.jpg&w=3840&q=50)
.jpg&w=750&q=50)
कार की लुक बदलनी है? ये गाइड बताएगी कौन-से अलॉय व्हील आपके लिए परफेक्ट हैं
- 1जब बात परफॉर्मेंस और लुक्स की हो, तो अलॉय व्हील्स स्टील व्हील्स पर भारी पड़ते हैं
- 2आफ्टरमार्केट में ऐसे कई ब्रांड्स हैं जो प्रीमियम और भरोसेमंद अलॉय व्हील्स बनाते हैं
- 3गलत अलॉय व्हील गाड़ी के परफॉर्मेंस और माइलेज पर नकारात्मक असर डाल सकता है
- अलॉय व्हील्स: बेसिक्स समझना ज़रूरी है
- अलॉय व्हील्स क्या होते हैं?
- अलॉय व्हील्स की पॉपुलैरिटी क्यों बढ़ रही है?
- अलॉय व्हील्स के प्रकार
- 3. डाई कास्टिंग व्हील्स (Die Casting)
- 4. फोर्ज्ड व्हील्स (Forged Wheels)
- अलॉय व्हील्स के फायदे और नुकसान
- भारत में सबसे अच्छे अलॉय व्हील ब्रांड्स
- अलॉय व्हील खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखें?
- अलॉय व्हील्स बनाम स्टील व्हील्स: क्या है अंतर?
- अलॉय व्हील्स को मेंटेन कैसे करें?
- निष्कर्ष
कभी समय था जब अलॉय व्हील्स केवल प्रीमियम कारों में ही देखने को मिलते थे। लेकिन आज के समय में, Maruti Suzuki Wagon R जैसी बजट कार में भी अलॉय व्हील्स का विकल्प मिलता है। जैसे-जैसे कंपनियाँ अपने स्टील व्हील्स को अलॉय से बदल रही हैं, यह समझना ज़रूरी हो गया है कि अलॉय व्हील्स सिर्फ दिखावे के लिए नहीं होते — ये गाड़ी के परफॉर्मेंस, हैंडलिंग और ड्राइविंग एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने में भी अहम भूमिका निभाते हैं।
बाज़ार में मौजूद ढेरों डिज़ाइन और साइज विकल्पों के बीच सही अलॉय व्हील चुनना थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। लेकिन चिंता न करें — इस गाइड में हम आपको बताएंगे:
- अलॉय व्हील्स क्या होते हैं
- इनके फायदे और नुकसान
- किस तरह के अलॉय व्हील्स उपलब्ध हैं
- कौन-कौन से ब्रांड्स इन्हें बनाते हैं
- कीमत कितनी आती है
…और बहुत कुछ!
Auto के हर सवाल पर चर्चा करने के लिए हमारे CARS24 कम्युनिटी — CLUTCH — का हिस्सा बनें!
अलॉय व्हील्स: बेसिक्स समझना ज़रूरी है
चाहे कंपनी से फिट आए हों या बाद में लगाए गए हों, अलॉय व्हील्स आमतौर पर स्टील व्हील्स से अपग्रेड माने जाते हैं। इन्हें लगाने से कार का लुक तो बेहतर होता ही है, साथ ही:
- गाड़ी की हैंडलिंग सुधरती है
- व्हील्स हल्के होने की वजह से फ्यूल एफिशिएंसी बढ़ती है
- ड्राइविंग स्मूद होती है
लेकिन ये सब जानने से पहले एक सवाल...
अलॉय व्हील्स क्या होते हैं?
जैसा कि नाम से जाहिर है, अलॉय व्हील्स धातु के मिश्रण (मेटल मिक्सचर) से बनाए जाते हैं — यानी एक मेटल और अन्य एलिमेंट्स को मिलाकर। ये आमतौर पर स्टील व्हील्स की तुलना में हल्के और मज़बूत होते हैं।
आप इन्हें:
- सीधे कार कंपनी से खरीद सकते हैं (फैक्ट्री फिटेड),
- या फिर आफ्टरमार्केट शॉप से खरीद कर लगवा सकते हैं।
अलॉय व्हील्स की पॉपुलैरिटी क्यों बढ़ रही है?
