

गर्मियों में UV कट ग्लास क्यों ज़रूरी है? जानिए इसके बड़े फायदे
- 1UV कट ग्लास कार को 90%+ हानिकारक UV किरणों से बचाता है
- 2गर्मियों में कार को ठंडा रखने का सबसे अच्छा तरीका UV कट ग्लास है
- 3कार में UV कट ग्लास बाद में लगवाया जा सकता है, लेकिन यह किफायती नहीं है
- UV कट ग्लास क्या होता है?
- UV कट ग्लास और सामान्य ग्लास में क्या अंतर है?
- भारत की गर्मी में UV कट ग्लास के फायदे
- क्या भारत में UV कट ग्लास वैध है?
- क्या UV कट ग्लास बाद में लगवाया जा सकता है?
- किन कारों में आता है UV कट ग्लास? भारत में मौजूद विकल्प
- क्या UV कट ग्लास रात में ड्राइविंग को प्रभावित करता है?
- UV कट ग्लास की कुछ सीमाएँ
- कैसे पहचानें कि आपकी कार में UV कट ग्लास है या नहीं?
- UV कट ग्लास से अधिकतम लाभ उठाने के टिप्स
- UV कट ग्लास बनाम सेरामिक टिंट: कौन बेहतर है?
- निष्कर्ष
गर्मियों का मौसम आते ही ट्रैफिक में फंसे रहना और सिर पर तेज़ धूप झेलना किसी सज़ा से कम नहीं लगता। ऐसी स्थिति में आपकी कार का एसी तो अहम भूमिका निभाता ही है, लेकिन एक और बेहद ज़रूरी पहलू है — आपकी कार की खिड़कियों का ग्लास।
जहाँ सामान्य ग्लास अल्ट्रावायलेट (UV) किरणों से बेहद कम सुरक्षा देता है, वहीं UV कट ग्लास एक ऐसी रुकावट खड़ी करता है जो केबिन के अंदर की गर्मी और UV विकिरण को काफी हद तक कम कर देता है।
आज भारत में कई कार कंपनियाँ धीरे-धीरे अपने मॉडलों में UV कट ग्लास देने लगी हैं, लेकिन ज़्यादातर लोग अब भी नहीं जानते कि ये असल में करता क्या है। इस लेख में हम UV कट ग्लास से जुड़ी सभी ज़रूरी जानकारियाँ आसान भाषा में साझा कर रहे हैं।
UV कट ग्लास क्या होता है?

सबसे पहले ये समझना ज़रूरी है कि UV कट ग्लास असल में होता क्या है -
- यह एक ऐसा ऑटोमोटिव ग्लास होता है जिस पर खास तरह की कोटिंग या परत होती है जो UV किरणों को रोकने का काम करती है
- यह UV-A और UV-B दोनों किरणों की प्रवेश क्षमता को कम करता है, जो आपकी त्वचा और कार के इंटीरियर दोनों के लिए हानिकारक होती हैं
- यह ग्लास पूरी तरह पारदर्शी होता है — यानी यह न तो दृश्यता कम करता है और न ही गाड़ी के लुक को बदलता है
- यह देखने में सामान्य शीशे जैसा लगता है, लेकिन UV सुरक्षा के मामले में कहीं बेहतर प्रदर्शन करता है
UV कट ग्लास और सामान्य ग्लास में क्या अंतर है?
कई लोगों को लगता है कि सभी कारों के शीशे UV किरणों को रोकते हैं — लेकिन यह सच नहीं है।
- सामान्य ग्लास थोड़ी मात्रा में UV-B किरणों को रोक सकता है, लेकिन UV-A से बिल्कुल सुरक्षा नहीं देता
- UV कट ग्लास पूरी स्पेक्ट्रम वाली UV सुरक्षा देता है, जो सामान्य लैमिनेटेड या टेम्पर्ड ग्लास नहीं कर पाते
- यह किसी फिल्म या टिंट पर निर्भर नहीं करता — इसलिए आपको सनफिल्म जैसी चीज़ों की वैधता की चिंता नहीं करनी पड़ती
- इसमें छिलने, फीके पड़ने या बुलबुले बनने जैसी समस्याएँ नहीं आतीं, जो कि सस्ती फिल्मों में होती हैं
भारत की गर्मी में UV कट ग्लास के फायदे

