीं कि वे पूरी तरह स्ट्रक्चरल तौर पर कमजोर थीं। असल में, ये मॉडल जापानी क्रैश टेस्ट मानकों के अनुसार बनाए गए थे, जिनका फोकस NCAP टेस्ट की तुलना में अलग इम्पैक्ट परिदृश्यों पर होता है।

 

अब Maruti Suzuki ने अपनी रणनीति बदली है और नई गाड़ियाँ Bharat NCAP और Global NCAP मानकों को ध्यान में रखकर विकसित की जा रही हैं। इसका अच्छा उदाहरण है नई Dzire, जिसने Global NCAP टेस्ट में 5-स्टार रेटिंग पाई। पुराने मॉडल के प्लेटफॉर्म पर रहते हुए भी Maruti ने स्ट्रक्चरल बदलाव किए और कार को 30–40 किलो तक भारी बनाया ताकि बेहतर स्कोर हासिल किया जा सके।

 

Euro NCAP: सबसे सख्त सेफ्टी स्टैंडर्ड

 

Euro NCAP has even stricter Safety Standards

 

Euro NCAP दुनिया की सबसे सख्त क्रैश टेस्टिंग एजेंसियों में से एक है। Bharat NCAP और Global NCAP जहां मुख्य रूप से बुनियादी क्रैश सेफ्टी पर ध्यान देते हैं, वहीं Euro NCAP अतिरिक्त पहलुओं का भी मूल्यांकन करता है, जैसे:

 

  • Autonomous Emergency Braking (AEB) 
  • Lane-Keeping Assistance 
  • Driver Attention Monitoring Systems
     

Euro NCAP के उच्च गति वाले क्रैश टेस्ट और एडवांस्ड असेसमेंट्स इसे खास बनाते हैं। यही वजह है कि Global NCAP में 5 स्टार पाने वाली गाड़ी Euro NCAP में जरूरी नहीं उतना ही स्कोर कर पाए। हालांकि, भारत में भी जैसे-जैसे सेफ्टी रेगुलेशन सख्त होते जाएंगे, संभव है कि भविष्य में Bharat NCAP प्रोटोकॉल Euro NCAP मानकों के करीब पहुँच जाएँ।

 

भारत में कार सेफ्टी का भविष्य

 

Bharat NCAP और Global NCAP दोनों के प्रभाव से भारत अब कार खरीदारों के लिए एक सुरक्षित बाजार बनने की ओर अग्रसर है। आने वाले समय में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

 

कड़े सुरक्षा नियम

 

  • Bharat NCAP रेटिंग्स सभी नए मॉडलों के लिए अनिवार्य हो सकती हैं। 
  • पुराने भारतीय सेफ्टी रेगुलेशन्स की जगह और मजबूत क्रैश-टेस्ट मानक लागू किए जा सकते हैं। 
  • इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा, खासकर बैटरी फायर रिस्क को कम करने के लिए।
     

वैश्विक मानकों पर भारतीय गाड़ियाँ

 

  • अधिक भारतीय कारें 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग हासिल करेंगी, जिससे एक्सपोर्ट को भी बढ़ावा मिलेगा।
  • ऑटोमेकर उन्नत सुरक्षा तकनीक (ADAS, लेन-कीपिंग असिस्ट) शामिल करेंगे।
  • अंतरराष्ट्रीय ब्रांड भारत के लिए और सुरक्षित, ग्लोबली-कम्प्लायंट मॉडल लॉन्च करेंगे।
      

 

निष्कर्ष: किस NCAP पर भरोसा करें?

 

Bharat NCAP और Global NCAP दोनों ही वाहनों की क्रैश-वर्थीनेस का परीक्षण करते हैं। दुर्घटनाएँ अप्रत्याशित होती हैं, और NCAP टेस्ट्स इन्हीं को ध्यान में रखकर अलग-अलग परिदृश्यों में गाड़ियों की सुरक्षा की जांच करते हैं। Bharat NCAP भारत में सुरक्षा मानकों को आकार देने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग और सरकार की ओर से दबाव के चलते भारत में भी गाड़ियाँ जल्द ही वैश्विक मानकों पर बनने लगेंगी।

 

भारत में बेची जाने वाली सभी नई गाड़ियाँ अब BIS क्रैश टेस्ट पास करना अनिवार्य है, जो UN मानकों से मेल खाता है। लेकिन वाहन खरीदते समय सिर्फ क्रैश रेटिंग देखना ही काफी नहीं है। बेसिक एक्टिव सेफ्टी फीचर्स जैसे ABS with EBD, ESP, TPMS और ऑटो इमरजेंसी ब्रेक्स वाली गाड़ियों को प्राथमिकता दें, क्योंकि ये दुर्घटना को होने से पहले ही रोकने में मदद करते हैं।

 

इसके अलावा अगर आप ग्लोबल NCAP रेटिंग में 5-स्टार पाने वाली भारतीय कारों के बारे में विस्तार में पढ़ना चाहते हैं तो अभी पढ़िए हमारा आर्टिकल Global NCAP से 5-स्टार रेटिंग पाने वाली भारतीय कार

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

सभी को बड़ा करें
Q. भारत में नंबर 1 सेफेस्ट कार कौन-सी है?
Q. कौन-सा NCAP सबसे बेहतर है?
Q. क्या 2-स्टार रेटिंग खराब होती है?
Q. क्या Maruti कारें सुरक्षित हैं?
Q. क्या Maruti Swift सुरक्षित है?
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