बिना ज़्यादा सोचे समझे हम कह सकते हैं कि अलॉय व्हील्स का सबसे बड़ा आकर्षण है इनका लुक — जो कि स्टील व्हील्स से कई गुना बेहतर दिखता है। आज आप इन्हें:
- अनगिनत डिज़ाइनों में
- अलग-अलग फिनिश और कलर में
- कई साइज में पा सकते हैं
लेकिन बात सिर्फ लुक तक सीमित नहीं है।
- अलॉय व्हील्स से गाड़ी की हैंडलिंग बेहतर होती है
- ये स्टील की तुलना में ज़्यादा टिकाऊ और रस्ट-रेज़िस्टेंट होते हैं
- और कुछ मामलों में फ्यूल एफिशिएंसी भी सुधारते हैं
अलॉय व्हील्स के प्रकार
आज बाज़ार में अलग-अलग मेटल मिक्सचर से बने कई तरह के अलॉय व्हील्स मौजूद हैं। हर प्रकार का व्हील:
- देखने में अलग होता है
- परफॉर्मेंस और मज़बूती में भी अंतर होता है
1. एल्युमिनियम अलॉय व्हील्स
सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले व्हील्स एल्युमिनियम अलॉय से बने होते हैं। ये:
- हल्के होते हैं
- फिर भी पर्याप्त मज़बूती देते हैं
- और देखने में भी काफी स्टाइलिश लगते हैं
2. मैग्नीशियम अलॉय व्हील्स
इनका लुक और फील एल्युमिनियम जैसे ही होता है, लेकिन:
- इन्हें ‘Mag Wheels’ भी कहा जाता था
- 1960 के दशक में काफी पॉपुलर थे
- पूरी तरह मैग्नीशियम से बने व्हील्स में जंग और क्रैक आने की दिक्कत थी
- अब इन्हें अलॉय मिक्स में इस्तेमाल किया जाता है — जिससे ये मजबूत और टिकाऊ बनते हैं
3. डाई कास्टिंग व्हील्स (Die Casting)
डाई कास्टिंग में मेटल को बहुत तेज़ गर्म किया जाता है और उसे मोल्ड में ढाला जाता है। यह प्रक्रिया कम लागत में क्वालिटी और मजबूती दोनों देती है।
डाई कास्टिंग के दो मुख्य प्रकार हैं:
a. Low-pressure Die Casting
- गर्म मेटल को बंद मोल्ड में भर दिया जाता है
- एक नली जैसे पाइप के ज़रिए एयर प्रेशर से मोल्ड में भेजा जाता है
- इससे व्हील ठंडा होकर मज़बूत रूप में तैयार होता है
b. High-pressure Die Casting
- प्रक्रिया लगभग वैसी ही है
- फर्क बस इतना है कि हाई प्रेशर में पिस्टन के जरिए मेटल डाला जाता है
- इससे व्हील तेज़ी से तैयार होता है
4. फोर्ज्ड व्हील्स (Forged Wheels)
फोर्ज्ड व्हील्स आमतौर पर हाई-परफॉर्मेंस प्रीमियम गाड़ियों में लगाए जाते हैं। कारण?
- इनका निर्माण प्रोसेस बेहद जटिल और मेहनतभरा होता है
- गर्म करना, रोलिंग, हाई प्रेशर और हथौड़े से संपीड़न जैसे स्टेप्स में तैयार किए जाते हैं
- इस प्रोसेस से व्हील हल्का, मज़बूत और टिकाऊ बनता है
- फोर्ज्ड व्हील्स 1-पीस, 2-पीस या 3-पीस में बनाए जा सकते हैं
अलॉय व्हील्स के फायदे और नुकसान
अलॉय व्हील्स को सिर्फ खूबसूरत दिखने के लिए नहीं लगाया जाता — इनके कई तकनीकी फायदे भी होते हैं। लेकिन जहां फायदे हैं, वहां कुछ कमियां भी मौजूद होती हैं। आइए दोनों पहलुओं को समझते हैं:
अलॉय व्हील्स के फायदे
- बेहतर हैंडलिंग: स्टील व्हील्स की तुलना में अलॉय व्हील्स ज़्यादा मजबूत और कम लचीले होते हैं, जिससे मोड़ पर गाड़ी ज़्यादा स्थिर महसूस होती है।
- अधिक टिकाऊपन: गड्ढों से गुजरते समय अलॉय व्हील्स की स्ट्रक्चरल मजबूती उन्हें क्षति से बचाती है।