भारतीय गर्मियों की तीव्रता को देखते हुए UV कट ग्लास कई अहम फायदे देता है:
- आपकी त्वचा को टैनिंग और लंबे समय तक UV किरणों के संपर्क से बचाता है — खासकर लंबी दूरी की यात्राओं में
- केबिन के तापमान को काफी हद तक घटाता है, जिससे AC कम मेहनत करता है
- डैशबोर्ड और सीटों के कपड़े (विशेषकर हल्के रंग जैसे बेज और ग्रे) को फीका या फटने से बचाता है
- AC पर लोड कम होने से ईंधन की खपत भी कम होती है, यानी माइलेज बेहतर होता है
- कार की इंटीरियर कंडीशन बेहतर रहने से रीसेल वैल्यू भी ज़्यादा मिलती है
- यह किसी बाहरी फिल्म पर निर्भर नहीं करता, इसलिए दृश्यता कम नहीं होती और सुरक्षा भी बनी रहती है
क्या भारत में UV कट ग्लास वैध है?
टिंटेड ग्लास को लेकर भारत में काफ़ी भ्रम रहता है — आइए इसे दूर करें:
- UV कट ग्लास भारत में पूरी तरह वैध है — बस इसे मोटर वाहन अधिनियम में तय मानकों के अनुसार न्यूनतम दृश्यता रखनी चाहिए
- सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में आफ्टरमार्केट सन फिल्म्स पर रोक लगाई थी, लेकिन फैक्टरी फिटेड UV कट ग्लास इस आदेश के तहत नहीं आता
- क्योंकि यह ग्लास दिखने में सामान्य पारदर्शी शीशे जैसा होता है, इसलिए ट्रैफिक पुलिस की नज़र में नहीं आता
क्या UV कट ग्लास बाद में लगवाया जा सकता है?

हां, लेकिन यह किसी सनशेड को चिपकाने जितना आसान या सस्ता नहीं होता।
- इसके लिए आपकी कार के मौजूदा ग्लास पैनल्स को निकालकर UV कट ग्लास से बदलना पड़ता है
- यह खर्च ₹25,000 से ₹80,000 के बीच हो सकता है — जो आपकी कार के मॉडल और कितने शीशे बदले जा रहे हैं, उस पर निर्भर करता है
- इसे केवल अधिकृत सर्विस सेंटर या भरोसेमंद ग्लास विशेषज्ञ से ही करवाना चाहिए — सस्ते विकल्प सुरक्षा से समझौता कर सकते हैं
- कुछ पुराने या बजट सेगमेंट की गाड़ियों के लिए UV कट ग्लास आसानी से उपलब्ध नहीं होता
- प्रीमियम गाड़ियों में विंडशील्ड या रियर ग्लास बदलने पर डिफॉगर, रेन सेंसर या ADAS फीचर्स को री-कैलिब्रेट करना पड़ सकता है
किन कारों में आता है UV कट ग्लास? भारत में मौजूद विकल्प
अब भारत में कई ब्रांड्स फैक्टरी से ही UV कट ग्लास उपलब्ध करा रहे हैं, खासकर मिड-सेगमेंट से प्रीमियम कारों में। यदि मॉडल नया है, तो सेकेंड हैंड कारों में भी यह सुविधा मिल सकती है।
- Maruti Suzuki: Baleno, XL6 और Fronx के टॉप वेरिएंट्स में UV कट ग्लास मिलता है
- Toyota: Urban Cruiser Hyryder में UV कट ग्लास शामिल है
- Kia: Seltos और Sonet में चुनिंदा वेरिएंट्स में यह फ़ीचर दिया गया है
- Honda: Elevate के ऊपरी वेरिएंट्स में UV कट ग्लास मिलता है
- Skoda और Volkswagen: Slavia और Virtus में हीट इंसुलेटिंग ग्लास दिया जाता है, जो लगभग समान काम करता है
- लक्ज़री सेगमेंट: Audi, BMW और Mercedes-Benz की लगभग सभी कारों में UV/IR कट ग्लास स्टैंडर्ड होता है
क्या UV कट ग्लास रात में ड्राइविंग को प्रभावित करता है?