- ब्रेकिंग में सुधार: अलॉय डिज़ाइन ब्रेक डिस्क तक हवा के बहाव को बेहतर बनाता है, जिससे ब्रेक्स परफॉर्मेंस में सुधार आता है।
- कम वज़न, बेहतर माइलेज: हल्के होने की वजह से गाड़ी का वजन घटता है और फ्यूल एफिशिएंसी में सुधार होता है।
अलॉय व्हील्स के नुकसान
- सवारी में थोड़ी कठोरता: इनकी कम लचक की वजह से वाइब्रेशन और टायर शोर ज़्यादा महसूस हो सकता है।
- महंगे होते हैं: स्टील व्हील्स की तुलना में अलॉय व्हील्स की कीमत अधिक होती है।
- कम मरम्मतयोग्यता: अगर ये टूट जाएं या डैमेज हो जाएं, तो इनकी मरम्मत कराना कठिन और महंगा होता है।
फायदे | नुकसान |
बेहतर हैंडलिंग | थोड़ी कम राइड कम्फर्ट |
ज्यादा टिकाऊ | कीमत ज़्यादा |
ब्रेक्स को बेहतर कूलिंग | मरम्मत कठिन |
हल्के, इसलिए माइलेज बेहतर | — |
भारत में सबसे अच्छे अलॉय व्हील ब्रांड्स
भारत में अलॉय व्हील्स की डिमांड इतनी ज़्यादा है कि अब आपको हर बजट और डिज़ाइन में कई ब्रांड्स मिल जाते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख ब्रांड्स की सूची है:
1. Neo Wheels
.jpg)
भारत का प्रमुख अलॉय व्हील ब्रांड — कई डिज़ाइन और साइज विकल्पों में उपलब्ध।
स्पेशलिटी: ISO 9001:2015, BIS सर्टिफिकेशन और लिमिटेड लाइफटाइम वारंटी।
2. Borbet (जर्मनी)
.jpg)
जर्मन इंजीनियरिंग से बना ब्रांड, हर व्हील को X-ray द्वारा टेस्ट किया जाता है।
वारंटी: 2 साल की पेंट और परफॉर्मेंस वारंटी।
3. Enkei (जापान)
.jpg)
मशहूर जापानी ब्रांड — Maruti Suzuki, Honda, Toyota जैसी कंपनियों को सप्लाई करता है।
उपलब्धता: टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर दोनों के लिए।
4. OZ Racing (इटली)
.jpg)
1971 से एक्टिव, F1 और WRC जैसे रेसिंग प्लेटफॉर्म से जुड़ा ब्रांड।
फोकस: लाइट वेट, हाई परफॉर्मेंस प्रीमियम व्हील्स।
5. BBS (अमेरिका)
.jpg)
लाइटवेट एल्युमिनियम व्हील्स के लिए मशहूर ब्रांड।
मार्केटिंग: ऑथराइज़्ड डीलर्स के ज़रिए, एक्सेप्शनल क्वालिटी के लिए जाना जाता है।
अलॉय व्हील खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखें?
अगर आप अलॉय व्हील को स्टाइल या परफॉर्मेंस अपग्रेड के तौर पर खरीदना चाह रहे हैं, तो नीचे दी गई बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है:
1. व्हील साइज और स्पेसिफिकेशन
- डायमीटर, चौड़ाई और ऑफसेट — ये सभी चीज़ें आपकी गाड़ी की हैंडलिंग, परफॉर्मेंस और लुक को प्रभावित करेंगी।
- दिखने में भले ही बड़े साइज के व्हील्स आकर्षक लगें, लेकिन उनका वजन गाड़ी की माइलेज और पिकअप को प्रभावित कर सकता है।
- निर्माता द्वारा सुझाए गए साइज से ज़्यादा न जाएं।
2. अलॉय व्हील का मटेरियल
- एल्युमिनियम व्हील्स: हल्के और किफायती होते हैं, इसलिए ज़्यादातर इस्तेमाल किए जाते हैं।
- मैग्नीशियम व्हील्स: और भी हल्के और मजबूत होते हैं, लेकिन इनमें जंग लगने की संभावना अधिक होती है।
3. बजट का ध्यान रखें
- अलॉय व्हील्स कुछ हज़ार से लेकर लाखों रुपये तक में मिल सकते हैं।
- सही ब्रांड और डिज़ाइन का चुनाव अपने बजट के अनुसार करें।
अलॉय व्हील्स बनाम स्टील व्हील्स: क्या है अंतर?
अलॉय व्हील्स एल्यूमिनियम या मैग्नीशियम जैसी धातुओं के मिश्रण (मेटल अलॉय) से बनाए जाते हैं। ये सामान्यत: स्टील व्हील्स से हल्के होते हैं, जिससे:
- माइलेज बेहतर होता है
- हैंडलिंग सुधरती है
- ऐक्सिलरेशन में सुधार होता है
साथ ही, अलॉय व्हील्स देखने में भी कहीं ज़्यादा स्टाइलिश होते हैं — आपको इसमें डिज़ाइन, फिनिश और रंगों की ढेरों वैरायटी मिलती है।
लेकिन, ये कीमत में महंगे होते हैं और गड्ढों या किनारे से टकराने पर जल्दी डैमेज हो सकते हैं।
स्टील व्हील्स शुद्ध स्टील से बने होते हैं। ये:
- ज़्यादा मजबूत और टिकाऊ होते हैं
- डैमेज से बचने की क्षमता ज़्यादा होती है
- और सबसे बड़ी बात — ये अलॉय व्हील्स से सस्ते होते हैं
हालाँकि, स्टील व्हील्स भारी होते हैं जिससे गाड़ी की परफॉर्मेंस और फ्यूल एफिशिएंसी थोड़ी प्रभावित हो सकती है। साथ ही, इनका लुक भी अपेक्षाकृत सामान्य होता है।
किसे चुनें?
- अगर आपकी प्राथमिकता है स्टाइल, बेहतर माइलेज और हैंडलिंग, और बजट कोई समस्या नहीं है — तो अलॉय व्हील्स बेहतर विकल्प हैं।
- लेकिन अगर आप बजट को प्राथमिकता देते हैं और दिखावे से ज़्यादा परवाह नहीं करते — तो स्टील व्हील्स आपके लिए बेहतर हो सकते हैं।
अलॉय व्हील्स को मेंटेन कैसे करें?
जितना ज़रूरी है सही अलॉय व्हील चुनना, उतना ही ज़रूरी है उनकी ठीक से देखभाल करना। हालांकि ये ज़्यादा मेंटेनेंस नहीं मांगते, लेकिन कुछ आसान टिप्स अपनाकर आप इन्हें लंबे समय तक नया जैसा बनाए रख सकते हैं:
- नियमित सफाई करें – माइल्ड सोप और पानी से साफ़ करें। तेज़ केमिकल्स से बचें, वरना कोटिंग को नुकसान हो सकता है।
- सीलेंट या सिरेमिक कोटिंग लगवाएं – इससे व्हील की लाइफ बढ़ती है और स्क्रैच से भी बचाव होता है।
- पाउडर कोटिंग से स्क्रैच छुपाएं – अगर हल्की खरोंच या डेंट हैं तो इसे पाउडर कोटिंग से ठीक किया जा सकता है।
- व्हील बैलेंसिंग कराएं – इससे टायर और व्हील दोनों की लाइफ बराबर रहती है और ड्राइव स्मूद होता है।
निष्कर्ष
अलॉय व्हील्स सिर्फ कार के लुक को ही नहीं, बल्कि उसके प्रदर्शन को भी बेहतर बनाते हैं। अब तो कई मास मार्केट गाड़ियों में भी अलॉय व्हील्स स्टैंडर्ड फीचर बन चुके हैं — जो यह साबित करता है कि इनका फायदा केवल प्रीमियम कारों तक सीमित नहीं है। बाजार में कई आफ्टरमार्केट ब्रांड्स भी मौजूद हैं, जो अच्छी क्वालिटी के अलॉय व्हील्स विकल्प में देते हैं। हां, यह ज़रूरी है कि आप खरीदने से पहले अपने उपयोग, बजट और प्राथमिकताओं को अच्छी तरह समझ लें — क्योंकि स्टील व्हील्स की अपनी उपयोगिता आज भी बनी हुई है।
अलॉय व्हील के साथ गाड़ी में टायर भी अच्छी कम्पनी के और आपकी जरूरत के हिसाब से होने चाहिए। जैसे अगर आपके शहर में बारिश ज्यादा होती है तो आपको वैट-ग्रिप वाले टायर उपयोग करने चाहिए। उसी तरह आपके शहर, जलवायु के हिसाब से आपकी जरूरत क्या है जानने के लिए के लिए हमारा आर्टिकल Best Tyre Brands in India -भारत के बेहतरीन 10 टायर ब्रांडस् पढ़िए।