बिलकुल नहीं — बल्कि यह टिंटेड ग्लास की तुलना में दृश्यता बेहतर बनाता है।
- UV कट ग्लास पूरी तरह पारदर्शी रहता है — दिन या रात, दृश्यता कम नहीं होती
- यह आपकी हेडलाइट की रोशनी पर कोई असर नहीं डालता, जिससे रात में देखने में कोई दिक्कत नहीं आती
- इसमें चकाचौंध या धुंधलापन नहीं आता, जो कि पुराने सन फिल्म में अक्सर देखा जाता है
UV कट ग्लास की कुछ सीमाएँ
हालाँकि UV कट ग्लास कई फायदे देता है, फिर भी इसमें कुछ कमियाँ भी हैं:
- अगर खिड़की या शीशा टूट जाए तो बदलवाना महँगा पड़ सकता है
- बजट कारों में इसकी उपलब्धता सीमित होती है, जिससे रेट्रोफिट कराना मुश्किल हो सकता है
- यह पूरी तरह से IR (इंफ्रारेड) किरणों को नहीं रोकता — यानी केबिन में कुछ गर्मी फिर भी महसूस हो सकती है
- कुछ मामलों में पोलराइज़्ड चश्मे से शीशे पर इंद्रधनुषी पैटर्न या आकृति दिखाई दे सकती है
कैसे पहचानें कि आपकी कार में UV कट ग्लास है या नहीं?
अक्सर लोगों को यह तक पता नहीं होता कि उनकी गाड़ी में UV कट ग्लास पहले से लगा है।
- शीशे के कोने पर छोटे अक्षरों में "UV Cut", "Solar Glass" या ऐसा ही कुछ लिखा होता है
- अपनी कार की ब्रोशर या मैनुअल देखें या सर्विस सेंटर से पुष्टि करवाएं
- आप ऑनलाइन ₹500 से कम में मिलने वाली UV फ्लैशलाइट से भी जांच कर सकते हैं — यदि शीशे से UV रिएक्टिव सामग्री नहीं चमकती, तो UV कट ग्लास है
UV कट ग्लास से अधिकतम लाभ उठाने के टिप्स

भले ही आपकी कार में UV कट ग्लास हो, कुछ अतिरिक्त उपाय करने से गाड़ी और ठंडी रहेगी:
- गाड़ी पार्क करते समय विंडस्क्रीन पर अच्छी गुणवत्ता वाला सनशेड लगाएं
- हमेशा छाया में पार्किंग की कोशिश करें
- हल्के रंग की सीटें और इंटीरियर धूप को ज़्यादा परावर्तित करते हैं
- शीशे को नियमित रूप से साफ़ करें — गंदगी परत UV सुरक्षा की क्षमता को घटा सकती है
UV कट ग्लास बनाम सेरामिक टिंट: कौन बेहतर है?

दोनों का उद्देश्य है गर्मी और UV किरणों को कम करना, लेकिन तरीका अलग है:
- सेरामिक टिंट्स IR किरणों को बेहतर रोकते हैं, लेकिन भारत में ये अवैध हैं अगर फैक्टरी से न लगे हों
- UV कट ग्लास पूरी तरह वैध और स्थायी होता है, लेकिन हीट कटौती उतनी प्रभावी नहीं होती
- सेरामिक फिल्म को हटाया या बदला जा सकता है, जबकि UV कट ग्लास में डैमेज होने पर पूरा शीशा बदलना पड़ता है
- भारत जैसे देश में, UV कट ग्लास रोज़मर्रा की ज़रूरत और क़ानूनी सुरक्षा के लिहाज़ से बेहतर विकल्प है
निष्कर्ष
UV कट ग्लास अब सिर्फ लक्ज़री फीचर नहीं रह गया है। भारत जैसे देश में, जहाँ तेज़ गर्मी और ट्रैफिक का सामना रोज़ होता है, यह फीचर सच में राहत देता है — चाहे वो केबिन की ठंडक हो, आपकी त्वचा की सुरक्षा या ईंधन की बचत। नई कार खरीदते समय सिर्फ इंजन या टचस्क्रीन पर ध्यान न दें — एक बार शीशे को भी ज़रूर देखें। ये छोटी सी चीज़, आपके पूरे ड्राइविंग अनुभव को बदल सकती है।
ये तो हुई गर्मी में बचाव की बात। पर सर्दियों और बारिश में गाड़ी की विंडशील्ड पर जमने वाली फॉग को हटाना भी बड़ा मुश्किल काम है। फॉग को ना हटा पाने की वजह से अक्सर हमें कार चलाने में दिक्कत होती है। तो चलिए आज इस समस्या से छुटकारा पाते हैं। अभी ऊपर दिए गए लिंक पर क्लिक करिए और जानिए फॉग से बचाव के उपाय।
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